-कमलेश भारतीय इक शहंशाह ने बनवा के हंसी ताजमहलहम गरीबों की मुहब्बत का उड़ाया है मज़ाक! साहिर लुध्यानवी के गीत की ये पंक्तियां बेसाख्ता याद हो आईं, जब देश के बड़े उद्योगपति और देश के बड़े नेता के बहुत प्यारे अम्बानी के बेटे अनंत की शादी से पहले फ्री बेडिंग की चर्चा अखबार में पढ़ने को मिली । वैसे यह दूसरा राउंड है । पहले राउंड में शाहरुख़ खान व सलमान खान ने अनंत व अम्बानी की खुशी के लिए ठुमके लगाये थे और एक विदेशी महिला डांसर को भारी कीमत अदा कर बुलाये जाने के चर्चे हुए थे । अब प्री बेडिंग के दूसरे राउंड में इटली में सारी खुशियां शिफ्ट हो गयी हैं । मुंबई से दो दिन से छह बिजनेस जेट विमान और एक कार्गो जेट से मेहमानों को इटली पहुंचा चुका है ! इन खास मेहमानों में सलमान खान, सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, सारा अली खान, करण जौहर, करिश्मा कपूर, करीना कपूर और मनीष मल्होत्रा आदि पहुंचे हैं । यह जश्न 29 मई से लेकर एक जून तक क्रूज में ही इटली से फ्रांस तक का 4,380 किलोमीटर का सफर तय करेगा । इस दौरान पार्टियां,गाना बजाना और खाना पीना होता रहेगा ! आसमान के नीचे भी सितारों से आगे जहां और भी हैं और स्टारी नाइट मनाई गयी ! ये जश्न गरीबों की शादियों का सरेआम मज़ाक नहीं तो क्या हैं ? सचमुच कितने दर्द में डूब कर साहिर लुध्यानवी ने ये पंक्तियां लिखी होंगीं ! माना कि आपके पास पैसा है, माना कि आप पूरे देश में सबसे अमीर हो सकते हो लेकिन दिल से कितने स्वार्थी हो और सिर्फ अपनी खुशियों तक सीमित हो ! इतने पैसों से तो पता नहीं देश की कितनी गरीब बेटियों की शादियां हो जातीं ! इतने पैसे से तो कितने अस्पताल बना सकते थे आप अम्बानी जी ! कोरोना के समय आप कहा़ं थे? कभी नहीं सुना कि आपने सोनू सूद की तरह कुछ किया हो ! सोनू सूद ने अपने मकान तक बेचकर गरीबों को उनके गांवों तक पहुंचाया । तब आपके जेट कहां थे? तब आपका पैसा कहां था ? आज महाराणा प्रताप को आर्थिक मदद देने वाले भामाशाह भी याद आ रहे हैं, जिन्होंने अपना पैसा उन्हें देश के लिए अर्पित करने में देर नहीं लगाई थी और एक आप हैं कि एक शादी के जश्न में गरीबों का मज़ाक उड़ाने में कोई संकोच नहीं कर रहे !माना कि पैसा आपका है और आप इसे जैसा चाहें, वैसा खर्च करने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन समाज और देश भी आपका है। ज़रा इधर भी देखिये ! समाज और देश के प्रति भी आपका कुछ ऋण है, उसे उतारिये अम्बानी जी ! बहुत लोकप्रिय पंक्तियां हैं :अभी ये दौलत नयी नयी है !-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी। 9416047075 Post navigation प्राइवेट स्कूलों का गोरखधंधा ………. स्कूल बने कॉपी-किताब की दुकान, अभिभावक परेशान जवान, किसान और खिलाड़ी-तीनों का नाश कर दिया : अभय चौटाला