भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। वर्तमान में हर व्यक्ति पर्यावरण की समस्या से परेशान है। जगह-जगह पेड़ लगाने की मुहिम चल रही हैं। अभी गत दिनों प्रधानमंत्री मन की बात में मां के नाम से पेड़ लगाने की अपील की थी, जिसका व्यापक असर समाज में देखने को मिल रहा है। गुरुग्राम में भी अनेक नेता बार-बार पेड़ लगाने की अपील करते हैं। नेता ही नहीं अपितु प्रशासन की ओर से भी ऐसी नागरिकों को सलाह दी जाती रहती है, क्योंकि दूषित वायु को सुधारने का शायद एकमात्र उपाय वृक्षारोपण और वृक्षों की रक्षा करना है।

हाल ही में सैक्टर-4 स्थित आयुष कार्यालय में सितंबर 2023 में कुछ पेड़ काटे गए। एक जागरूक नागरिक ने 13 मई 2024 को आयुष कार्यालय में पत्र लिखा कि वहां अवैध रूप से पेड़ काटे गए हैं। इसकी जानकारी हमें प्राप्त हुई। हमने आयुष की इंचार्ज मंजू बांगड से फोन कर इसके बारे में जानकारी हासिल करनी चाही तो उनका कहना था कि यहां कोई पेड़ नहीं कटे लेकिन मन में यह पत्र उनकी सत्यता पर संदेह कर रहा था। इसी संदेह के चलते फिर हमने डायरेक्टर आयुष अंशज सिंह को फोन किया तो वहां से उत्तर मिला कि जांच चल रही है।

हमने इस बारे में सैक्टर-4 के प्रधान धर्मसागर जी से बात की तो उनका कहना था कि मेरी जानकारी में नहीं है, फिर भी मैं जाकर पता करता हूं और उन्होंने बताया कि उत्तर मिला है कि पेड तो कटे हैं लेकिन हमने इजाजत ले ली है। इस पर फिर मन में प्रश्न उठा कि यदि इजाजत लेकर पेड कटे थे तो जब हमने पूछा तो मैडम ने यह क्यों कहा कि पेड कटे ही नहीं।

पेड कटने की घटना सितंबर 2023 की है और उस समय गुरुग्राम के नवीन गोयल पर्यावरण सचिव थे तो उनसे फोन पर जानना चाहा कि क्या आपको इसकी जानकारी है तो उन्होंने अनभिज्ञता जताई लेकिन जब उन्हें यह पत्र भेजा तो उनका उत्तर था कि यह तो बहुत गलत काम हुआ लेकिन मैं अब इसमें कुछ नहीं कर सकता। मैं अब पर्यावरण सचिव नहीं हूं।

अब प्रश्न उठता है कि हमारा वन विभाग क्या कर रहा है? डायरैक्टर आयुष अंशज सिंह इतने गंभीर मामले पर दो माह बाद जवाब देते हैं कि जांच चल रही है, गुरुग्राम जिले के ही वन राज्य मंत्री संजय सिंह जिनको भी शिकायत भेजी गई है और हमने भी व्हाट्सएप से सूचित किया, वे क्या कर रहे हैं? आयुष मंत्री कमल गुप्ता के पास भी यह जानकारी है। इस जानकारी के बाद क्या उन्होंने इस पर कोई कार्यवाही की। उनसे फोन किया तो उनका फोन तो नहीं मिल पाया लेकिन उनके पीए ने इस मामले में अनभिज्ञता जताई।

जब सारा देश और स्वयं प्रधानमंत्री पेड़ों की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्प हैं तो ऐसे मामले में हमारा प्रशासन और मंत्री इतनी लापरवाही कैसे दिखा रहे हैं, यह अचंभित करने वाली बात है। लगता है कि यह सब प्रधानमंत्री की नीतियों की वाणी से ही समर्थक हैं, कार्यशैली में उनका अनुकरण नहीं करते। यदि इनके दिल में प्रधानमंत्री और मानवता के प्रति सम्मान होता तो ऐसे मामले को अति महत्वपूर्ण समझकर शीघ्र से शीघ्र निपटाते। खैर देखते हैं क्या होता है?

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