सेलिब्रिटी की जगह जनता के साथ जुड़े नेताओं को टिकट देनी चाहिए। जो जनता के दुख दर्द जानते है।

लोकतंत्र में जनता को जन प्रतिनिधि चाहिए न की सत्ताप्रतिनिधि।

वे क्या लोकतंत्र की आवाज बनेंगे, जो अपने ऐ सी वाले महलों से कभी बाहर ही नही आते। गुरिंदरजीत सिंह

जो समस्याएं दूर करे, वही हमारा जनप्रतिनिधि। गुरिंदरजीत सिंह

गुरुग्राम : साईबर सिटी गुरुग्राम के समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह अर्जुन नगर ने बताया कि लोकतंत्र का महापर्व यानि चुनाव का आगाज हो चला है। सरकार गठन के लिए चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बीच सरकार गठन व प्रत्याशी को ले कई तरह के चर्चाएं हो रही है। कोई विकास के मुद्दे का राग अलाप रहा तो किसी को जात-पात व धर्म-संप्रदाय का भरोसा है। इस बीच जनप्रतिनिधि कैसा हो का चर्चा भी जोर पकड़े हुए है।

गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि लोगों के बीच जनप्रतिनिधि को ले बहस छिड़ी हुई है। अगर चर्चाओं पर गौर करे तो ईमानदार छवि व साफ-सुथरे व्यक्ति को ही जनप्रतिनिधि के रूप में तरजीह देने का लोग मन मनाये हुए है। वहीं युवाओं को इस चुनाव से खासी उम्मीद है। राजनीतिक दलों ने भी कई सीटों पर युवाओं पर भरोसा दिखलाया है और उन्हें प्रत्याशी घोषित किया है। आपका जनप्रतिनिधि कैसा हो इस मुद्दे को ले लोगों से राय-शुमारी जारी है।

गुरिंदरजीत सिंह ने बताया कि हमे संविधान को बचाना है, लोकतंत्र को बचाना है। हमे चुनाव में ऐसा उम्मीदवार चाहिए जो जनप्रतिनिधि हो, न कि सत्ताप्रतिनिधि। जो नेता जनता के बीच रहकर जनता के सुख दुख में काम आया हो, हमे वही उम्मीदवार के तौर पर चाहिए। जनप्रतिनिधि चुनाव को ले मतदाताओं को चाहिए जरूर सोचना।

उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज सत्ताधारी बीजेपी जनप्रतिनिधि से ज्यादा सेलिब्रिटी को टिकट दे रही गई। बीजेपी को जनता से को मतलब नही, उसने ऐसे उम्मीदवार घोषित किए है जिन्होंने आज तक जनता के लिए कोई कार्य नहीं किया। वे सिर्फ चर्चाओं की सुर्खियां रहे है। आज हमे खुद को बीजेपी से बचाने की जरूरत है। उन्होंने सनी देओल, हेमा मालिनी, किरन खेर, हंस राज हंस, गौतम गंभीर जैसे बीजेपी सांसदो की उदाहरण देते कहा कि ऐसे उम्मीदवारों से बीजेपी ने चुनाव तो जीता पर उसके बाद वहा के संसदीय क्षेत्र का कोई विकास नहीं हुआ। सनी देओल तो पिछले पांच साल में अपने संसदीय क्षेत्र गुरदासपुर में दिखे भी नहीं।

गुरिंदरजीत सिंह ने साथ ही बताया कि ऐसा ही हाल है राज रजवाड़ों को टिकट देने का, जैसे गुरुग्राम से राव इंद्रजीत सिंह, को पिछले दस साल से बीजेपी पार्टी की तरफ़ से गुरुग्राम के सांसद है। और इस बार भी बीजेपी ने उन्हे टिकट दी है। वे अपने महल से बाहर जनता के बीच कभी नही आते। हा, चुनाव के समय रैलियों में दिखाई देते हैं। और बात अगर विकास हो, तो बीजेपी ने विकास के नाम पर गुरुग्राम की भोली भाली जनता को जुमलो और धोखे के इलावा और कुछ नही मिला। गुरुग्राम में फैली गंदगी के कारण आज विश्व स्तर पर गुरुग्राम को कूडाग्राम बोला जाने लगा है। हर साल जलभराव से आम जन का रहना दुश्वार हो जाता है। गुरुग्राम कहने को मेट्रोपॉलिटन सिटी है पर गुरुग्राम का इकलौता बस स्टैंड जर्जर हालत में है। मेट्रो का काम पिछले दस साल में शून्य। दस साल में गुरुग्राम में मैट्रो एक इंच मैट्रो भी नही बढ़ी। स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर गुरुग्राम विधानसभा क्षेत्र में इकलौता सामान्य हस्पताल था, जिसको बीजेपी सरकार ने चार पांच साल पहले तोड़ दिया और आज तक नही बना। कोई नई सरकारी डिस्पेंसरी नही खुली। अगर खोली हो तो बीजेपी वाले बताए। शिक्षा क्षेत्र में बीजेपी सरकार ने सरकारी स्कूलों को बंद किया। जबकि बढ़ती जनसंख्या के हिसाब से ओर नए स्कूल बनाने चाहिए। आज गुरुग्राम एक ऐसा शहर है जहां कोई सरकारी मेडिकल कालेज नही। सरकारी खेल कॉलेज नही। सरकारी पशु मंडी नही। ऐसे कितने ही कार्य है जो बीजेपी सरकार ने पिछले दस साल से कभी किए नही।

गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में जनता को जन प्रतिनिधि चाहिए न की सत्ताप्रतिनिधि। वे क्या लोकतंत्र की आवाज बनेंगे, जो अपने ऐ सी वाले महलों से कभी बाहर ही नही आते। जो समस्याएं दूर करे, वही हमारा जनप्रतिनिधि। इसलिए हमें पार्टी के साथ साथ अपने जन प्रतिनिधि को चुनना चाहिए। जो क्षेत्र के विकास करे और जनता के सुख दुख का भागीदार हो। जिस से हम अपनी आवाज सरकार तक पहुंचा सके और जो लोकतंत्र को मज़बूत करने में सक्षम हो, न कि सत्ता का गुलाम। जय हिन्द। जय भीम। जय संविधान।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!