2020 बैच के एच.सी.एस. पुलकित मल्होत्रा के स्थान पर 2011 बैच के एच.सी.एस. नरेंद्र मलिक   नए  एस.डी.एम. तैनात 

प्रदेश भर में  2020 बैच के 17 अन्य  एच.सी.एस अधिकारियों की   एस.डी.एम. के तौर पर  तैनाती पर सवाल कायम 

एस.डी.एम. तैनात होने  के लिए न्यूनतम 5 वर्ष की एच.सी.एस. सेवा अनिवार्य, अत: 2020 बैच के एच.सी.एस. अधिकारी योग्य नहीं — एडवोकेट

चंडीगढ़ – बीते गुरूवार  16 मई को हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव  द्वारा जारी एक आदेश मार्फ़त कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट के अंतर्गत पड़ने वाले शाहाबाद सब डिविजन एवं  विधानसभा हलके में  उपमंडल अधिकारी (नागरिक) — एस.डी.ओ. (सिविल) अर्थात  एस.डी.एम. के तौर पर  तैनात 2020 बैच के एच.सी.एस.  पुलकित मल्होत्रा का तबादला  कर  उनके स्थान पर 2011 बैच के एच.सी.एस. अधिकारी नरेंद्र पाल मलिक को तैनात किया गया है. शाहाबाद के एस.डी.एम. कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट के पदांकित कुल 9  ए.आर.ओ. (सहायक निर्वाचन अधिकारी )  में से एक  हैं.

 पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट  के एडवोकेट और चुनावी मामलों  के जानकार हेमंत कुमार ( 9416887788) ने गत माह   अप्रैल में  भारतीय  चुनाव आयोग,  मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), हरियाणा, राज्य के मुख्य सचिव और प्रदेश के 10 जिलों के उपायुक्तों (डीसी) जो   दस लोकसभा सीटों के पदांकित रिटर्निंग ऑफिसर (आर.ओ.) हैं  को लिखकर सूचित किया कि अक्टूबर, 2020 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव  द्वारा एचसीएस कैडर संख्या निर्धारण आदेश, जो मोजूदा तौर पर  भी   लागू है, में स्पष्ट तौर  एस.डी.ओ. (सिविल)  अर्थात  एस.डी.एम.  के पदों को स्पष्ट तौर पर सीनियर स्केल और सिलेक्शन ग्रेड अर्थात 5 वर्ष से 15 वर्ष तक की एच.सी.एस. सेवा वाले अधिकारियों के लिए दर्शाया गया है हालांकि प्रदेश में  21 एचसीएस  अधिकारी जो 2020 बैच के हैं हरियाणा के विभिन्न उपमंडलों में बतौर  एसडीओ (सी)/एसडीएम  तैनात हैं जिनमें  हिसार जिले के  हांसी उपमंडल में मोहित कुमार, दर्शन यादव (मानेसर), हरबीर सिंह (भिवानी), ज्योति (इसराना), अमित कुमार- द्वितीय (सोनीपत), मयंक भारद्वाज (नांगल चौधरी), जय प्रकाश (रादौर), रवींद्र मलिक (बेरी) ), प्रतीक हुड्डा (टोहाना), पुलकित मल्होत्रा (शाहाबाद ), अमित मान (बड़खल), अभय सिंह जांगड़ा (डबवाली), अमित (समालखा), अमित कुमार- तृतीय (लोहारू), अजय सिंह (जुलाना), राजेश कुमार सोनी (घरौंडा) ), अमन कुमार (पेहोवा), गौरव चौहान (पंचकूला), नसीब कुमार (लाडवा), गुलज़ार मलिक (उचाना कलां) और देवेन्द्र शर्मा (बिलासपुर) शामिल  हैं.

उपरोक्त में से  मानेसर, जुलाना और नांगल चौधरी तीन उपमंडलों में तैनात अधिकारियों . को छोड़कर शेष 18 इसी वर्ष फरवरी माह  में उनके पद अर्थात उनके एसडीओ (सी) तैनात होने के  फलस्वरूप भारतीय चुनाव आयोग द्वारा सम्बंधित लोकसभा सीट के अंतर्गत पड़ने वाले विधानसभा हलके के   ए.आर.ओ. के तौर पर पदांकित किया गया.

