अधूरी मांगों को पूरा करवाने के लिए  फिर से सोशल मीडिया बनाया हथियार

30 जून से पहले भी कई बार हरियाणा पुलिस ने ट्विटर पर उठाई मांग

सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तक पुलिस पहुंचाएगी अपनी मांग

फतह सिंह उजाला 

गुरुग्राम। पुलिस विभाग अन्य सुरक्षा बल इसमें कार्य करने की सेवा शर्तें बेहद कठोर होती है । इन सेवा शर्तों के दायरे में रहकर ही सुरक्षा बलों में कार्य किया जाता है । लेकिन बदलते समय के साथ अपनी मांगों को संबंधित अधिकारियों विभाग और सरकार तक पहुंचाने के लिए विभिन्न प्लेटफार्म भी उपलब्ध हो चुके हैं । इनमें मुख्य रूप से सोशल मीडिया अथवा ट्विटर का नाम प्रमुख रूप से शामिल माना गया है। हरियाणा पुलिस के द्वारा एक बार फिर से 30 जून को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ट्विटर के द्वारा अपनी मांगे उठाई जाने का कार्यक्रम तय किया गया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार हरियाणा पुलिस मांगे अपना हक, प्रशासन क्यों बना अंजान – पुलिस भी तो इंसान, पुलिस परिवार की तरफ से हक की मांग, जैसे स्लोगन लेकर अपनी मांगे मनवाने के लिए अभी से पुलिस विभाग के कर्मचारियों को प्रेरित और जागरूक किया जा रहा है । पिछले आंदोलन को आगे बढ़ाने की कड़ी में एक बार फिर से पुलिस विभाग के कर्मचारियों के द्वारा मांग की गई है कि बेसिक वेतन 21700 से बढ़कर 49400 किया जाए। क्योंकि हरियाणा प्रदेश में पुलिस पर सबसे अधिक वर्कलोड है । इसी प्रकार से रिस्क अलाउंस 5000 से बढ़कर इसको दोगुना 10000 किया जाने की मांग की गई है । इससे आगे पुलिस कर्मियों का कहना है राशन भत्ता अलाउंस दिल्ली और चंडीगढ़ की तर्ज पर 4000 प्रति महीना उपलब्ध करवाया जाए , सरकार ने केवल 800 बढ़ाकर पुलिस कर्मियों के साथ एक प्रकार से मजाक ही किया है। वर्दी भत्ता सेंटर पुलिस की तर्ज पर 10 हजार वार्षिक हो , यह भी सरकार ने पुलिस परिवार को अलग अलग किया सिपाही को 7500 और हेडकांस्टेबल से उपर को 10 हजार किया, जिसका विरोध हो रहा है ।      

ट्रैवलिंग एलाउंस 5000 प्रति महीना कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन के साथ ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए , इस पर भी सरकार का स्टैंड स्पष्ट नहीं किया गया है। पुलिस कर्मियों का कहना है कि अलाउंस  में भेदभाव नहीं करके सभी के लिए एक समान पुलिस कर्मियों के भत्ते को लागू किया जाए । अनुसंधान अधिकारी की फाइलों की संख्या भी निर्धारित की जानी चाहिए । इसी प्रकार से पुलिस कर्मियों के बच्चों के एजुकेशन एलाउंस को बढ़ाकर केंद्र की दर्ज पर लागू किया जाए  । एच आर ए को केंद्र की तर्ज पर बढ़कर सिविल डिपार्टमेंट की तरह जॉइनिंग समय पर ही लगाया जाए । इसी कड़ी में सर्विस कार्यकाल को ध्यान में रखते हुए निश्चित समय पर प्रमोशन, पुलिस कर्मियों के द्वारा ड्यूटी के समय 8 घंटे निश्चित किया जाने  जैसी और भी मांगे शामिल हैं। इन्हीं सब प्रकार की मांगों को पूरा किया जाने के लिए हरियाणा पुलिस के द्वारा 30 जून संडे को एक बार फिर से ट्विटर के माध्यम से हल्ला बोलते हुए अपना अभियान चलाया जाएगा । 

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