कांग्रेस को ऐसे नेताओं व कार्यकर्ताओं से अब पिंड छुडा लेना चाहिए जो इस संकट की घडी में भी कांग्रेस के साथ मजबूती से खडे होने की बजाय निजी स्वार्थो की राजनीति कर रहे है : विद्रोही जो नेता अपने निजी हितों के लिए कांग्रेस व जनता के साथ धोखाधडी कर रहे है, उसे करारा सबक सिखाने का समय आ गया है : विद्रोही 30 अप्रैल 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कांग्रेस नेतृत्व से आग्रह किया कि अब समय आ गया है कि निजी हितों की राजनीति करके लोकसभा चुनावों में पार्टी उम्मीदवारों की बजाय अपनी-अपनी राजनीतिक रोटिया सेंकने वाले सभी कांग्रेसी नेताओं व कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाये। विद्रोही ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 साधारण आम चुनाव न होकर भारत के लोकतंत्र, संविधान, गंगा-जमुनी तहजीब को बचाने का चुनाव है। इस चुनाव से परिणाम भारत में लोकतंत्र व संविधान का भविष्य तय होगा। जब देश को बचाने का चुनाव हो और ऐसे समय में भी जो कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता देश व पार्टी के भविष्य के बारे में सोचने की बजाय निजी स्वार्थो, सत्ता लिप्सा की राजनीति कर रहे हो, वे न तो देश के हितैषी हो सकते है और न ही कांग्रेस के हितैषी है। ऐसे लोग केवल अपने निजी स्वार्थो की पूर्ति को ही सबसे बडा लक्ष्य समझते है। कांग्रेस को ऐसे नेताओं व कार्यकर्ताओं से अब पिंड छुडा लेना चाहिए जो इस संकट की घडी में भी कांग्रेस के साथ मजबूती से खडे होने की बजाय निजी स्वार्थो की राजनीति कर रहे है। विद्रोही ने कहा कि हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों में लोकसभा टिकटे वितरण में जिन्हे टिकट नही मिला, उनमें हताशा, निराशा स्वभाविक है। टिकट का हर दावेदार समझता है कि वही योग्य और जीतने वाला उम्मीदवार है। उनकी सोच बेशक सही हो सकती है, लेकिन ऐसे नेताओं को खुद भी विचारना चाहिए कि पार्टी टिकट तो किसी एक नेता को ही मिलेगी। इस तथ्य को समझकर हर नेता को पार्टी हाईकमांड का निर्णय स्वीकारना चाहिए। जनता भी समझे जो नेता टिकट मिलने पर पार्टी नेतृत्व का गुणगान करे और नही मिलने पर उसकी आलोचना करे, ऐस नेता क्या कभी उनके हितैषी हो सकते है। राजनीति को जनसेवा की बजाय केवल निजी स्वार्थपूर्ति का साधन समझने वाले कभी भी जनता व किसी दल के हितैषी नही हो सकते। विद्रोही ने कहा कि मोदी-भाजपा ने विगत दस सालों से राजनीति को सेवा की बजाय पैसा कमाने का औजार बना दिया है, उसका दुष्परिणाम पूरा देश भुगत रहा है। चुने हुए जनप्रतिनिधियों को कालेधन के बल पर खरीदकर मोदी-भाजपा न केवल जनादेश को धत्ता बता रहे है, अपितु पूरी राजनीति को ही भ्रष्टाचार की दलदल में धकेल रहे है। वहीं जिस तरह मोदी-भाजपा सत्ता बल पर सभी सरकारी संसाधनों का रूख पूंजीपतियों की तिजौरियों की ओर कर रहे है और लोकतांत्रिक मूल्यों, अभिव्यक्ति स्वतंत्रता, मौलिक अधिकारों को कुचल रहे है, वह भारत के लोकतंत्र, संविधान को खत्म करने को ऐसा कुप्रयास है जिसका सभी नागरिकों को मिलकर मुकाबला करना होगा। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने कहा कि जो नेता अपने निजी हितों के लिए कांग्रेस व जनता के साथ धोखाधडी कर रहे है, उसे करारा सबक सिखाने का समय आ गया है। Post navigation *आदमपुर विजय संकल्प रैली ………. दो चरणों के मतदान में हार भांपकर घबरा गई है कांग्रेस : मनोहर लाल चुनाव प्रचार में सुरक्षा वाहन को छोड़कर 10 से ज्यादा वाहनों के काफिले के चलने की नहीं होगी अनुमति