मुख्यमंत्री रहते हुए मनोहर लाल की जो बुराई कर रहे थे अब उनकी बिना पर्ची और खर्ची का कर रहे है गुणगान

अब यह तो चुनाव परिणामों के बाद ही तय होगा कि प्रदेश के युवा अपना रूख बिना पर्ची खर्ची वालों की ओर जायेगें या फिर नौकरियों में बंदरबांट करने वालों को हार का घाट दिखायेगें

ऋषिप्रकाश कौशिक

लोकसभा चुनाव का अंतिम सप्ताह के पड़ाव होने से चुनाव प्रचार पूरे ऊफान पर है। कांग्रेस और भाजपा दोनों के प्रत्याशी ही मौसम की गर्मी को दरकिनार करते हुए समय का सदुपयोग करते हुए अपने अपने रणक्षेत्र में पूरी भागदौड़ कर रहे है। जनसभा खत्म होते ही फोन घिनघिना रहे है यानि की गाड़ी में बैठने पर भी फुर्सत के दो पल नसीब नही हो रहे है। यदि बात रोहतक लोकसभा के कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार की बात करे तो फिलहाल दोनों ही नेता अरविंद शर्मा व दीपेंद्र हुड्डा जमकर मेहनत कर रहे है और सबसे बड़ी बात यह है कि दोनों नेता ही बहुत ही संयम से काम कर रहे है क्योंकि दोनों नेताओं को ही जनता के कड़वे सवालों से रूबरू होना पड़ रहा है।

जनसभा के बाद के रोजगार को लेकर कुछ सवालों के जवाब जनता के माध्यम से जानने का प्रयास किया तो वहां से कुछ ऐसी प्रतिक्रियाएं आई जिनका जिक्र करना जरूरी बनता है। सुचना व क्रांति के युग में आज सभी लोगों को सरकार के बजट और उसकी नौकरियों के विवरण का आसानी से पता चल जाता है तो नेताओं द्वारा प्रचारित आंकड़ो पर जनता विश्वास नही करती है। ऐसे में प्रदेश के युवाओं में रोजगार भी एक बड़ा मुद्दा है आज प्रदेश के युवाओं की पहली पसंद कौन बनेगा यह कहना तो मुश्किल है लेकिन युवा इस बात को खुले मन से स्वीकार कर रहे है मोदी के राज में भर्तियों का पैमाना योग्यता रहा है। वहीं कांग्रेस में दीपेंद्र के शराफत के चेहरे को आगे किया जा रहा है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के लोग इस बात से भी आहत है कि हुड्डा के राज में गांव में दो चार लोग ऐसे थे जो नौकरियों पर पूरा हस्तक्षेप रख रहे थे। ग्रामीण क्षेत्र में हुड्डा राज में नौकरियों को लेकर ग्रामीणों में इस बात का रोष है कि गांव के कांग्रेस समर्थित लोगों ने योग्य युवाओं की नौकरियों पर कैंची चलवाने का काम किया है।

यदि आंकड़ो पर गौर की जाये साल 2005 से 2014 तक 10 साल के लिए भूपेंद्र हुड्डा ने मुख्यमंत्री के रूप में हरियाणा की बागडोर संभाली थी। इस अवधि में 86 हजार 67 सरकारी भर्तियां हुई हैं। भाजपा सरकार के नौ साल के कार्यकाल में सरकारी नौकरियों में &0 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी गई है। मनोहर लाल ने अपनी सरकार के नौ साल के कार्यकाल 2014 से 2024 के बीच 1 लाख 14 हजार 210 सरकारी नौकरियां दी हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी सरकार के नौ साल के कार्यकाल 2014 से 2024 के बीच 1 लाख 14 हजार 210 सरकारी नौकरियां दी हैं, जबकि 41 हजार 217 सरकारी भर्तियों की प्रक्रिया चल रही हैं यानि इन पदो पर सरकार द्वारा अपने बचे हुए कार्यकाल में इन पदों पर भर्ती की संभावना बनी हुई है। ऐसे में यदि भाजपा सरकार इन पदों पर भर्ती करने में कामयाब रही तो वो पिछले दस साल की अपेक्षा लगभग दो गुणी सरकारी नौकरियां देने का काम कर जायेगी।

अब यदि देखा जाये तो भाजपा कांग्रेस से नौकरी देने में भी अव्वल रही है और खुद कांग्रेस के लोग भी इस बात को खुले मन से स्वीकार करते है नौकरियों के मामले में भाजपा सरकार ने कांग्रेस से श्रेष्ठ काम करने का काम किया है। कांग्रेस जनसभाओं में इस बात का उलाहनों का सामना दीपेंद्र हुड्डा को भी करना पड़ रहा है। दीपेंद्र हुड्डा के खास कार्यकर्ता अब एक बार फिर कांग्रेस समर्थकों को नौकरियों का आश्वासन दे रहे है जिससे आमजन में एक बार फिर वही संदेश जा रहा है कि कांग्रेस का राज आ गया तो नौकरियां कैसे मिलेगीं। कांग्रेस के अति उत्साही कार्यकत्र्ता इस बात के इलम को भूल रहे है कि इसी कारण आपको प्रदेश की सत्ता से बाहर होना पड़ा था और अब एक बार फिर वहीं घोषणा किये जा रहे हो। अब यह तो चुनाव परिणामों के बाद ही तय होगा कि प्रदेश के युवा अपना रूख बिना पर्ची खर्ची वालों की ओर जायेगें या फिर नौकरियों में बंदरबांट करने वालों को हार का घाट दिखायेगें।