·        दोषी बचे नहीं, निर्दोष फंसे नहीं – दीपेन्द्र हुड्डा

·        पेपर लीकफर्जीवाड़ाधांधली ने युवाओं का भविष्य चौपट कर दिया – दीपेन्द्र हुड्डा

·        भाजपा शासन में चाहे नौकरी के लिए परीक्षा हो या प्रवेश के लिए परीक्षा, परीक्षा तंत्र से लोगों का विश्वास पूरी तरह से उठ चुका है – दीपेन्द्र हुड्डा

चंडीगढ़, 8 जून। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET में धांधली के आरोपों की सरकार निष्पक्ष जांच कराए। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में सरकार यह सुनिश्चित करे कि दोषी बचे नहीं और निर्दोष फंसे नहीं। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि पेपर लीक, फर्जीवाड़ा, धांधली ने युवाओं का भविष्य चौपट कर दिया है। पहले देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET के पेपर लीक होने की खबरें आईं और अब NEET परीक्षा परिणाम में धांधली के आरोपों से लाखों युवाओं और उनके परिवार चिंता में हैं। परीक्षार्थियों को अपने भविष्य पर काले बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में चाहे नौकरी के लिए परीक्षा हो या प्रवेश के लिए परीक्षा, परीक्षा तंत्र से लोगों का विश्वास पूरी तरह से उठ चुका है। परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों का आरोप है कि एक ही परीक्षा केंद्र के अभ्यर्थियों को 720 में से 720 अंक मिलना संदेह पैदा करता है, वहीं समय की बर्बादी के नाम पर ग्रेस मार्क्स देने में गड़बड़ियों ने लाखों छात्रों की वर्षों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराकर छात्रों की मांग के मुताबिक न्याय दिलाने की मांग की।

उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता और शुचिता को बनाए रखना सरकार और परीक्षा कराने वाली एजेंसियों की सबसे पहली जिम्मेदारी है। क्योंकि, इस प्रकार की कथित अनियमितता, धांधली से लाखों छात्रों की वर्षों की मेहनत, सपनों और भविष्य पर सीधा कुठाराघात होता है। छात्र और उनके माता-पिता बड़ी उम्मीदों से अपने बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाते हैं परंतु, जब परीक्षा में धांधली होती है तो इनकी भी सारी उम्मीदें टूट जाती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिस दिन से ये परीक्षा हुई उसी दिन से आई गड़बड़ियों की खबर से गड़बड़झाले का शक सभी को हो गया था। उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार युवाओं को पेपर लीक, परीक्षा रद्द, भर्ती रद्द और नौकरियों में छंटनी करके लगातार चोट पहुंचा रही है।

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