रामायण व अन्य ग्रंथ जीवन में प्रसन्नता के कारक : बोधराज सीकरी

गुरुग्राम। बोध राज सीकरी समाजसेवी की पिछले लगभग 16 महीनों से निरन्तर चल रही हनुमान चालीसा पाठ की मुहिम के तहत कल 4 जून मंगलवार को प्रातः श्री श्याम जी महाराज मंदिर, न्यू कॉलोनी, गुरुग्राम में श्रीमती और श्री अशोक सीकरी ने यजमान बनकर पंडित भीम दत्त जी के माध्यम से विधिवत पूजा अर्चना करवाकर श्री गजेन्द्र गोसाई के माध्यम से 21 बार पाठ का आयोजन किया जिसे लगभग 125 भक्तों ने प्रेममय तरीक़े से किया। श्री गजेंद्र गोसाई ने अपनी मधुर वाणी से अंतिम दो पाठ संपुट लगा कर लोगों का मन रीझ लिया और नृत्यमय वातावरण कर दिया । पाठ उपरांत श्रीमती पुष्पा नासा ने भजन के माध्यम से अपनी उपस्थिति लगायी।

तदोपरांत श्री बोध राज सीकरी ने अपने व्याख्यान में संबोधित करते हुए बताया कि रामायण और अन्य ग्रंथ जीवन में प्रसन्नता का संदेश देते हैं। उन्होंने एक उदाहरण देकर बताया कि माँ सीता से अधिक जीवन में कष्ट शायद किसी ने नहीं सहे होंगे। जन्म लेने के लिए माँ की कोख नहीं मिली। विवाह का आयोजन हो रहा था तो परशुराम आ गये। विवाह के बाद राजतिलक की तैयारी चल रही थी तो मंथरा और कैकई आ गई। बन में गई तो रावण आ गया। रावण के मरने के बाद अग्नि परीक्षा आ गई। अयोध्या वापस आयी तो धोबी आ गया और अपने बच्चों को जन्म देने के लिए महल नहीं ऋषि बाल्मीकि के आश्रम जाना पड़ा। एक विदेह प्रतापी राजा जनक की बेटी, चक्रवर्ती राजा दशरथ की बहू, विष्णु के अवतार राम की जीवन संगिनी, स्वयं शक्ति का अवतार फिर भी जीवन कष्ट से भरा हुआ परंतु सदा प्रसन्न रहना उनकी जीवनशैली थी। अत: हमारे कर्मों के अनुसार हमें जो कष्ट लिखे हैं वो भोगने ही हैं। इसी प्रकार भगवान कृष्ण का भी उदाहरण दिया कि उन्होंने भी जीवन में बाल्यकाल से कष्ट सहे। माता पिता बदल गये। मामा कंस से बाल्यकाल से विचारों का मतभेद। बाल्यकाल में लोग स्कूल जाते हैं परंतु कृष्ण जंगलों में रहे। युवा अवस्था में गुरु का सानिध्य मिला। फिर भी सदा मुस्कुराते थे। हमें जीवन में इन उदाहरण से सीखकर परिवर्तन लाना होगा। तुलसी दास जी ने रामायण में स्पष्ट लिखा है “होइहि सोइ जो राम रचि राखा “

बोध राज सीकरी ने आगे बताया कि हनुमान चालीसा पाठ को विश्राम 21 जून शुक्रवार के दिन लीज़र वैली सेक्टर 29 गुरुग्राम में प्रातः साढ़े पाँच बजे 6000 लोगों की उपस्थिति में स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के आशीर्वचन के साथ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन दिया जाएगा। जहां परम श्रद्धेय आनंदमूर्ति गुरु माँ आश्रम के सन्यासियों द्वारा 6000 लोगों को योगाभ्यास भी करवाया जायेगा। सभी लोगों के लिए टी शर्ट भी मुहैया करवायी जायेगी और सभी के लिए ब्रेकफास्ट का प्रावधान भी होगा। इसमें विभिन्न स्कूल के बच्चे भी सम्मिलित होंगे। ज़िन स्कूल के पास बस नहीं होंगी उन्हें पंजाबी बिरादरी महा संगठन की ओर से बसें भी दी जायेंगी।

पिछले सप्ताह तक 295 स्थानों पर 46,171 साधकों द्वारा 639,262 हनुमान चालीसा पाठ हो चुके हैं।

कल के पाठ में लगभग 125 भक्तों ने भाग लिया और सभी ने 21-21 बार पाठ किया। श्रीमती ज्योत्सना बजाज के ऑनलाइन हनुमान चालीसा के पाठ के आयोजन में 20 लोगों ने 11-11 बार पाठ किया। विजय टन्डन और श्री रणधीर टन्डन की फैक्ट्री के 62 कर्मचारियों ने 2-2 बार पाठ किया। इसके अतिरिक्त जामपुर शिव मंदिर ईस्ट ऑफ कैलाश में 35 साधकों ने 5-5 बार हनुमान चालीसा पाठ किया।

इस प्रकार अब तक 299 स्थानों पर 46,413 साधकों द्वारा 642,406 हनुमान चालीसा पाठ हो चुके हैं।

यजमान व्यक्तियों में श्री अशोक सीकरी, श्रीमती शील सीकरी मौजूद रहे और डॉ.अलका शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति रही।

इस कार्यक्रम में श्री राम लाल ग्रोवर, श्री विजय दीवान और श्रीमती सीमा दीवान, ओम प्रकाश नरूला, श्रीमती सुरेश सीकरी, सतपाल नासा, श्रीमती पुष्पा नासा, श्री प्रमोद सलूजा, श्री केसर दास ग्रोवर, श्री द्वारका नाथ मक्कड़, श्री सुभाष ग्रोवर, श्री सुभाष अदलखा, श्री अनिल कुमार, श्री संजय तनेजा, श्री राजिंदर बजाज, श्री वीरेंद्र पाहुजा, श्री युधिष्ठर अल्मादी, श्री रणधीर टंडन, श्री जगदीश रखेजा, सहगल, श्री लीलू बुद्धिराजा, श्री अनिल बुद्धिराजा, श्री दलीप लूथरा, श्री अभिनव सीकरी, श्री तिरलोक गोसाईं, श्री नरेश गुरेजा, श्री रविंदर मेहता, श्री नरिंदर कथूरिया, श्री राकेश गोसाई, श्रीमती ज्योत्सना बजाज, श्रीमती रचना बजाज, श्रीमती शशि बजाज, श्रीमती सिमरन बजाज, श्रीमती रचना, श्रीमती पूजा खेत्रपाल, पूनम गोसाईं ने अपनी हाजिरी भरी।

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