बौखलाहट में भूली बीजेपी, राज्य नहीं, केंद्र सरकार करती है एमएसपी का ऐलान- हुड्डा

एमएसपी पर रत्तीभर भी गंभीर है बीजेपी तो केंद्र सरकार बनाए कानून- हुड्डा

चंडीगढ़, 6 अगस्तः विधानसभा चुनाव में स्पष्ट हार सामने देख बीजेपी इस कद्र बौखला गई है कि उसे कुछ समझ नहीं आ रहा। सरकार द्वारा लगातार ऐसे हवा-हवाई ऐलान किए जा रहे हैं, जो वो जमीन पर लागू ही नहीं कर सकती। सभी फसलों पर एमएसपी देने वाला ऐलान भी उन्हीं में से एक है। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का।

हुड्डा ने कहा कि सभी फसलों पर एमएसपी देने का ऐलान करते हुए हरियाणा की बीजेपी सरकार ये तक भूल गई कि एमएसपी का ऐलान केंद्र सरकार करती है। यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। प्रदेश सरकार ने ऐसी 15 फसलों का भी ऐलान कर दिया, जो हरियाणा में होती ही नहीं है। जबकि सच्चाई ये है कि केंद्र सरकार ने इस बार के बजट में कहीं एमएसपी गारंटी की बात ही नहीं कही, ना ही उसके लिए बजट में कोई प्रावधान किया। तो फिर प्रदेश सरकार किस आधार पर ऐसा ऐलान कर रही है? अगर बीजेपी एमएसपी को लेकर रत्तीभर भी गंभीर है तो केंद्र सरकार को कांग्रेस द्वारा किए गए ऐलान के मुताबिक तुरंत संसद में बिल लाना चाहिए, जिसमें एमएसपी की गारंटी का प्रावधान हो। केवल जुबानी जमा खर्च के जरिए किसानों को बरगलाने की कोशिश कामयाब नहीं होने वाली।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी ने अपने पूरे कार्यकाल के दौरान किसानों को एमएसपी के लिए तरसाया है। हर बार किसानों को गेहूं, धान, सूरजमुखी, बाजरा, मक्का, सरसों समेत हर फसलों का मूल्य लेने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा। ऐसा कोई सीजन नहीं गया, जिसमें किसानों को धरना प्रदर्शन ना करना पड़ा हो। इसी बीजेपी सरकार के दौरान आजाद भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आंदोलन भी किसानों ने किया। इसमें 750 किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी। फिर भी बीजेपी ने एमएसपी गारंटी की बात नहीं मानी।

अब हरियाणा में 2 महीने बाद चुनाव होने हैं। एक महीने बाद आचार संहिता लग जाएगी। अगले एक महीने के भीतर कोई फसल मंडी में नहीं आने वाली है। ऐसे में इस समय बीजेपी द्वारा एमएसपी देने की बात करने का कोई औचित्य ही नहीं बनता।

हुड्डा ने कहा कि बीजेपी नीतिगत तौर पर एमएसपी के विरुद्ध रही है। इसलिए उसने हमेशा इसे खत्म करने की कोशिशें की है। कांग्रेस सरकार के दौरान गेहूं की एमएसपी 126 प्रतिशत और धान की एमएसपी 143 प्रतिशत बढ़ी थी। जबकि पूरे कार्यकाल में बीजेपी ने गेहूं पर 39 प्रतिशत व धान पर 54 प्रतिशत एमएसपी ही बढ़ाई है। कांग्रेस की हरियाणा सरकार ने गन्ने के भाव को देश में सर्वाधिक 117 से बढ़ाकर 310 किया था यानी इसमें 165 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की थी। लेकिन बीजेपी ने गन्ने के रेट में सिर्फ 19 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है। इसी तरह हर फसल की एमएसपी कांग्रेस सरकार के दौरान 2-3 गुणा बढ़ी। जबकि बीजेपी सरकार के दौरान डेढ़ गुना भी बढ़ोत्तरी नहीं हुई।

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