हरियाणा के राजकीय स्कूलों में खाली पड़े हिंदी सम्बंधित एचपीएससी, टीजीटी, पीजीटी आरओएच के सैकड़ों पदों पर पक्की भर्ती की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मिले संघर्षरत अभ्यर्थी

सरकार मातृभाषा हिंदी का सम्मान करते हुए एचपीएससी, टीजीटी, पीजीटी आरओएच के खाली पड़े सैकड़ों पदों पर जल्दी से जल्दी भर्ती की जाए

चंडीगढ़ (6 अगस्त 2024)। प्रदेश के राजकीय स्कूलों में खाली पड़े हिंदी एचपीएससी, टीजीटी, पीजीटी आरओएच के सैकड़ों पदों पर पक्की भर्ती की मांग को लेकर हरियाणा राजकीय कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (HGCTA) के पूर्व प्रादेशिक उपाध्यक्ष प्रोफेसर सुभाष सपड़ा की अगुआई में एचटेट/स्कॉलर्स/टॉपर्स ने सोमवार को चंडीगढ़ में हरियाणा सरकार को जगाने के लिए सड़कों पर मौन जुलूस निकाला। तत्पश्चात वे मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री सहित उच्च अधिकारियों से मिले और उन्हें मांग पत्र सौंपा।
संघर्षरत अभ्यर्थी छोटी-छोटी टीम बनाकर देर शाम तक मंत्रियों के कार्यालयों के चक्कर लगाते रहे।

अभ्यर्थियों ने बताया कि मंत्रियों व अधिकारियों को सौंपे ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि हरियाणा में बीते 20 मई 2016 से हिंदी विषय के टीचर्स की भर्ती नहीं हुई है। वर्ष 2019 में पीजीटी के 3827 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था, जिसमें हिंदी के 194 पद शामिल थे, परंतु सरकार ने इस विज्ञापन को वापस ले लिया और दोबारा फिर विज्ञापन निकाला गया, जिसमें हरियाणा कैडर के हिंदी अध्यापक का एक भी पद शामिल नहीं किया गया। इसमें केवल मेवात कैडर के 70 पद थे, जिसमें सरकार ने केवल 65 पद भरे, जबकि पांच पद खाली रह गए।

अब 23 जुलाई 2024 को एक बार फिर पीजीटी के 3069 पदों के लिए विज्ञापन निकल गया है। मगर, इसमें भी हरियाणा कैडर हिंदी टीचर का एक भी पद नहीं है। वहीं, हिंदी विषय के मेवात कैडर के केवल चार खाली पदों को विज्ञापित किया गया है। सरकार स्कूल में खाली पदों पर हिंदी टीचर की भर्ती एचकेआरएन के माध्यम से कर रही है, उसमें भी पारदर्शिता नहीं है। मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व अधिकारियों से मांग की गई है कि नियुक्ति में हो रही देरी के कारण अभ्यर्थियों की निर्धारित आयु सीमा पार हो रही है। हिंदी एक अनिवार्य विषय है। अतः सरकार मातृभाषा हिंदी का सम्मान करते हुए एचपीएससी, टीजीटी, पीजीटी आरओएच के खाली पड़े सैकड़ों पदों पर जल्दी से जल्दी भर्ती की जाए। इस दौरान मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री ने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को जल्दी पूरा किया जाएगा। मंत्रियों व अधिकारियों से मिलने वाले प्रतिनिधियों में पूर्व प्रादेशिक उपाध्यक्ष प्रोफेसर सुभाष सपड़ा, मैडम अंजना ग्रेवाल, रमेश राणा, विकास सहरावत, निर्मला, आरती, संपत सिंह, मैडम सुमन, सुधांशु रावल सहित अन्य अभ्यर्थी शामिल थे।

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