रक्तदान महादान – मानव सेवा का लक्ष्य महान

दिल्ली, 19 अप्रैल, 2024 । सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के पावन सान्निध्य में ‘मानव एकता दिवस’ का आयोजन बुधवार 24 अप्रैल, 2024 को निरंकारी चौक, बुराड़ी रोड के ग्राउंड नंबर 2 में किया जायेगा। यह दिन युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह जी के परोपकारी जीवन एवं उनकी लोक कल्याण की भावना को समर्पित है। इस सत्संग कार्यक्रम में दिल्ली एवं आसपास के अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्त सम्मिलित होकर बाबा गुरबचन सिंह जी एवं मिशन के अनन्य भक्त चाचा प्रताप सिंह जी को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगें और उनके महान जीवन से प्रेरणा लेते हुए सतगुरु के अमोलक प्रवचनों को भी श्रवण करेंगे।

संत निरंकारी मण्डल के सचिव एवं समाज कल्याण विभाग के प्रभारी जोगिन्दर सुखीजा ने बताया कि सतगुरु की असीम कृपा से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी समूचे विश्व के विभिन्न स्थानों पर संत निरंकारी मिशन की समाज कल्याण शाखा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वाधान में रक्तदान शिविर की अविरल श्रृंखलाओं का व्यापक स्तर पर आयोजन किया जायेगा। जिसमें मानवता की भलाई हेतु रक्तदाता, रक्तदान कर निःस्वार्थ सेवा का उदाहरण प्रस्तुत करेंगे। दिल्ली में आयोजित इस रक्तदान शिविर में रक्त संग्रहित करने हेतु विभिन्न अस्पतालों के प्रशिक्षित डाक्टर एवं इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी की टीम सम्मिलित होंगी। साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी आयोजित रक्तदान शिविरों में स्थानीय अस्पतालों के डाक्टर एवं टीम रक्त संग्रहित करने हेतु उपस्थित होंगे। इसके अतिरिक्त सभी स्थानों पर सत्संग कार्यक्रम का भी आयोजन किया जायेगा।

युगप्रर्वतक बाबा गुरबचन सिंह जी ने अपना संपूर्ण जीवन मानवता के कल्याणार्थ समर्पित किया। उन्होंने ब्रह्मज्ञान की दिव्य दात द्वारा मानव को मानव से जोड़कर प्रेम और मिठास की सदा बहने वाली निर्मल धारा को प्रवाहित कर हर हृदय में अपना स्थान बनाया। प्रत्येक भक्त के जीवन को वास्तविक रूप में एक व्यावहारिक दिशा प्रदान की जिसके लिए मानवता उनकी सदैव ही ऋणी रहेगी। उनकी इन्हीं दिव्य शिक्षाओं को वर्तमान में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज सत्य के प्रकाश पुंज रूप में प्रवाहित कर रहे हैं जिसकी रोशनी से हर मानव अपने जीवन का सकारात्मक रूप में कल्याण कर रहा है।

रक्तदान महादान – मानव सेवा का लक्ष्य महान

युगदृष्टा बाबा हरदेव सिंह जी द्वारा सन् 1986 से ‘रक्तदान’ कर आरम्भ हुई परोपकार की यह मुहिम, महाअभियान के रूप में आज अपने चरमोत्कर्ष पर है। इन शिविरों में अभी तक 13,31,906 युनिट रक्त मानवमात्र की भलाई हेतु दिया जा चुका है और यह सेवाएं निरंतर जारी है।

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