22 जनवरी को थे 1.98 करोड़, ताज़ा आंकड़ों में हुए 2 करोड़ 2 लाख 

एडवोकेट ने  नामांकन की अंतिम तारीख अर्थात  6 मई 2024 तक  सभी 90 विधानसभा हलकों में रजिस्टर्ड  मतदाताओं की ताज़ा  संख्या सार्वजनिक बारे लिखा 

कानूनन नामांकन  भरने की अंतिम तक मतदाता सूची में शामिल हो सकता है नए मतदाता का नाम

हालांकि चुनाव आयोग के एक आदेशानुसार उससे 10 दिन पूर्व तक ही ऐसा होता है  संभव  — हेमंत कुमार 

चंडीगढ़ – हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल द्वारा मंगलवार को जारी एक प्रेस नोट के अनुसार  हरियाणा में मतदाताओं की कुल संख्या 2 करोड़ 1 लाख 87 हजार 911 है, जिसमें 1 करोड़ 6 लाख 52 हजार 345 पुरुष, 94 लाख 23 हजार 956 महिला महिला मतदाता शामिल हैं। इसके अलावा 467 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं. 

प्रदेश  में लोकसभा की सभी 10  सीटों और करनाल विधानसभा सीट के उपचुनाव हेतु आगामी  25 मई  को मतदान निर्धारित है जबकि 4 जून को मतगणना होगी.

इसी बीच  पंजाब एवं हरियाणा  हाईकोर्ट के एडवोकेट और चुनावी विश्लेषक हेमंत कुमार (9416887788) ने भारतीय चुनाव आयोग, मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ), हरियाणा और प्रदेश के सभी 22 जिलों के उपायुक्तों (डीसी), जो अपने अपने सम्बंधित जिले के  डी.ई.ओ. (जिला चुनाव अधिकारी)   भी हैं, को लिखकर उनसे बीती 6 मई 2024 तक राज्य के सभी 90 विधानसभा हलकों में रजिस्टर्ड मतदाताओ की संपूर्ण एवं  ताज़ा संख्या ( अर्थात पुरुष, महिला, ट्रांसजेंडर, दिव्यांग, ओवरसीज (एन.आर.आई.) और सर्विस मतदाता) को सार्वजनिक करने की अर्थात सीईओ, हरियाणा की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करने बारे लिखा है. 

वर्तमान में उपरोक्त मतदाता संख्या 1 जनवरी 2024 की योग्यता तिथि के आधार  इसी वर्ष  22 जनवरी 2024 को प्रकाशित की गयी थी जो मौजूदा तौर पर  सीईओ, हरियाणा की वेबसाइट पर उपलब्ध है. लिखने योग्य है  कि भारतीय चुनाव आयोग के निर्देशानुसार हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी (सी.ई.ओ.) द्वारा  प्रदेश  के सभी 22 ज़िलों में कुल रजिस्टर्ड मतदाताओं की ताज़ा संख्या को इस वर्ष 1 जनवरी 2024 की योग्यता तिथि के आधार पर अपडेट किया गया था  एवं फाइनल मतदाता सूचियों का प्रकाशन 22 जनवरी 2024  को  हुआ   जिनके आधार पर  हरियाणा में कुल 1 करोड़ 98 लाख 34 हजार 602 मतदाता थे  जबकि मुख्य चुनाव अधिकारी, हरियाणा द्वारा ताज़ा जारी आंकड़ों अनुसार  2 करोड़ 1 लाख 87 हजार 911 मतदाता थी.  इस प्रकार बीते  चार माह में   पूरे प्रदेश में 3 लाख 53 हजार 309 मतदाता बढे है.

हालांकि जहाँ तक रिक्त  करनाल (शहर) विधानसभा सीट  का विषय है, जहाँ से प्रदेश के मौजूदा  मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बतौर भाजपा उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, वहां की ताज़ा मतदाता संख्या को सार्वजनिक नहीं किया गया है. हेमंत ने बताया कि इस वर्ष 22 जनवरी को करनाल विधानसभा हलके में 2 लाख 56 हज़ार 557 मतदाता थे. निश्चित तौर पर गत चार माह में इस संख्या में भी वृद्धि हुई होगी. 

हेमंत ने यह भी  बताया कि  लोक प्रतिनिधित्व कानून   के अंतर्गत  किसी प्रदेश में चुनावो की अधिसूचना जारी होने के उपरान्त उम्मीदवारों द्वारा नामांकन भरने की प्रक्रिया जो एक  सप्ताह तक चलती है, इसी के अंतिम दिन जिस प्रकार दोपहर तीन बजे तक उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल किये जा सकते हैं, इसी प्रकार उसी तिथि तक मतदाता सूचियों में भी नए नाम डाले जा सकते है. ऐसा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950   की धारा 23 (3 ) के अनुसार किया जाता है. उन्होंने    इस सम्बन्ध में  सुप्रीम कोर्ट के जुलाई, 1977 के एक  निर्णय- नरेंद्र माड़ीवालापा खेनी बनाम माणिकराव पाटिल  का हवाला भी दिया  जिसमें कोर्ट द्वारा इस  कानूनी व्यवस्था को  दोहराया गया था.

 हालांकि  5 वर्ष पूर्व 2019 में   आर.टी.आई. द्वारा हेमंत को  भारतीय चुनाव आयोग  से यह जानकारी मिली    कि  आयोग के वर्ष 2009 में जारी एक आदेश अनुसार   सभी राज्यों  के मुख्य चुनाव अधिकारी प्रशासनिक  कारणों के कारण उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल  तिथि की अंतिम तिथि  से दस दिन पहले तक ही नये मतदाताओं को अपने को रजिस्टर करने का अवसर प्रदान करते है.   चूँकि हरियाणा  की सभी 10 लोकसभा सीटों पर निर्वाचन के लिए  नामांकन भरने की अंतिम तारीख 6 मई थी, इस प्रकार नए मतदाताओं के नाम 26 अप्रैल तक ही मतदान सूची में  शामिल किये जा सकते थे.

  हेमंत ने बताया कि इस वर्ष 1 जनवरी 2024 के आधार पर वर्तमान में सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध मतदाता संख्या के आधार पर   जहाँ तक प्रदेश के 10 लोकसभा हलकों का विषय है, तो इस आधार पर गुड़गांव  लोकसभा क्षेत्र  मतदाताओ की दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा हलका है जहाँ वर्तमान में  कुल मतदाता 25 लाख 5 हज़ार 345 थे  जबकि  सबसे कम मतदाता सोनीपत  लोकसभा हलके में 17 लाख 47 हज़ार 463 थे.

 एडवोकेट हेमंत ने   यह भी बताया कि   दिसम्बर, 2021 में  देश की संसद द्वारा  निर्वाचन विधि  (संशोधन) कानून, 2021 पारित किया गया था जिसे  29  दिसंबर, 2021 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति की स्वीकृति  प्राप्त हुई थी. हालांकि उक्त कानून को  1 अगस्त, 2022 से लागू किया गया. इसके द्वारा   लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 में अन्य संशोधनों के साथ ही   यह  भी  प्रावधान किया गया है कि हर वर्ष केवल 1 जनवरी को ही नहीं बल्कि  1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर को भी 18 वर्ष  की आयु पूरे करने वाले स्थानीय निवासियों  का नाम सम्बंधित क्षेत्र की मतदाता सूचियों में शामिल किया जा सकता है.    

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