केंद्र सरकार का स्लोगन है कुर्सी को बचाओ मित्रों पर लुटाओ: कुमारी सैलजा

सांसद सैलजा ने लोकसभा सदन में बजट पर चर्चा करते हुए आधा घंटा तक सरकार को घेरा

हरियाणा, जहां दूध दही का खाणा, दस साल में म्हारे हरियाणे को बना दिया गुंडों और बदमाशों का ठिकाना

चंडीगढ़, 24 जुलाई। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा ने बुधवार को संसद में बजट पर चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने अग्निवीर भर्ती को समाप्त करने, एमएसपी की लीगल गारंटी देने की मांग करते हुए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि आपका अंतिम स्लोगन है, कुर्सी को बचाओ मित्रों पर लुटाओ ही है, जैसा कि इस बजट से साबित कर दिया है। दूसरे राज्यों की अनदेखी की गई है। उन्होंने मनरेगा, हिसार एयरपोर्ट और हरियाणा के गांव गोरखपुर में बन रहे परमाणु बिजली संयंत्र का मुद्दा उठाया। उन्होंने हरियाणा में बढ़ते अपराधों को लेकर कहा कि कभी कहा जाता था देशां में देश हरियाणा, जहां दूध दही का खाणा, समय निकाल कर एक बार जरूर आना म्हारे हरियाणा, अब भाजपा ने दस साल में म्हारे हरियाणे को बना दिया गुंडों और बदमाशों का ठिकाना। अब प्रदेश व केंद्र की जुमला सरकार ने पूरे प्रदेश का नाश कर दिया है।

उन्होंने सदन में बजट पर चर्चा की शुरुआत की और आधा घंटा तक सरकार पर खूब बरसी। उन्होंने कहा कि अग्निवीरों की भर्ती करने के बजाए सेना में सीधी भर्ती करनी चाहिए थी, इसे खत्म किया जाना चाहिए यह युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ ही है। उन्होंने मनरेगा मजदूरों का मामला भी सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद, करनाल को स्मार्ट सिटी बनाने की बात की गई थी आज इन शहरों के हालात क्या है। हरियाणा में कचरा प्रबंधन का कार्य पूरी ठप पड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हर जिला में मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की थी, सिरसा में मेडिकल कालेज का महामहिम राष्ट्रपति से शिलान्यास करवाकर सरकार भूल गई, इतना ही नहीं कुरुक्षेत्र में आयुष कालेज का शिलान्यास खुद प्रधानमंत्री ने किया उसे भी भूल गई।

बाद में बजट को लेकर उन्होंने कहा कि जिसका देशवासी बेसब्री से इंतजार रहे थे कि शायद उनके लिए भी वित्त मंत्री के पिटारे में कुछ निकलेगा पर कुछ नहीं मिला। युवाओं के सपनों, महिलाओं की उम्मीदों और मध्यम वर्ग की जरूरतों को फिर से नजरअंदाज कर दिया गया है। आज फिर पूरा हिन्दुस्तान सोचने पर मजबूर है कि आखिर कब तक हम यूं ही इंतजार करते रहेंगे? सरकार ने फिर किसानों के साथ धोखा किया है, आखिर सरकार किसानों की मांग से दूर क्यों भाग रही है, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कोई पुख्ता गारंटी नहीं दी गई है, कर्ज में डूबे किसानों के लिए कोई राहत नहीं दी गई है, डीजल, कीटनाशक और खाद की बढ़ती कीमतों पर कोई नियंत्रण नहीं। हरियाणा समेत हिंदुस्तान के सभी अन्नदाताओं को एक बार फिर इस बजट ने बेकार हुई फसलों के जख्मों को ताजा कर दिया है। उन्होंने कहा कि युवाओं को बजट से बहुत उम्मीद थी पर सरकार ने युवाओं के साथ छलावा ही किया है,  नए रोजगार के अवसर सृजित करने का कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं है, युवाओं को इंटर्नशिप का वादा (कांग्रेस के न्यायपत्र से चोरी किया गया वादा) जिसमें ऐसे फेरबदल हैं जिससे कोई लाभ नहीं होने वाला)। रोजगार सृजन की योजनाएं केवल कागजी हैं, वास्तविकता में कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। देश में बेरोजगारी में अव्वल प्रदेश हरियाणा के युवाओं को इस बार भी भाजपा ने निराशा, हताशा एवं उपेक्षा का बंडल बना कर बजट के रूप में दे दिया है।

उन्होंने कहा है कि सरकार के पास महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई ठोस नीति नहीं है, महिला सशक्तिकरण के नाम पर केवल स्किलिंग और होस्टल की योजनाएं। महिलाओं की वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं किया गया। इस बजट द्वारा हरियाणा की महिलाओं समेत समस्त नारी शक्ति के सशक्तिकरण पर अप्रत्यक्ष रूप से अंकुश लगाने का प्रयास किया गया है। यह बजट मध्यम वर्ग के लिए भी निराशाजनक है। आयकर में कोई राहत नहीं दी गई है, मामूली कटौतियां दिखावे के लिए की गई है जिनका वास्तविक लाभ दिखाई नहीं देता। बजट में मध्यम वर्ग की वित्तीय समस्याओं का समाधान नहीं किया गया। जिस बजट को समाधान बनना चाहिए था, वह प्रत्येक वर्ग के लिए स्वयं समस्या बना हुआ है। समस्त वर्गों के आय के सभी स्रोत संकरे होते जा रहे हैं। बजट में ग्रामीण विकास की अनदेखी की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों की बुनियादी जरूरतों पर ध्यान नहीं दिया गया। केवल आधारभूत संरचना पर खर्च, लेकिन ग्रामीण जीवन स्तर सुधारने के लिए कुछ नहीं।  गांवों के विकास के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि महत्वपूर्ण मुद्दों पर चुप्पी साधी गई है, एससी एवं एसटी और ओबीसी वर्ग को भाजपा ने बजट से बाहर ही रखा है, बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, और सामाजिक सुरक्षा के लिए कोई योजना नहीं रखी गई। जनता की बुनियादी आवश्यकताओं की अनदेखी। हरियाणा और पूरे देश के नागरिकों के लिए यह बजट एक निराशाजनक दस्तावेज़ साबित हुआ है। जनता के हितों को नजर अंदाज करते हुए केवल दिखावे की योजनाओं का पिटारा खोला गया है।  हरियाणा के लिए इस बजट में कोई उम्मीद नहीं दिखी। शायद भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में मिली हार का बदला लेने के लिए यह बजट पेश किया है, लेकिन उन लोगों को शायद यह आभास नहीं है कि हरियाणा की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में इस बजट का करारा जवाब देगी।

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