भाजपा सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के चलते आज प्रदेश का कोई भी कर्मचारी संतुष्ट नही है : विद्रोही

सवाल उठता है कि जब भाजपा सरकार ने कांग्रेस राज की पोलिसी को आधी-अधूरी बताकर रद्द किया तब उसके स्थान पर नई पोलिसी क्यों नही बनाई? विद्रोही

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से किये गए वादे अनुसार सरकार प्रदेश में कार्यरत लगभग 1.19 लाख कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की पोलिसी तत्काल बनाकर इसे हाईकोर्ट में पेश करे और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की प्रक्रिया शुरू करे : विद्रोही

29 जुलाई 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा भाजपा सरकार से मांग की कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से किये गए वादे अनुसार सरकार प्रदेश में कार्यरत लगभग 1.19 लाख कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की पोलिसी तत्काल बनाकर इसे हाईकोर्ट में पेश करे और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की प्रक्रिया शुरू करे। विद्रोही ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की 2013 की कांग्रेस सरकार पोलिसी को रद्द करके भाजपा पहले ही कच्चे कर्मचारियों के साथ भारी अन्याय कर चुकी है। जिन कच्चे कर्मचारियों को दस साल पूर्व पक्का हो जाना चाहिए था, उन्हे न तो पक्का किया गया और न ही उनके पक्का करने की कोई पोलिसी भाजपा सरकार ने बनाई। सवाल उठता है कि जब भाजपा सरकार ने कांग्रेस राज की पोलिसी को आधी-अधूरी बताकर रद्द किया तब उसके स्थान पर नई पोलिसी क्यों नही बनाई? यदि भाजपा सरकार कांग्रेस पोलिसी रद्द करने के बाद उसके स्थान पर उसी समय नई पोलिसी बना देती तो आज कच्चे कर्मचारियों सहित प्रदेश के हर विभाग के कर्मचारी सडकों पर आंदोलनरत होने की बजाय आम आदमी के हितों की रक्षा के लिए प्रभावी ढंग से काम रहे होते। 

विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के चलते आज प्रदेश का कोई भी कर्मचारी संतुष्ट नही है। हर वर्ग के सरकारी कर्मचारी चाहे वह पक्का हो या कच्चा, सभी में भाजपा सरकार के प्रति भारी अंसतोष है जिसके चलते कर्मचारी धरने, प्रदर्शन, हडताल पर है और आमजन अपने दैनिक कार्यो के लिए सरकारी कार्योलयों के चक्कर पर चक्कर काटकर परेशान हो रहे है। भाजपा सरकार की कर्मचारी विरोधी सोच व किये गए वादों से मुकरने की चालबाजी से सरकारी कर्मचारियों में यह अंसतोष और बढ रहा है। जब भी सरकार किसी विभाग के पक्के या कच्चे कर्मचारी आंदोलन, धरना, प्रदर्शन, हडताल करते है तो उनके रोष को खत्म करने समझौते, वार्ता के नाम पर उनकी मांगे मानने की नौटंकी करते है और कर्मचारियों के काम पर वापिसे लौटते ही अपने वादों, समझौतों से मुकर जाती है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की ऐसी चाल से ही हरियाणा के कर्मचारियों में भारी असंतोष है। ऐसी स्थिति में भाजपा सरकार ने विगत दस सालों से जिन-जिन कर्मचारी संगठनों से जो-जो समझौते व वादे किये है, उनको ईमानदारी, गंभीरता व पारदर्शिता से लागू करे और प्रदेश के 1.19 लाख कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करे।    

You May Have Missed

error: Content is protected !!