ओलम्पिक में आगे, बजट में पीछे क्यों ?

-कमलेश भारतीय

आज भारत के लिए ओलम्पिक में दोहरी खुशी मिली । ‌नीरज चोपड़ा ने रजत पदक तो भारतीय हाॅकी टीम ने स्पेन को हरा कर कांस्य पदक दिलाया । बेशक नीरज चोपड़ा से स्वर्ण पदक की आस थी पर उन्होंने अपने प्रदर्शन से निराश नहीं किया और रजत पदक तो देश की झोली में डाल ही दिया । दूसरी ओर हाॅकी की जीत में गोलरक्षक श्रीजेश का बहुत बड़ा़ योगदान है । उसने नौ पेनल्टी कार्नर बचाये और ब्रिटेन के पेनल्टी शूट में भी दो गोल बचाये देर, तब भारत यहां तक पहुंचा। अब श्रीजेश हाॅकी टीम से विदाई ले रहे हैं और उनका योगदान सदैव याद रहेगा ।

यह भी आस बनी है कि शायद विनेश फौगाट को रजत पदक मिल जाये । ‌ऐसे समाचार आ रहे हैं और यह संभावना जताई जा रही है । यदि ऐसा हो जाये तो शायद विनेश फौगाट कुश्ती से संन्यास लेने का भावुक फैसला बदल ले । ‌विनेश‌ का परिवार भी चाहता है कि विनेश सन् 2028 का ओलम्पिक खेले । इधर विनेश फौगाट हरियाणा में राजनीति के केंद्र में आ चुकी हैं। जहां हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह घोषणा की है कि विनेश फौगाट को वो सारी सुविधायें व सम्मान दिया जायेगा, जो रजत पदक विजेता को दी जाती हैं । यह अच्छी पहल कही जा सकती है-ज़ख्मों पर मरहम लगाने जैसी लेकिन नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह मांग की है कि भाजपा विनेश फौगाट को राज्यसभा की टिकट देकर सम्मानित करे तो बात बने ! यह बात श्री हुड्डा ने तब कही जब दो दो कांस्य पदक जीतने वाली मनु भाकर उनके आवास पर शुभाशीष लेने पहुंची अपने माता पिता के साथ ! सबसे पहले मनु भाकर ने ही कांस्य पदक जीत कर भारत का ओलम्पिक में पदक का खाता खोला था, फिर दो दो पदक जीतकर तो इतिहास ही रच दिया मनु ने ! इसी प्रकार हिसार के संजय ने भी हाॅकी टीम की जीत में बड़ा योगदान दिया, जब उसके दिये पास पर ही हरमनप्रीत ने स्पेन पर गोल‌कर दिया । इस तरह चाहे मनु भाकर हो, नीरज चोपड़ा, संजय या फिर विनेश फौगाट, इन्होंने छोटे से हरियाणा से चलकर ओलम्पिक में भारत के तिरंगे को ऊंचा लहराने में योगदान दिया ! हरियाणा सरकार की एक समय नीति थी कि पदक लाऐ, नौकरी पाओ लेकिन भाजपा सरकार ने इस नीति का पालन नहीं किया । यही नहीं खिलाड़ियों के लिए घोषित सम्मान भी प्रदान नहीं किये । अब बात आ रही है कि सरकार खिलाड़ियों को जल्द सम्मानित करेगी। ‌यह भी ताज़ा हवा के झोंके समान है ।

इस सबके बावजूद देश के बजट में हरियाणा की उपेक्षा की गयी, जिसे संसद में दीपेंद्र हुड्डा, जयप्रकाश और सुश्री सैलजा ने उठाया तो कहा गया कि हरियाणा की ही बात क्यों करते हो ? इस पर कांग्रेस के इन सांसदों का जवाब था कि हम हरियाणा से सांसद चुन कर आये हैं और हरियाणा की जनता को हमें जवाब देना है और बजट में बिहार और आंध्र को ही ज्यादा धन उपलब्ध करवाना सरकार बचाने की ओर ही इशारा करता है । पंजाब से अकाली दल की सा़ंसद व पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की बहू सिमरनजीत ने भी यही कहा कि यह ‘सरकार बचाओ बजट’ है न कि ‘देश का बजट’ ! इसमें पंजाब को पूरी तरह उपेक्षित किया गया है !

इस तरह ओलम्पिक में पदक लाने वाले हरियाणा व पंजाब को बजट में नज़र अंदाज करना बहुत ही शर्मनाक है !!
गैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ जाने वफा यह जुल्म न कर!!

-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी. 9416047075

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