लगभग 3500 सरकारी डाक्टरों की हडताल ……आमजनों, गरीबों को ईलाज करवाने में गंभीर समस्याएं : विद्रोही

डाक्टरों की मांगे मानने के बाद भी जब सरकार ने अपने वादे अनुसार नोटिफिकेशन जारी नही किया तो प्रदेश के सरकारी डाक्टरों को मजबूर होकर फिर हडताल करनी पडी : विद्रोही

जब भाजपा सरकार को किसी भी विभाग के कर्मचारियों की कोई मांग माननी ही नही है तो वे हडताल, धरना, प्रदर्शन खत्म करवाने के लिए मांगे मानने का झूठा आश्वासन क्यों देती है? विद्रोही

25 जुलाई 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने प्रदेशभर के लगभग 3500 सरकारी डाक्टरों की हडताल पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की हठधर्मिता, लोगों को ठगने की नीति के चलते पूरे हरियाणा में आमजनों, गरीबों को अपना ईलाज करवाने में गंभीर समस्याएं आ रही है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की यह फितरत बन चुकी है कि वह सरकारी कर्मचारी हो या आमजन या कोई व्यापारिक-सामाजिक संगठन, उनकी मांगे मानने का ढोंग करती है और झूठे आश्वासन देकर उनकी हडताल, विरोध को समाप्त करवाती है और आंदोलन खत्म होते ही भूल जाती है कि उसने कोई वादा या आश्वासन भी दिया था। डाक्टरो के साथ भी यही हुआ। 18 जुलाई को विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल और मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव राजेश खुल्लर के साथ डाक्टरों की एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ वार्ता करके उनकी मांगों पर सहमति बनाई थी, लेकिन डाक्टरों की मांगे मानने के बाद भी जब सरकार ने अपने वादे अनुसार नोटिफिकेशन जारी नही किया तो प्रदेश के सरकारी डाक्टरों को मजबूर होकर फिर हडताल करनी पडी। इस हडताल के चलते पहले ही लचर हरियाणा की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक लचर होगी जिसका भुगतान आमजन को ही करना होगा।  

विद्रोही ने कहा कि हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में पहले से ही डाक्टरों के लगभग आधे पद खाली पडे है। प्रदेश में पर्याप्त डाक्टर नही, नर्सिग स्टाफ नही, स्पोर्टिंग स्टाफ नही और अब ऊपर से डाक्टरों की हडताल, इससे सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि आमजन को कितनी परेशानी होगी। सवाल उठता है कि जब भाजपा सरकार को किसी भी विभाग के कर्मचारियों की कोई मांग माननी ही नही है तो वे हडताल, धरना, प्रदर्शन खत्म करवाने के लिए मांगे मानने का झूठा आश्वासन क्यों देती है? प्रदेश के हर वर्ग, समुदाय को धोखा देना भाजपा की फितरत बन चुकी है। सरकार किसी भी सरकारी, अर्धसरकारी संगठन व सामाजिक, व्यापारिक संगठनों से किये जाने वाले वादों से मुकर जाती है। हर वर्ग व समुदाय से धोखाधडी करना सरकार की फितरत बन चुकी है। विद्रोही ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे षडयंत्र, धोखाधडी, तिकडम करके धोखा देने की भाजपाई-संघी सोच से बाहर निकले और सत्य, ईमानदारी, शुचिता, पारदर्शिता को महत्व दे। प्रदेश की लचर सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक लचर होने से बचाने के लिए अविलम्ब डाक्टरों की सभी मांगे मानकर हडताल को समाप्त करवाये।    

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