*बेशक 4 बार चुनाव हारे परन्तु केवल एक बार 2011 उपचुनाव में ही हुई ज़मानत ज़ब्त — हेमंत* 

*वर्ष 1998 लोकसभा चुनाव में जय प्रकाश और रणजीत सिंह दोनों हिसार लोस सीट से हुए थे  पराजित*

हिसार  –  हिसार लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जय प्रकाश इसी सीट से रिकॉर्ड आठवी बार चुनाव लड़ रहे हैं जिसमें से वह तीन बार विजयी हुए जबकि चार बार उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा. अब आठवी बार क्या होता है, यह  आगामी चार जून की देर शाम को ही पता चल पायेगा. 

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में एडवोकेट और चुनावी विश्लेषक हेमंत कुमार ने आज बताया कि हिसार संसदीय सीट से अब तक सबसे अधिक तीन बार सांसद बनने का  रिकॉर्ड हालांकि जयप्रकाश (जेपी ) के नाम ही  है हालांकि वह वर्ष 1989 लोकसभा आम चुनाव  में चौधरी देवीलाल की तत्कालीन जनता दल, वर्ष 1996 लोकसभा आम चुनाव में बंसी लाल की तत्कालीन   हरियाणा विकास पार्टी और वर्ष 2004 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत कर हिसार सीट से  सांसद निर्वाचित हुए  थे.  जय प्रकाश  छः माह के लिए 1990-91 में केंद्र में तत्कालीन कांग्रेस के समर्थन से बनी   चंद्रशेखर सरकार में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय में उप मंत्री भी रहे थे. 

हेमंत ने आगे बताया कि वर्ष  1989 लोकसभा आम चुनाव  में जनता दल की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए जय प्रकाश ने  कांग्रेस के  बीरेंद्र सिंह डूमरखां, जिन्होंने  हाल ही में भाजपा में करीब दस वर्ष बिताने के बाद कांग्रेस में घर-वापसी की है, को करीब 45 हजार वोटों से  हराया था. उस चुनाव में जय प्रकाश को 51 % जबकि बीरेंद्र सिंह को 43 % वोट प्राप्त हुए थे. इससे पूर्व हालांकि 1984 लोकसभा  आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ते हुए  बीरेंद्र सिंह प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को पचास हजार से ऊपर वोटों के अंतर से हराकर पहली बार लोकसभा सांसद बने थे. 

बहरहाल, इसके बाद वर्ष 1991 लोकसभा आम चुनाव में जय प्रकाश जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस के नारायण सिंह से 27 हजार वोटों के अंतर से हार गये. उस चुनाव में जय प्रकाश को हालांकि 34 % वोट प्राप्त हुए थे.  

उसके बाद वर्ष 1996 लोकसभा आम चुनाव में जय प्रकाश ने बंसी लाल की हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) की टिकट पर चुनाव लड़ा और उन्होंने उसमें समता पार्टी के गौरी शंकर को पौने दो लाख वोटों के विशाल अंतर से पराजित किया और दूसरी बार लोकसभा सांसद बने. उस चुनावो में जय प्रकाश को 42 % वोट प्राप्त हुए थे. 

वर्ष 1998 में हुए लोकसभा के मध्यावधि लोकसभा आम चुनाव में हालांकि जय प्रकाश ने समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय) से चुनाव लड़ा परन्तु वह ओम प्रकाश चौटाला की तत्कालीन हरियाणा लोक दल (राष्ट्रीय) – हलोदरा के सुरेन्द्र सिंह बरवाला से चुनाव हार गये. उस चुनाव में जय प्रकाश तीसरे स्थान पर रहे थे जबकि दूसरे स्थान पर हविपा के ओम प्रकाश जिंदल रहे थे. उस चुनाव में जय प्रकाश को हालांकि साढ़े 23 % वोट प्राप्त हुए थे. 

हेमंत ने बताया कि रोचक बात यह है कि उस चुनाव में हिसार लोकसभा सीट  से मोजूदा भाजपा उम्मीदवार चौधरी रणजीत सिंह ने इसी सीट से तब कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा थे और उन्हें केवल  10 प्रतिशत वोट ही मिले थे अर्थात उनकी ज़मानत जब्त हो गई थी.

वर्ष 1999 लोकसभा आम चुनाव में जय प्रकाश ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा. हालांकि इसी बीच वर्ष 2000 हरियाणा विधानसभा आम चुनाव में जय प्रकाश हिसार की बरवाला सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बन गये थे. उसके बाद वर्ष  2004 लोकसभा आम चुनाव में  जय प्रकाश ने हिसार लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव  लड़ते हुए इनेलो के सुरेन्द्र बरवाला को 1 लाख 83 हजार वोटों के अंतर से हराया और तीसरी बार लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए. उस चुनाव में जय प्रकाश को 53 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे. 

उसके बाद 2009 लोकसभा आम चुनाव में हालांकि कांग्रेस के टिकट पर हिसार लोकसभा से चुनाव लड़ते हुए जय प्रकाश हरियाणा जनहित कांग्रेस – हजका (बी) के हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री  भजन लाल से करीब 44 वोटों के अंतर से चुनाव हार गये. उस चुनाव में संपत सिंह, जो तब इनेलो में थे, वह दूसरे स्थान पर रहे थे. बहरहाल, उस चुनाव में तीसरे स्थान पर रहने बावजूद जय प्रकाश को साढ़े 24 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे. 

हेमंत ने बताया कि जून, 2011 में तत्कालीन हिसार सांसद भजन लाल की  मृत्यु के कारण अक्टूबर, 2011 में हिसार लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ जिसमें भजन लाल के छोटे सुपुत्र कुलदीप बिश्नोई ने हजका(बी) से चुनाव लड़ते हुए  इनेलो के अजय सिंह चौटाला को पराजित किया और  सांसद निर्वाचित हुए. उस चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े जय प्रकाश को केवल डेढ़ लाख वोट ही प्राप्त हुए जिससे उनकी ज़मानत राशि जब्त हो गयी. आज तक तक वह  एकमात्र चुनाव (वास्तव में उपचुनाव) था जिसमें जय प्रकाश की हिसार लोकसभा से ज़मानत राशि गंवानी पड़ी. इसके बाद वर्ष 2014 हरियाणा विधानसभा चुनाव में जय प्रकाश कैथल की कलायत सीट से निर्दलीय विधायक निर्वाचित हो गये. 

डेढ़ वर्ष पूर्व नवम्बर, 2022 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए जय  प्रकाश हालांकि हिसार जिले की आदमपुर सीट से विधानसभा  उपचुनाव में भाजपा के कुलदीप बिश्नोई  के पुत्र  भव्य बिश्नोई से करीब 16 हजार वोटों से चुनाव हार गये थे परन्तु उन्होंने उस चुनाव में 39 प्रतिशत वोट हासिल किये थे. हालांकि तब यह कहा गया कि जय प्रकाश को  भजन लाल, उनके पुत्र कुलदीप बिश्नोई और उनके पौत्र भव्य बिश्नोई तीनो ने एक एक बार अलग अलग चुनाव में हराया है.

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