पीएम किसान सम्मान निधि योजना से हरियाणा के किसानों को आज मिले 335 करोड़

प्रधानमंत्री के वाराणसी कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने देखा करनाल से लाइव

चंडीगढ़, 18 जून- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के किसानों को सशक्त किया है जिससे उनकी जीवनशैली में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ है। प्रधानमंत्री द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत आज हरियाणा के भी लगभग 16 लाख किसानों के खातों में 335 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के मध्यम से स्थानांतरित की, इसके लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया। इससे पहले हरियाणा के किसानों के बैंक खाते में 16 किस्तों में 5,358 करोड़ रुपये की राशि डाली जा चुकी है। आज 17वीं किस्त की राशि मिलाकर कुल 5,693 करोड़ रुपये की राशि प्रदेश के किसानों के खातों में पहुंच चुकी है।

मुख्यमंत्री ने आज प्रधानमंत्री के वाराणसी में आयोजित “पीएम किसान सम्मान निधि योजना” कार्यक्रम को करनाल से लाइव देखा।

इस अवसर पर उन्होंने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज पूरे देश के लिए शुभ दिन है। निर्जला एकादशी का पावन व्रत है जिसमें लोग अन्न-जल त्यागकर भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी से संसार की सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के 9 करोड़ 26 लाख किसानों के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त डालकर किसानों की समृद्धि की कामना की है। इसमें 20 हजार करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस योजना का शुभारंभ वित्त वर्ष 2018-19 में किया था। इसके तहत पात्र लघु और सीमांत किसान परिवारों को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दो-दो हजार रुपये की तीन किस्तों में डी.बी.टी. के माध्यम से सीधे ही किसानों के खातों में डाली जाती है।

उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा 30 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों को कृषि सखी प्रमाण पत्र जारी करने पर भी सराहना की और कहा कि प्रधानमंत्री का मानना है कि किसानों की समृद्धि के बिना प्रदेश में खुशहाली नहीं आ सकती। इसलिए किसान हित सरकार उनके लिए सर्वोपरि हैं। उनके इसी विजन को साकार करने के लिए हम हरियाणा प्रदेश में कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाने के लिए काम कर रहे हैं। इसके लिए केंद्र सरकार की सभी योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, पशुधन बीमा योजना को हम प्रदेश में बड़े पैमाने पर लागू कर रहे हैं।

हम मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, परंपरागत कृषि विकास योजना आदि के माध्यम से जैविक खेती और किसानों की आय बढ़ाने के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन को आगे बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की योजनाओं के अलावा हरियाणा सरकार ने भी किसान हित में अनेक कारगर योजनाएं चलाई हुई हैं। सरकार ‘बीज से बाजार तक’ हर कदम पर किसान के साथ खड़ी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल के लिए सबसे पहले उत्तम किस्म के बीज, खाद और कीटनाशक दवाइयां सब्सिडी पर दिए जाते हैं। बिजाई से लेकर कटाई तक के कृषि यंत्रों पर भी सब्सिडी दी जाती है। यदि प्राकृतिक आपदा से फसल को नुकसान होता है तो मुआवजे व फसल बीमा का प्रावधान है।

मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह ने कहा कि जुलाई, 2023 में प्रदेश में बाढ़ से फसलों को काफी नुकसान हुआ था। हमने ऐसे समय में किसानों को राहत देने के लिए 130 करोड़ 88 लाख रुपये की मुआवजा राशि जारी की है। हमारे साढ़े 9 सालों के कार्यकाल में प्राकृतिक आपदा से फसलें नष्ट होने पर कुल 12,750 करोड़ रुपये मुआवजा राशि दी जा चुकी है, जबकि पिछली सरकार के 10 साल के कार्यकाल में मात्र 1158 करोड़ रुपये की राशि मुआवजे के रूप में दी गई थी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खरीफ 2016 से अब तक 28.99 लाख किसानों को 8,100 करोड़ रुपये के क्लेम दिए हैं। यह योजना पहले की फसल बीमा योजनाओं से कहीं अधिक किसान हितैषी है। इस योजना में फसल बीमा की प्रीमियम अब तक की सभी फसल बीमा योजनाओं से कम है।

उन्होंने यह भी बताया कि जो किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसलों का बीमा नहीं करवाते, उन किसानों की फसलें किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा से खराब होने पर सरकार द्वारा 15 हजार रुपये प्रति एकड़ तक मुआवजा दिया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे कार्यकाल में अब तक 12,750 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि वितरित की जा चुकी है। इसमें वर्ष 2013-14 की 268 करोड़ 74 लाख रुपये की बकाया राशि भी शामिल है। हमने कटाई के बाद फसल के दाने-दाने की खरीद की व्यवस्था की है और भुगतान सीधा किसान के खाते में डाला जाता है। हरियाणा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 14 फसलों की खरीद करने वाला देश का एकमात्र राज्य है। हमने बागवानी फसलों के मूल्य में उतार-चढ़ाव के कारण होने वाले नुकसान व जोखिम को कम करने और बाजरा किसानों के लिए लाभकारी कीमतें सुनिश्चित करने के लिए भावांतर भरपाई योजना चलाई हुई है। इसके अलावा ,सब्जियों व फलों के लिए भावांतर भरपाई योजना के तहत 12 हजार 92 किसानों को 33 करोड़ 26 लाख रुपये की राशि दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि हमने किसानों को ऋणों में राहत देने के लिए 5 बार एकमुश्त ऋण राहत की स्कीमें शुरू कीं। इन स्कीमों के जरिए 9 लाख 46 हजार 269 किसानों के ऋण का 1 हजार 896 करोड़ 69 लाख रुपये का ब्याज व जुर्माना माफ किया गया।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हमने छोटे किसानों को पर्याप्त फसली ऋण देने की व्यवस्था की है। इसके अलावा डेयरी, पशुपालन में लगे पशुपालकों की कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं को समय पर पूरा करने के लिए पशुपालकों को पशु किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान किए जाते हैं। अब तक 1 लाख 57 हजार पशुपालकों को पशु किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किये जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने वक्त की जरूरत के अनुसार कृषि क्षेत्र के लिए अनेक योजनाएं चलाई हैं। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और साथ ही प्राकृतिक संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ भी नहीं आएगा। उन्होंने आह्वान किया कि किसान खेती के लिये प्रगतिशील सोच को अपनायें। खेती को व्यावसायिक तरीके से लें। इसकी मार्केटिंग की भी स्वयं व्यवस्था करें, तभी कृषि को और अधिक लाभकारी बनाया जा सकता है।

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