जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी अखंड अग्नि तपस्या में कर रहे है देश की समृद्धि एवं जनकल्याण की कामना।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 26 मई : गीता की जन्मस्थली एवं तीर्थों की संगम स्थली कुरुक्षेत्र के जग ज्योति दरबार में चल रही महंत राजेंद्र पुरी की अखंड पंच धूणी अग्नि तपस्या के चौथे दिन रविवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। जग ज्योति दरबार में श्रद्धालुओं ने दर्शन करने के साथ पूजा अर्चना की। रविवार को तापमान जहां 44 डिग्री के पार रहा वहीं गर्म हवाएं एवं लू भी चलती रही। ऐसे मौसम में महंत राजेंद्र पुरी देश की समृद्धि एवं जनकल्याण की कामना से कठोर तप एवं भीषण गर्मी में अखंड अग्नि तपस्या कर रहे हैं।

करीब दो दशक से प्रतिवर्ष भीषण गर्मी में अग्नि तपस्या कर रहे महंत राजेंद्र पुरी ने सनातन धर्म की जय घोष करते हुए कहा कि उनकी तपस्या मकसद केवल राष्ट्र भक्ति, जनकल्याण एवं देश-प्रदेश में खुशहाली की कामना करना है। उन्हें इस भीषण गर्मी में भी अखंड पंच धूणी अग्नि तपस्या के बीच श्रद्धालु की आस्था एवं भगवान की कृपा से शीतल हवाओं का आभास होता है। इस अवसर पर महंत राजेंद्र पुरी ने महामृत्युंजय मंत्र एवं गायत्री मंत्र जप के साथ भगवान श्री राम नाम का संकीर्तन भी किया। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि पंच धूणी अग्नि तपस्या से श्रद्धालुओं में भी भारी उत्साह है और दूर दूर से भक्त गण पहुंच रहे हैं।

जग ज्योति दरबार में अखंड भंडारा भी चल रहा है। इस मौके पर नसीब सिंह, अजय राठी, जगदीश, बलविंदर, राज कुमार शर्मा, मनप्रीत सिंह, कुलदीप एवं मोहन लाल भी मौजूद रहे।