कोरियन कंपनी के साथ हुआ श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का करार

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय और एचएल मांडो सॉफ्टटेक मिल कर करेंगे रिसर्च और विद्यार्थी करेंगे इंटर्नशिप।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

पलवल : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ई व्हीकल निर्माण की तकनीक पर शोध के किर तत्पर है। इंडस्ट्री आधारित जरूरतों को शोध का हिस्सा बनाने और विद्यार्थियों को इंडस्ट्री में अनुभव करवाने के उद्देश्य से शुक्रवार को विश्वविद्यायल में एचएल मांडो सॉफ्टटेक के साथ समझौता किया है। कुलपति डॉ. राज नेहरू की उपस्थिति में कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कंपनी के प्रबंध निदेशक डॉ. योंगसिक किम के साथ समझौता ज्ञापन का आदान- प्रदान किया। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि इस समझौते के अंतर्गत श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में चल रहे अन्वेषण और नवाचार को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। एचएल मांडो सॉफ्टटेक ऑटो पार्ट्स और विशेषकर व्हीकल सेफ्टी के क्षेत्र में वैश्विक पहचान रखती है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि ऑटो इंडस्ट्री की दुनिया में बहुत तेजी से बदलाव आ रहे हैं। इसके लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में निरंतर शोध एवं अध्ययन जारी हैं। इसी कड़ी में हमने एचएल मांडो सॉफ्टटेक कम्पनी के साथ हाथ मिलाया है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने बताया कि ई-ड्राइव से लेकर कई अन्य आयामों पर तेजी से काम होगा। उन्होंने शोध के लिए भी मांडो के अधिकारियों को न्योता दिया।

कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि एचएल मांडो सॉफ्टटेक के साथ यह तालमेल हमारे विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। ऑटो मोबाइल और ई व्हीकल के क्षेत्र में कौशल विकास, नवाचार और अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए एचएल मांडो सॉफ्टटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड जैसे उद्योग के साथ साझेदारी हमारी प्रतिबद्धता की प्रतीक है। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कम्पनी के अधिकारियों और विश्वविद्यायल के स्टाफ को इसके लिए बधाई दी।

एचएल मांडो सॉफ्टटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. योंगसिक किम ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय स्किल के क्षेत्र में अग्रणी कार्य कर रहा है। ऐसे संस्थान के साथ मिल कर काम करने से बेहतरीन परिणाम सामने आएंगे।

डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव और डीन प्रोफेसर ऊषा बत्रा ने रिसर्च प्रोजेक्ट पर व्यापक चर्चा की और क्रियान्वयन की रूपरेखा पर विमर्श किया।

एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संजय सिंह राठौर ने बताया कि इस समझौते बी.टेक मैकेनिकल और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और बी.टेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्रों कंपनी में इंटर्नशिप कर पाएंगे। संयुक्त रूप से शोध पर काम होगा और साथ ही कंसल्टेंसी पर भी काम आगे बढ़ेगा।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के निदेशक डॉ. मनी कंवर सिंह ने बताया कि इसी उद्देश्य से कुछ सेमिनार और रिसर्च प्रोजेक्ट भी आगे बढ़ाए जाएंगे। दोनों संस्थान मिल कर स्टडी करेंगे और इंडस्ट्री की समस्याओं पर आधारित पीएचडी में एक्सपर्ट का सहयोग इस समझौते में शामिल है। इंडस्ट्री इंटीग्रेशन के उप निदेशक अमीष अमेय ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रीति ने कहा कि आने वाले समय में इससे समन्वय से काफी अच्छे परिणाम सामने आएंगे।

इस अवसर पर कंपनी के सचिव चित्तरंजन मिश्रा, एचआर टीम लीडर कपिल यादव और विभागाध्यक्ष पूर्ण चंद भी उपस्थित थे।

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