ओलंपिक इतिहास में जो नहीं हुआ, वो विनेश ने कर दिखाया… पेरिस में किया कमाल

विनेश फोगाट की जीत बृजभूषण और भाजपा के मुंह पर करारा तमाचा 

बजरंग बोले ये लड़की दुनिया जीतने वाली है मगर इस देश में ‘सिस्टम’ से हार गई थी।’

जीत के बाद पीएम मोदी को आड़े हाथों क्यों ले रही है कांग्रेस?

अशोक कुमार कौशिक 

भारत की स्टार महिला रेस्लर विनेश फोगाट इस वक्त लाइमलाइट में बनी हुई हैं। उन्होंने पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किग्रा के फाइनल में अपनी जगह बनाकर इतिहास रच दिया है। वो ओलंपिक इतिहास में महिला कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर भी बन गई हैं।

विनेश फोगाट की जीत के बाद अब आलोचक व कांग्रेस पीएम मोदी को आड़े हाथों ले रहे है। 

विनेश फोगाट की जीत के बाद अब सियासत की शुरुआत हो गई है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि क्या वह मंगलवार रात पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल में ऐतिहासिक जीत के बाद पहलवान विनेश फोगट को फोन करने वाले हैं। 

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पेरिस ओलंपिक में फाइनल में स्थान बनाने के लिए महिला पहलवान विनेश फोगाट को मंगलवार को बधाई दी और कहा कि आज भारत की बहादुर बेटी के सामने सत्ता का वो पूरा तंत्र धराशाई पड़ा था, जिसने उसे खून के आंसू रुलाए थे। राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘एक ही दिन में दुनिया की तीन धुरंधर पहलवानों को हराने के बाद आज विनेश के साथ-साथ पूरा देश भावुक है। जिन्होंने भी विनेश और उसके साथियों के संघर्ष को झुठलाया, उनकी नीयत और काबिलियत तक पर प्रश्नचिन्ह खड़े किए, उन सभी को जवाब मिल चुका है।’

लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए ट्वीट किया है। एक्स अकाउंट पर नेहा सिंह राठौर ने दो ट्वीट किये हैं और सवाल पूछा है कि पीएम मोदी पहले विनेश फोगाट को बधाई देंगे या पहले माफी मांगेंगे।

तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने पेरिस ओलंपिक में अपने शुरुआती दो जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह पक्की करने वाली पहलवान विनेश फोगाट को मंगलवार को ‘भारत की शेरनी’ करार दिया।

विनेश फोगाट की बेहतरीन जीत

विनेश फोगाट महिला कुश्ती में ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय बन गई हैं। उन्होंने सेमीफाइनल में क्यूबा की युस्नेलिस गुज़मैन को 5-0 से हराया है। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो 2020 की चैंपियन जापान की युई सुसाकी को भी हराया था।

क्यों है विनेश की यह जीत खास?

विनेश ने जिस जापानी पहलवान को हराया है, उसने 82 इंटरनेशनल मैच खेले हैं, और अभी तक वह किसी में भी नहीं हारी थी। यही वजह है कि विनेश की यह जीत काफी खास हो जाती है. यही कारण है कि कांग्रेस पीएम को आड़े हाथों ले रही है और उनसे पूछ रही है कि क्या वह उन्हें कॉल करने वाले हैं ?

कुश्ती को पुरुषों का खेल मानने वाले ग्रामीणों के विरोध से जूझने से लेकर, नौ साल की उम्र में अपने पिता को खोने से लेकर शक्तिशाली महासंघ के अधिकारियों से भिड़ने तक, विनेश ने अपने सपनों को साकार करने के रास्ते में अनगिनत कठिनाइयों का सामना किया है। लंबे समय से ओलंपिक पदक जीतने का सपना संजोए विनेश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। वे लंबे समय से गुस्से में थीं, लेकिन धमकी, पुलिस हिरासत, उनके नेतृत्व में चल रहे विरोध प्रदर्शन से होने वाली प्रतिक्रिया और उन्हें बदनाम करने के अभियान के बावजूद वे अडिग रहीं और मेडल पक्का कर लिया।

