•                 सीईटी पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बीजेपी की बेरोजगार विरोधी नीति को किया उजागर- हुड्डा

•                 सरकारी नौकरियों को पूरी तरह खत्म करना चाहती है बीजेपी- हुड्डा

•                 नौकरी देना तो दूर, भर्ती प्रक्रिया और नियम भी ढंग से नहीं बना सकती भाजपा- हुड्डा

•                 पारदर्शी, योग्यता अनुसार और समयबद्ध भर्तियां करेगी कांग्रेस सरकार- हुड्डा

चंडीगढ़, 24 जूनः पढ़े-लिखे युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करना, नौकरियों का झांसा देकर युवाओं से कोर्ट व सरकारी दफ्तरों के चक्कर कटवाना, भर्ती के नाम पर पेपर लीक जैसे घोटाले करना, अपनी ही भर्तियों को कोर्ट में लटकाना और भर्तियां कैंसिल करना, ये बीजेपी के 10 साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड है। ये रिपोर्ट कार्ड पेश किया है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिहं हुड्डा ने।  हुड्डा अपने आवास पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।

इस मौके पर उन्होंने हरियाणा की नौकरियों में सोशियो-इकॉनोमिक के 5 नंबर को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पिछले 4 साल से बीजेपी सरकार सीईटी के नाम पर युवाओं को बेवकूफ बना रही है। पहले हरेक भर्ती को सीईटी का झांसा देकर कैंसल किया गया। उसके बाद साजिश के तहत सीईटी के ऐसे नियम बनाए गए, जो कोर्ट में टिक ही नहीं पाए। कोर्ट के इस इस फैसले की वजह से 23 हजार नियुक्तियां प्रभावित हो सकती हैं। यानी बीजेपी की कारगुजारी का खामियाजा 23 हजार परिवारों को उठाना पड़ेगा।

असल में देखा जाए तो यह आंकड़ा कहीं ज्यादा बड़ा है। क्योंकि भर्ती घोटाले और पेपर लीक की आदी हो चुकी बीजेपी सरकार को हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी एक्सपोज कर दिया है। सोशियो-इकॉनोमिक पर आए फैसले से स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी जानबूझकर भर्ती नियमों और प्रक्रिया में ऐसे लूप होल छोड़ती है, इसकी वजह से एक के बाद एक भर्ती कोर्ट में जाकर लटक जाती हैं। कोर्ट की आड़ लेकर सरकार को भर्ती ना करने का बहाना मिल जाता है। यह देश की इकलौती ऐसी सरकार है जो, कोर्ट में खुद के बनाए नियमों की भी वकालत ढंग से नहीं कर पाती।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सीईटी के नाम पर बीजेपी ने शुरुआत से ही युवाओं को प्रताड़ित किया है। शुरुआत में सरकार ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के आधार पर ही सारी भर्तियां करने का ऐलान किया। लेकिन जब सीईटी हुआ और इसे साढ़े 3 लाख युवाओं ने क्वालिफाई किया तो बीजेपी ने भर्ती के लिए सीईटी पास सारे युवाओं को योग्य मानने से ही इनकार कर दिया। बड़ी संख्या में क्वालिफाई युवाओं को दरकिनार कर भर्ती पेपर लिए गए।

लेकिन उसमें कई ग्रुप 56-57 में 41 सवाल कॉपी करने जैसे कई घोटाले सामने आए। आज तक उस भर्ती का रिजल्ट नहीं निकाला गया। भर्ती परीक्षाओं के अंक और डिटेल रिजल्ट जारी नहीं किया गया। जब अभ्यर्थियों ने सरकार की अनियमितताओं को कोर्ट में चैलेंज किया तो कोर्ट के सामने सरकार ने हर बार अपना पक्ष रखने में देरी की। इन तमाम गड़बड़झालों के पीछे सरकार का मकसद सिर्फ और सिर्फ भर्तियों को लटकाया, कैंसल करवाना और युवाओं को प्रताडित करना था।

हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकारी भर्तियों को पूरी तरह खत्म करना चाहती है। इसीलिए कौशल निगम के जरिए भर्तियां करके पक्की नौकरी, मेरिट और आरक्षण को पूरी तरह समाप्त जा रहा है। सरकार कम वेतन में पढ़े-लिखे युवाओं का शोषण कर रही है।

लेकिन हरियाणा में बीजेपी सरकार अब चंद दिन की मेहमान है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर पेपर लीक और भर्ती माफिया को जड़ से खत्म किया जाएगा। आने वाली सरकार पूरी तरह पारदर्शी, योग्यता अनुसार और समयबद्ध तरीके से 2 लाख से ज्यादा पदों पर भर्तियां करेगी। साथ ही मौजूदा सरकार में सामने आई भर्ती खामियों को भी संवेदनशील तरीके से दुरुस्त किया जाएगा।

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