“ तैनू बेरीयाँ दे बेर खवावाँ नी, इक वारी आजा गोरीऐ
तैनू बेरीयाँ दे झुंड चों बुलावाँ, नी चोरी- चोरी आजा गोरीऐ …”

है अपना दिल तो आवारा
ना जाने किसपे आयेगा…,,

हिसार – वानप्रस्थ सीनियर सिटीजन क्लब परिसर में 15-वरिष्ठ सदस्यों का जन्मदिवस सामूहिक रूप से अत्यंत हर्षोल्लास से मनाया गया।

डा: जे. के. डांग ने सभी सदस्यों की ओर से सभी जन्मदिवस मनाने वाले सदस्यों-डा: आर. डी. शर्मा, डा: नीलम परुथी, डा: स्वराज , डा: एस. एस. धवन, डा: शशी मदान, श्री आर. सी. परुथी, डा: एस. एस. डुडेजा, डा: अनिल परूथी, डा: मानवीर सांगवान, श्रीमती शशी आनन्द, डा: पुष्पा खरब, श्री रणबीर ढिलों, श्री सुरेश मनचंदा, श्रीमती संतोष चौधरी एवं डा: अनूप सिंह शियोकंद को जन्मोत्सव पर बधाई देते हुए सब की लंबी आयु , स्वस्थ जीवन एवं उज्जवल भविष्य एवं सुख समृद्धि की कामना की एवम् डा: पुष्पा खरब को मंच संचालन के लिए विधिवत आमन्त्रित किया।

इन सब सदस्यों को क्लब की ओर से उपहार स्वरूप एक -एक पौधा भेंट किया गया

मंच संचालन करते हुए डा: पुष्पा खरब ने इन सब विभूतियों के जीवन की उपलब्धियों के बारे संक्षेप में बताया। ईश्वरीय सत्ता को स्वीकारते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमती वीना अग्रवाल के अति सुंदर भजन
” एक मंत्र जपते रहो , राम राम राम, राम राम राम, राधे श्याम श्याम “ से हुआ

राज्य स्तरीय विख्यात गायक डा: आर . के . सैनी ने अपने चिर परिचित अन्दाज़ में गाना
“ एक था गुल और एक थी बुलबुल, दोनो चमन में रहते थे” पेश किया और क्लब प्रांगण तालियों से गूँज उठा।

डॉ आर. डी. शर्मा ने वानप्रस्थ परिवार का आभार प्रकट करते हुए अपने बचपन की बहुमूल्य यादें साँझा करते हुए एक पंजाबी लोक गीत “
“ तैनू बेरीयाँ दे बेर खवावाँ नी, इक वारी आजा गोरीऐ
तैनू बेरीयाँ दे झुंड चों बुलावाँ, नी चोरी- चोरी आजा गोरीऐ …
”गाकर खूब तालियाँ बटोरी

डा: नीलम परूथी ने ईश्वर का शुक्रिया अदा करते हुए भजन ” मुझे तूने दाता बहुत कुछ दिया है , तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है..” पेश किया। वहीं डा अनिल परूथी ने चुटकुले सुनाकर सब को हंसने के लिए विवश कर दिया।

श्री आर सी परूथी ने भी अपनी मधुर यादें साँझा की, मितभाषी श्रीमती शशी आनंद ने क्लब में उनका जन्मदिन मनाने के लिए आयोजकों का धन्यवाद किया।

डा: एस. एस डुडेजा के जन्मदिवस के अवसर पर उनकी पौती कु: विभीषा ने अपनी प्यारी आवाज़ में गीता के श्लोक सुनाकर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया।

वही डा: स्वराज के पिताजी ने 1946-में आज़ादी की लहर में और देश में स्वराज की माँग पर अपनी बेटी का नाम ही ‘ स्वराज ‘ रख दिया।इस अवसर पर डॉ स्वराज ने कुछ खूबसूरत शेर सुनाये।