अब ताज़ा तौर पर केवल 2020 बैच के एच.सी.एस. पुलकित मल्होत्रा का ही शाहाबाद उपमंडल के एस.डी.एम. पद से तबादल किया गया है जबकि इसी बैच के 17 अन्य उपरोक्त  एच.सी.एस. अधिकारी जो जूनियर स्केल में हैं अर्थात जिनकी आज की तारीख में 5 वर्षो से कम एच.सी.एस. कैडर में सेवा है, वह आज भी प्रदेश के अलग अलग स्थानों पर बतौर एस.डी.एम. तैनात हैं अर्थात लोकसभा आम चुनाव में ए.आर.ओ. के तौर पर पदांकित हैं जिसपर गंभीर सवाल उठाना स्वाभाविक है. 

हेमंत ने एक और महत्वपूर्ण  जानकारी देते हुए बताया कि गत माह अप्रैल में जब अम्बाला लोकसभा सीट के अंतर्गत पड़ने वाले मुलाना विधानसभा हलका, जो  बराड़ा उपमंडल में पड़ता है, में तत्कालीन एस.डी.एम.  बिजेंद्र सिंह को बदलकर 2011 बैच के ही एच.सी.एस. अश्वनी मलिक को  नया एस.डी.एम. तैनात किया गया.  इसी प्रकार कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट के अंतर्गत पड़ने वाले कैथल उपमंडल के तत्कालीन एस.डी.एम. ब्रह्म प्रकाश का निलंबित करने के बाद  2003 बैच के वरिष्ठ  एच.सी.एस. सुशील कुमार-1 को  बतौर एस.डी.एम. तैनात किया गया.

हेमंत ने बताया कि हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रदेश  में  आईएएस और एचसीएस  अधिकारियों की तैनाती-तबादले करने की शक्ति राज्य  सरकार (मुख्यमंत्री ) में निहित होती है एवं ऐसा करना  उनका विवेकाधिकार है परन्तु ऐसा करते समय  प्रशासनिक सिद्धांतों की अनुपालना आवश्यक  है ताकि तैनाती-तबादलों पर  किसी प्रकार का कोई प्रश्न  उत्पन्न न हो.  अगर एचसीएस कैडर निर्धारण आदेश, 2020 में स्पष्ट तौर पर  न्यूनतम पांच वर्ष की एचसीएस सेवा वाले अधिकारी को ही एसडीओ (सी) पद के लिए योग्य माना गया है, तो इसकी सख्त अनुपालना की जानी चाहिए और विशेष तौर पर तब लोकसभा आम चुनाव के दृष्टिगत प्रदेश के उप-मंडलों में तैनात ऐसे एचसीएस अधिकारियों को भारतीय चुनाव आयोग द्वारा ए.आर.ओ. के तौर पर पदांकित किया गया हो.

हेमंत ने इस सम्बन्ध में एक बार पुनः चुनाव आयोग से तत्काल  हस्तक्षेप करने का  आह्वान करते हुए हरियाणा सरकार को  निर्देश देकर उपयुक्त कार्रवाई के लिए लिखा है ताकि एच.सी.एस. कैडर में न्यूनतम पांच साल की सेवा वाले  अधिकारियों की  ही प्रदेश के सभी उपमंडलों में  एसडीओ (सी)/एसडीएम के पद पर तैनाती सुनिश्चित की जा सके जो इस पद के फलस्वरूप आगामी लोकसभा आम चुनाव में सम्बंधित लोकसभा सीट में पदांकित  ए.आर.ओ. के तौर अपनी चुनावी ड्यूटी निभा सकें.

हेमंत ने यह भी बताया‌ कि इसी अप्रैल माह में अंबाला के बराड़ा  उपमंडल और कैथल उपमंडल में निवर्तमान तैनात एसडीएम को‌ बदलकर चुनाव आयोग की स्वीकृति से जो‌‌ 2 ताजा एचसीएस अधिकारी  बतौर एसडीएम तैनात किए गए हैं, उन दोनों की एचसीएस में सेवा‌ हालांकि 5 वर्ष से कहीं अधिक‌ है. बराड़ा उपमंडल में 2011 बैच  के एचसीएस अश्वनी मलिक जबकि कैथल उपमंडल में  2003 बैच के एचसीएस सुशील कुमार- 1 को तैनात किया गया है.