गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि बच्चो के दाखिले के लिए परिजन स्कूलों के चक्कर काट रहे है। परिजनों ने अपनी दिक्कते डीईईओ गुरुग्राम को बताई। गुरुग्राम : गुरुग्राम में परिजनों को ‘चिराग योजना’ और आरटीई के तहत बच्चों का दाखिला कराने में आ रही है दिक्कतें।आज दिनांक 24.04.2024 दिन बुधवार को परिजनो ने समाजसेवियों के साथ मिल एडीसी गुरुग्राम और डीईईओ को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने में गुरुग्राम के समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह अर्जुन नगर, टिंकु जाटव अम्बेडकर नगर, मुकेश सिंगला धनवापुर, मनीष मक्कर और बच्चों के परिजन कृष्ण कुमार, मोनिका, रुचिका गुप्ता, शिखा राठौड़, पूजा , मीनाक्षी कटारिया, अंबनेश कुमार, हंसराज, सबिता आर्यन, प्रदीप सिंह, रवि दायमा, शीतल सैनी, तेजस सैनी, राकेश कुमार बैरवा, बंटी लुहेरा, हसीन लुहेरा, पर्व लुहेरा, सिद्धार्थ, करुणा, अविनेश, उपकार, सुमन, रोहित कुशवाहा, गुलशन और अन्य मौजूद रहे। गुरिंदरजीत सिंह कहा कि परिजनो को बहुत परेशानी हो रही है, कई सकूल दाखिला फॉर्म नही लिए। और अंतिम तारीख भी नजदीक आ रही है, इस लिए परिजनों की दिक्कतो को अहमियत देते हुए पहले निपटारा कर बच्चों का दाखिला जल्द कराए अधिकारी और सरकार। टिंकु जाटव ने कहा कि परिजनो की दिक्कतो को दूर किया जाए और बच्चो का एडमिशन कराने में परिजनों की मदद करे। समाजसेवी मुकेश सिंगला धनवापुर ने भी डीईईओ गुरुग्राम को परिजनो को बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिला होने में हो रही दिक्कतो से अवगत कराया। मनीष मक्कर ने भी कहा कि शिकायतो पर जल्द सुनवाई कर आधिकारी बच्चो का एडमिशन कराने में मदद करे। अनेकों परिजनो ने पहले भी शिकायत पत्र बीइईओ ऑफिस में दे चुके है। आज परिजनो ने समाजसेवियों के साथ मिलकर एक ज्ञापन एडीसी गुरुग्राम और डीईईओ गुरुग्राम को सौंपा। उन्होंने बताया कि विभिन्न स्कूलों में उन्होंने दाखिला फॉर्म भर जमा कराए है। पर कई स्कूलों ने फॉर्म लेने से मना कर दिया। तो वे बीइओ ऑफिस आए। आधिकारी ने उन्हें स्पीड पोस्ट करने को कहा। स्पीड पोस्ट के बावजूद भी कई स्कूलों ने पोस्ट वापिस भेज दी। जिसके दस्तावेज़ और स्पीड स्लिप अभिभावकों ने बीईओ आफिस जमा करवा दी। उन्होंने कहा कि वे नीति से कार्य कर अपने बच्चो का स्कूलों में दाखिला कराना चाहते है। पर कुछ स्कूल सरकारी आदेश नही मान रहे। इस लिए आज ज्ञापन सौंपा गया। और जल्द कारवाही की मांग की गई। Post navigation अदालत ने बिजली चोरी का मामला पाया गलत कैसै करें 400 पार” के नारे को सार्थक ……. किया मंथन