क्लब में मुकेश के नाम से प्रसिद्ध डा: एस. एस. धवन ने डा: कमल धवन का मनपसंद गीत गाकर उनके प्रभुत्व को स्वीकार कर लिया
“ जो तुमको हो पसंद, वही बात करेंगे
तुम दिन को अगर रात कहो, रात कगेंगे
जो तुमको …”

डा: मनवीर सांगवान ने बताया कि अपने कॉलेज के दिनों में अपने दोस्त की जान बचाने के लिए डरते- डरते पहली बार रक्त-दान किया था । उसके बाद तो रक्तदान अभियान से जुड़ गए और अब तक 30 बार रक्त दान कर चुके है-अपने आप में एक उपलब्धि है। उनकी पत्नी श्रीमती इंद्रा ने एक हरियाणवी गीत “ बीर हम माँ के जाये रे, रे जन्मे थे एक शरीर के क़िस्मत न्यारी न्यारी रे” पेश किया जिसे बहुत सराहा गया।

डा: शशी मदन ने सब को जन्मदिन की मुबारक इस गाने से दी
“ फूलों की खुशबू से महकता रहे जीवन तुम्हारा !
तारों के चमक से चमकता रहे जीवन तुम्हारा ….”

श्री प्रेम केडिया ने भी अपनी सुरीली आवाज़ में
“ एहसान तेरा होगा मुझ पर दिल चाहता है वह कहने दो..,,.गाया

डा: पुष्पा खरब ने, जो थोड़े समय में गायन में परिपक्व हो गई हैं , अपने पति का धन्यवाद इस गाने से किया
“ आपकी नज़रों ने समझा प्यार के काबिल मुझे
दिल की ए धड़कन ठहरजा
मिल गई मंज़िल मुझे”

सभी उपस्थित सदस्यों ने इस गाने का आनंद उठाया।

श्री आर. एस . ढिलो ने ईश्वर की सही पहचान कराते हुए अनादि अनंता गीत से सब को आत्मविभोर कर दिया
“ ना मन हूँ ना बुद्धि ना चित अहंकार
ना जिव्या नयन नासिका करण द्वार
अनादि अनन्ता”

श्रीमती संतोष चौधरी क्लब में नियमित रूप से आती हैं, कार्यक्रम का चुपचाप आनंद लेती हैं, बहुत कम बोलती हैं । हर मीटिंग का बेसब्री से इंतज़ार करती हैं। इस अवसर पर उनके पति श्री प्रेम चौधरी ने महान गायक किशोर का गीत
“ आदमी जो कहता है, आदमी जो सुनता है, जिंदगी भर वो सदाएं पीछा करती हैं “ गाकर खूब तालियाँ बटोरी।

कार्यक्रम के विशेष आकर्षण रहे आज के वशिष्ठ अतिथि डा: अनूप सिंह ने अपने जन्मदिन पर अपने समय का बहुचर्चित गीत
“ है अपना दिल तो आवारा
ना जाने किसपे आएगा

है अपना दिल तो आवारा” गाकर सब को स्तब्ध कर दिया और हॉल तालियों से गूँज उठा।

सदस्यों ने अपने विचाराभिव्यक्ति में परिवार द्वारा मनाए जाने वाले सामूहिक जन्मदिवस की मुक्त कंठ से सराहना की।

कार्यक्रम के समापन की ओर ले जाते हुए डॉ डांग ने उपस्थित सभी प्रबुद्ध जन की गरिमामय उपस्थिति का आभार प्रकट किया । उन्होंने विशेषकर डा: पुष्पा खरब का सुचारू रुप से मंच संकलन के लिए एवं उत्तम प्रबंधन के लिए उपसचिव डा : आर. के . जैन , डा : एम. एस . चौहान, श्री सुरेश मनचंदा और श्री अशोक खट्टर का धन्यवाद किया। लगभग चार घंटे चले इस प्रोग्राम में 85 सदस्यों ने मिलकर प्रीतिभोज का आनंद लिया और आपस में मिल कर अपनी यादें साँझा की और खूब ठहाके लगाए।

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