देश के इतिहास में रुपया चल रहा है अपने न्यूनतम स्तर पर  

रुपये के गिरने पर न प्रधानमंत्री की आवाज निकल रही और न ही किसी अन्य भाजपाई की

चंडीगढ़, 21 जून। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस (इंडिया गठबंधन) की नवनिर्वाचित सांसद कुमारी सैलजा  ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार अपने न्यूनतम स्तर पर चल रहा है। रुपये की इस गिरावट पर न तो प्रधानमंत्री की आवाज निकल रही है और न ही किसी अन्य भाजपाई के मुंह से कुछ निकल पा रहा है। इस रिकॉर्ड तोड़ गिरावट का श्रेय आगे बढ़कर प्रधानमंत्री और सभी भाजपाइयों को लेना चाहिए।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि यह देश के लिए कितने शर्म की बात है कि केंद्र सरकार के लचर वित्तीय प्रबंधन व गलत आर्थिक नीतियों के कारण एक डॉलर 83.64 रुपये का हो चुका है। देश के इतिहास में यह गिरावट आज तक की सबसे बड़ी है। लगातार गिर रहे रुपये को संभालने के लिए केंद्र सरकार के पास न तो नीति है और न ही किसी तरह की नीयत है। यही कारण है कि 2014 में भाजपा की सरकार बनने के बाद से लगातार ही रुपया कमजोर हो रहा है। नवनिर्वाचित लोकसभा सांसद ने कहा कि अगर यह सब इसी तरह चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं, जब रुपया और अधिक लुढ़कते हुए 84 का आंकड़ा भी पार कर लेगा। यह कितनी चौंकाने वाली बात है कि रुपये की गिरावट पर न केंद्रीय वित्त मंत्रालय कुछ बोल पा रहा है, और न ही देश के आर्थिक सलाहकार कुछ कह पा रहे हैं।

कुमारी सैलजा ने कहा कि रुपया लगातार गिरने से देश का व्यापार घाटा और अधिक बढ़ेगा, जिसका बोझ विनिर्माण कंपनियां सीधे ग्राहकों पर डाल देंगी। रुपये का मूल्य गिरने से मोबाइल के दामों में बढ़ोतरी होगी, जबकि मोबाइल हर आदमी की जरूरत बन चुका है। विदेशों में पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता को अब और अधिक राशि का भुगतान संबंधित कॉलेज, यूनिवर्सिटी को करना पड़ेगा। नव निर्वाचित लोकसभा सांसद ने कहा कि जिस तरह से सपने दिखा कर भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र की सत्ता हासिल की, उन्हें पूरा करने के लिए कोई काम नहीं किया गया। उल्टा इस सरकार ने बेरोजगारी, महंगाई को बेहद उच्च स्तर पर बढ़ा दिया और रुपये को इसके रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर पहुंचा दिया। रुपये की गिरावट से देश के लोगों को ध्यान हटाने के लिए सरकार के नुमाइंदे फालतू की बातों में उलझाने की कोशिश में लगे रहते हैं।

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