भारत सारथी/ कौशिक 

नारनौल। हरियाणा में लोकसभा चुनाव को लेकर प्रचार-प्रसार तेज होता जा रहा है। प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों पर 25 मई को मतदान होना है। इससे पहले राजनीतिक पार्टियां चुनावी समीकरण साधने में लगी हैं। हरियाणा में लोकसभा का चुनाव इस बार कई मायनों में अहम है। 34 साल बाद ऐसा हुआ है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके चौधरी बंसीलाल के परिवार से इस बार कोई चुनावी मैदान में नहीं है। वहीं पूर्व सीएम भजनलाल के परिवार से भी किसी को टिकट नहीं मिला है।

पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पोत्री और किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी

भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से टिकट की दावेदार मानी जा रही थी। लेकिन, कांग्रेस ने इस बार उनका टिकट काट दिया है। उनकी जगह महेंद्रगढ़ से कांग्रेस विधायक राव दान सिंह को टिकट दिया गया है। राव दान सिंह भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे के नेता माने जाते हैं।

भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर 1977 से लेकर 2019 तक बंसीलाल परिवार की 3 पीढ़ियां 11 चुनाव लड़ चुकी हैं। 1977 में पहली बार बंसीलाल ने भिवानी से चुनाव जीता था। बंसीलाल परिवार से 3 पीढ़ियां इस सीट से कुल 11 चुनाव लड़ चुकी हैं, जिसमें से 6 बार उनकी जीत हुई. पिछली दो चुनाव में श्रुति को हार का सामना करना पड़ा था।

भजनलाल परिवार में भी किसी को नहीं मिला टिकट

बीजेपी की तरफ से हिसार से कुलदीप बिश्नोई का टिकट फाइनल माना जा रहा था। लेकिन, बीजेपी ने उनकी जगह विधायक रंजीत सिंह चौटाला को टिकट दिया है। कुलदीप बिश्नोई हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत भजनलाल के छोटे बेटे हैं। वहीं कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई आदमपुर से विधायक हैं। 26 साल बाद ऐसा मौका है, जब भजनलाल परिवार लोकसभा चुनाव से पूरी तरह बाहर है। 15 साल बाद ऐसा हुआ है कि हिसार सीट से भजनलाल परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है।

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