… शहर की सूरत बिगड़ने के लिए लगी हुई है होड़

अपनी सूरत चमकनी चाहिए बेशक शहर की सीरत ही  बिगड़ जाए

सरकारी प्रॉपर्टी से लेकर प्राइवेट प्रॉपर्टी तक चमक रहे चेहरे ही चेहरे

नगर परिषद का दावा 2024-25 स्वच्छता अभियान में ले रहे हिस्सा 

सिस्टम की खामोशी से बिगड़ता जा रहा है पूरा का पूरा ही सिस्टम

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम / पटौदी। नगर निगम हो, जिला परिषद हो, नगर परिषद हो या नगर पालिका हो। शहर को स्वच्छ और सुंदर रखने अथवा बनाने का दायित्व है। इतना ही नहीं मनमानी करने,  अनदेखी करने, अवहेलना करने पर संबंधित व्यक्ति, कंपनी, संस्थान इत्यादि पर  जुर्माना लगाने के साथ कानूनी कार्रवाई किया जाने का प्रावधान भी है। जिससे कि स्थानीय शासन की अतिरिक्त आय भी होती रहे । लेकिन अभाव दिखाई दे रहा है तो केवल और केवल इच्छा शक्ति का ही अभाव दिखाई दे रहा है। यहां तक की विज्ञापन अथवा एडवर्टाइजमेंट इत्यादि या फिर प्रचार के लिए टेंडर तक छोड़े जा रहे हैं । लेकिन अपनी सूरत चमकाने के लालच और पैसा बचाने के लिए एजेंसियों को दरकिनार कर मनमानी तरीके से  पोस्टर फ्लेक्स होर्डिंग इत्यादि जहां मन करे वहीं पर ही लटकाए जा रहे हैं। ऐसे ही कंपटीशन के कार्य में सत्ता पक्ष और विपक्ष के अलावा और भी व्यक्ति अथवा संस्थान अपनी भूमिका निभाते आ रहे हैं।

बात गुरुग्राम शहर की हो जहां पर थ्री टायर सिस्टम अथवा व्यवस्था है। इसके विपरीत शहर से बाहर नगर निगम भी है, नगर पालिका भी है और नगर परिषद भी है । पिछले कुछ दिनों से शहर के बाहर देहात कहे जाने वाले इलाके में पोस्टर फ्लेक्स होर्डिंग की भरमार दिखाई दे रही है । बिजली का खंबा हो, सड़क के बीचो-बीच सीमेंट के डिवाइडर हो, सरकारी कॉलेज – शिक्षण संस्थान की बाउंड्री वालों हो, स्वास्थ्य संस्थान की चार दिवारी हो या फिर आम जनता की सुविधा के लिए बनाए गए जन सुविधा केंद्र ही क्यों ना हो । सभी जगह बिना किसी भेदभाव के राजनीतिक दलों से संबंधित पोस्टर फ्लेक्स होर्डिंग लटके हुए मिलेंगे। स्वच्छता अभियान को लेकर सिस्टम के द्वारा खूब प्रचार और प्रसार भी किया जा रहा है। स्वच्छता अभियान 2024 25 में टॉप टेन में शामिल होने की दावेदारी को लेकर भी अभियान विशेष रूप से चलाए जा रहे हैं। स्वच्छता क्या केवल मात्र यहां वहां पड़े हुए कूड़े अथवा गंदगी को साफ करने तक ही सीमित है या फिर शहर भर में अवैध रूप से लटक रहे अथवा लटकाए गए पोस्टर फ्लेक्स होर्डिंग को हटाना भी शामिल है। 2 दिन बाद स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त और फिर इसके बाद राखी का त्यौहार, जन्माष्टमी जैसे और भी उत्सव को देखते हुए भी अभी आम जनमानस को बधाई के पोस्टर फ्लेक्स होर्डिंग भी लटकने बाकी है।

 कई बार तो यहां तक देखा गया है अथवा शिकायतें तक सुनने को मिल जाती हैं , सड़क पर चलते हुए अचानक कोई नया पोस्टर फ्लेक्स होर्डिंग इत्यादि को देखते हुए वहां बेकाबू होकर संतुलन भी बिगड़ जाता है । सबसे अधिक खतरा सड़क के बीचो-बीच बिजली के खंबो पर अवैध रूप से लगाए गए पोस्टर फ्लेक्स होर्डिंग के ऊपर ही एक दूसरे के पोस्टर फ्लेक्स होर्डिंग लटकाने से भी संकोच नहीं किया जाता । इसका मुख्य कारण यही है कि यह सब किया जाने में न तो किसी प्रकार की परमिशन ली जाती है और नहीं किसी प्रकार का राजस्व का भुगतान किया जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि स्थानीय प्रशासन भी अपनी आंखें बंद किया रहता है । अब देखना यही है कि जगह-जगह लटके हुए अथवा लटकाए गए पोस्टर फ्लेक्स होर्डिंग  पर क्या और कितनी जल्दी एक्शन लिया जा सकेगा।

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