न्यायपालिका से सेवानिवृत लोग भी मैदान में भारत सारथी/ कौशिक नारनौल। पूर्व आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को राजनीति खूब भाने लगी है। इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि कई अधिकारियों ने बीच में ही नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में आने का फैसला किया। कई ने सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति में आने का मन बनाया। आज बात उन आईएएस, आईपीएस व न्यायपालिका अधिकारियों की करेंगे, जो हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में विभिन्न दलों से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। हरियाणा में विधानसभा चुनाव करीब हैं। राजनीतिक लोगों में कहा जा रहा है कि 25 अगस्त के बाद विधानसभा चुनाव का ऐलान हो सकता है। चुनाव से पहले कई आईएएस, आईपीएस और यहां तक कि रिटायर्ड जज भी किस्मत आजमाने के लिए कतार में हैं। चुनाव में अलग-अलग पार्टियों से टिकट लेने के लिए कई अधिकारी और पूर्व जज कोशिश कर रहे हैं। ज्यादातर रिटायर्ड नौकरशाह कांग्रेस का टिकट चाहते हैं। इनमें से कई तो खुलकर सामने आ गए हैं। वहीं कई पूर्व अधिकारी ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले है और चुनाव के ऐलान का इंतजार कर रहे हैं। टिकट की चाह रखने वाले लोगों ने जनता के बीच आना-जाना शुरू कर दिया है। इस लिस्ट में 2003 बैच के आईएएस अधिकारी विनय सिंह यादव का भी नाम है। वह पिछले साल सितंबर में रिटायर हो चुके हैं। जानकारी के मुताबिक वह नांगल चौधरी से कांग्रेस का टिकट चाहते हैं। उन्होंने कहा, पिछले कई महीनों से मैं कई महीनों से इस इलाके में सक्रिय हूं और लोगों से चुनाव लड़ने के बारे में राय भी ली है। यहां से बीजेपी के विधायक अभय सिंह यादव भी पूर्व आईएएस हैं। वह राज्य सरकार में सिंचाई मंत्री हैं। ये दोनों ही एक ही गांव के रहने वाले हैं एक ही खानदान से ताल्लुक रखते है। ऐसे में अगर दो पूर्व नौकरशाहों का मुकाबला होता है तो यह काफी रोचक होगा। जातिगत समीकरणों को देखते हुए यदि कांग्रेस ने टिकट गुर्जर, जाट या ब्राह्मण समुदाय को दी तो बात दीगर है। दूसरा नाम रिटायर्ड जज राकेश यादव का है। फरवरी 2023 में वह सत्र न्यायाधीश से रिटायर हुए और अब नारनौल सीट से कांग्रेस के टिकट की मांग कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि एसवाईएल मुद्दे का हल निकले और नहर का पर्याप्त पानी मिले। वह नारनौल से डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और सेक्रेटरी भी रह चुके हैं। उनके पिता भी वकील थे और सबसे मजेदार बात यह है कि उनकी दादी और राव इंद्रजीत सिंह की दादी सगी बहनें थीं। एक अन्य रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं। वह भी नारनौल से ही टिकट चाहते हैं। गांव नीरपुर से ही सेवानिवृत्त आईएएस विकास यादव भी नारनौल विधानसभा से कांग्रेस की टिकट की दौड़ में हैं। नारनौल विधानसभा से पूर्व जिला उप न्यायवादी अशोक कुमार मांदी भी नारनौल विधानसभा से अपना भाग्य जमाना चाहते हैं। वह किस पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं इसको लेकर उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। अटेली विधानसभा से भी एक पूर्व आईपीएस अधिकारी सुभाष यादव भी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने की अभिलाषा रखते हैं। मिर्चपुर कांड में सुभाष यादव का नाम उछला था। वह कनीना तहसील के गांव सेहलंग के निवासी है। अन्य पूर्व आईएएस अधिकारी चंद्र प्रकाश ओबीसी वर्ग से आते हैं। वह नलवा, हिसार से चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं। वह हिसार के ही आर्य नगर के रहने वाले हैं । लोकसभा चुनाव में वह हिसार से लोकसभा चुनाव के भी वह उम्मीदवारी चाहते थे। उनके चाचा रामजी लाल राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं और वह भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। उनके अलावा रिटार्डड आईएएस आरएस वर्मा भी आर्य नगर के ही रहने वाले हैं और वह चुनाव में किस्मत आजमाना चाहते हैं। वह नलवा या फिर बरवाला से चुनाव लड़ना चाहते हैं। महेंद्रगढ़ में वह एसडीएम तथा नारनौल में एडीसी के पद पर रह चुके हैं। दो साल पहले वह रिटायर हुए थे लेकिन फिलहाल किसी पार्टी में नहीं हैं। माना जाता है कि वह बीजेपी की तरफ जा सकते हैं। उनकी पंडित रामबिलास शर्मा व अन्य भाजपा नेताओं से नजदीकियां है। पूर्व आईएएस वजीर सिंह गोयत और हरियाणा सिविल सर्विस के पूर्व अधिकारी अमरजीत सिंह भी अलग-अलग पार्टियों से टिकट चाहते हैं। अमरजीत सिंह राज्यपाल के ओएसडी भी रह चुके हैं। यहां आपको बता दे की हरियाणा में आईएएस अधिकारियों का चुनाव लड़ना कृपाराम पूनिया से शुरू हुआ था। इसके बाद अनेक अधिकारियों ने अलग-अलग पार्टियों से अपना भाग्य आजमाया। Post navigation हिंडनबर्ग की रिपोर्ट: महा घोटाले की जेपीसी जांच कराने से क्यों डरते हैं प्रधानमंत्री : कुमारी सैलजा राष्ट्रीय स्तर की छात्रवृति परीक्षा एंथे 19 से 27 अक्तूबर तक