पांच साल से अधिक समय तक 53 किग्रा में प्रतिस्पर्धा करने के बाद उन्हें 50 किग्रा में उतरना पड़ा। ओलंपिक क्वालीफायर से पहले उनके ट्रायल मुकाबलों में कई समस्याएं थीं, और फिर 2016 के रियो ओलंपिक में एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट के फटने के बाद घुटने की सर्जरी से गुजरना पड़ा। इससे उनका करियर लगभग खत्म हो गया था। हरियाणा की इस पहलवान के लिए पेरिस तक का सफर तय करना बहुत मुश्किल भरा था। बहुत कुछ दांव पर लगा था। आम लोग भी हार मान लेते, लेकिन उन्होंने नहीं माना। 

आलोचकों को दिया मुंहतोड़ जवाब

निराशा के भंवर में डूबने के बजाय उन्होंने अपने आलोचकों को मुंहतोड़ जवाब दिया और 12 साल में दो असफल प्रयासों के बाद वे ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बन गईं। उथल-पुथल भरे दौर में उन्हें पूरा यकीन था कि उनकी लड़ाई न्यायसंगत थी और इसमें वे विजयी भी हुईं।

पहलवान बजरंग पुनिया ने ‘एक्स’ पर लिखा, ” विनेश फोगाट भारत की वो शेरनी जिसने आज लगातार दो मैचों में जीत दर्ज की। उन्होंने चार बार की विश्व चैम्पियन और मौजूदा ओलंपिक चैम्पियन को हराया। उसके बाद क्वार्टरफाइनल में पूर्व विश्व चैम्पियन (कांस्य पदक विजेता) को हराया।”

बजरंग, विनेश और पूर्व ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह द्वारा महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ पिछले साल की शुरुआत में दिल्ली में लंबे धरने का नेतृत्व किया था।

बजरंग ने लिखा, ”मगर एक बात बताऊं, ये लड़की अपने देश में लातों से कुचली गई थी, ये लड़की अपने देश में सड़कों पर घसीटी गई थी। ये लड़की दुनिया जीतने वाली है मगर इस देश में ‘सिस्टम’ से हार गई थी।”

कांग्रेस के जयराम रमेश ने कही ये बात?

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा, “विनेश फोगट को पेरिस में रजत या स्वर्ण पदक मिलना तय है। क्या नॉन-बायोलोजिकल प्रधानमंत्री उन्हें फोन करेंगे? बेशक उन्हें बधाई देने के लिए, लेकिन सबसे अहम बात यह है कि महिला पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने उनके साथ जिस तरह से बर्ताव किया, उसके लिए माफ़ी मांगेंगे?”

सीनियर कांग्रेस लीडर 2023 में हुए प्रोटेस्ट की बात कर रहे थे। जहां, रेसलर्स ने रेसलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के उस समय के चीफ बृज भूषण के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाते हुए प्रोटेस्ट किया था। इस प्रोटेस्ट में विनेश फोगाट सहित कई बड़े एथलीट्स जैसे साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया शामिल थे. बृज भूषण बीजेपी के मेंबर हैं।

विनेश फोगाट को हिरासत में लिया गया

मई में, दिल्ली पुलिस ने विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक तथा अन्य को नए संसद भवन तक मार्च करने के लिए हिरासत में लिया था। घटना के बाद, पहलवानों ने अपने पदक गंगा में फेंकने के लिए हरिद्वार की यात्रा की, लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत ने उन्हें अंतिम समय में रोक दिया।

इस साल 11 जुलाई को दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने सिंह के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न मामले में मुकदमा शुरू करने और अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज करने का निर्देश दिया था। यह तब हुआ जब अदालत ने सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न, धमकी और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय किए, जबकि यह भी कहा कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। भाजपा नेता ने मामले में खुद को निर्दोष बताया है।

25 अगस्त 1994 में विनेश फोगाट का जन्म हरियाणा के चरखी दादरी में हुआ। विनेश ने अपने करियर में कई माइलस्टोन अचीव किए। वह पहली भारत की महिला रेस्लर हैं जिन्होंने कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। इसके अलावा, फोगाट विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कई पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला पहलवान हैं और 2019 में वह लॉरियस विश्व खेल अवॉर्ड्स के लिए नॉमीनेट होने वाली पहली भारतीय एथलीट थीं। वहीं अब उन्होंने अब ओलंपिक में भी इतिहास रच दिया। वह ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला भारतीय रेस्लर बन गईं। उन्होंने 50 किग्रा के सेमीफाइनल में युस्नेलिस गुजमैन लोपेज को चित किया। इस तरह उन्होंने भारत के लिए पेरिस ओलंपिक में एक और मेडल पक्का कर लिया। 

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