प्रेस वार्ता कर प्रदेश और कुरुक्षेत्र लोकसभा के सरकारी स्कूलों की बदहाल व्यवस्था पर साधा निशाना

हरियाणा में स्कूलों और शिक्षा की हालत बेहद खराब : डॉ. सुशील गुप्ता

हरियाणा सरकार ने प्रदेश के 5547 स्कूलों से बेंच का रिकॉर्ड मांगा, एक भी स्कूल ने जवाब नहीं दिया : डॉ. सुशील गुप्ता

भाजपा सरकार ने मर्जर के नाम पर 832 स्कूलों को बंद किया: डॉ. सुशील गुप्ता

कुरुक्षेत्र में बच्चों के लिए न नायब सिंह ने कुछ किया और न ही नवीन जिंदल ने कुछ किया: डॉ. सुशील गुप्ता

हरियाणा में 71000 से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली : डॉ. सुशील गुप्ता

जजपा ने भाजपा को जमना पार भेजने के नाम पर वोट मांगी और अब फिर वहीं ड्रामा शुरू कर दिया: डॉ. सुशील गुप्ता

कुरुक्षेत्र, 11 अप्रैल – आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और इंडिया गठबंधन के तहत कुरुक्षेत्र लोकसभा से प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता ने वीरवार को प्रेसवार्ता कर बदहाल शिक्षा व्यवस्था को लेकर हरियाणा सरकार को घेरा। उनके साथ लाडवा विधायक मेवा सिंह भी मौजूद रहे। इसके बाद उन्होंने कुरुक्षेत्र लोकसभा के लाडवा विधानसभा के गांव सांवला से चुनावी यात्रा शुरू की। इसके बाद वे इशरगढ़ में लोगों से मिले। वहां से कौलापुर में ग्रामीणों से रूबरू हुए। इसके बाद गांव ऊंटसाल बागड़ो में पहुंचे। यहां से गांव मरचेड़ी, रामपुरा, कसीथल, भगवानपुर, रामनगर फरदलपुर, कलाल माजर बबैन, जालखेड़ी, मोरथला, दुधला, मसाना और कनिपला में लोगों को संबोधित किया और आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने बुजुर्गों और महिलाओं का आशीर्वाद लिया और “इंडिया” गठबंधन को भारी बहुमत से जिताने की अपील की।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। मैं लगातार कुरुक्षेत्र लोकसभा की सभी विधानसभाओं के गांवों में घूम रहा हूं, एक भी स्कूल ऐसा नहीं मिला जो सरकार ने यहां पर अच्छा बनाया हो। स्कूलों और शिक्षा की हालत बेहद खराब है। बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कुरुक्षेत्र जिले में एक भी सरकारी कॉलेज नहीं है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र के बच्चे कह रहे हैं न उनके लिए स्कूल अच्छे और न कॉलेज तो अब वो कहां जाएं। यूनिवर्सिटी में ऑल इंडिया मेरिट पर दाखिला मिलता है।

उन्होंने कहा हरियाणा सरकार ने प्रदेश के 5547 स्कूलों से कहा कि वह बताएं उनके पास स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए कितने बेंच है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इनमें से एक भी स्कूल ने अभी तक जवाब नहीं दिया। कुरुक्षेत्र में केवल 524 ऐसे स्कूल है जिनसे यह पूछा गया कि आपके पास बच्चों के बैठने के लिए कितने बेंच है और 524 के 524 सरकारी स्कूलों ने जवाब नहीं दिया। जवाब देंगे भी कैसे? जब बच्चों के बैठने के लिए बेंच होंगे तभी तो जवाब देंगे। सरकारी स्कूलों में बच्चों के पास बैठने के लिए कोई बेंच नहीं है, आज भी दरियों और टाट पर बैठकर पढ़ना पड़ रहा है। हरियाणा सरकार शिक्षा देने में पूरी तरह से विफल रही है। भाजपा सरकार ने मर्जर के नाम पर 832 स्कूलों को बंद कर दिया। जिससे लगभग 7349 बच्चों का भविष्य अंधकारमय है। 1032 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गई, जिससे लगभग 60 हज़ार बच्चों का भविष्य अंधकार में है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली की वजह से हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट से 5 लाख का जुर्माना एवं फटकार मिल चुकी है। हरियाणा के 1500 से ज्यादा स्कूलों में टॉयलेट नहीं हैं, 8000 से ज्यादा क्लासरूम की कमी है, 500 स्कूलों में पीने का पानी व बिजली का कनेक्शन नहीं है। ये बात शिक्षा विभाग ने कोर्ट में एफिडेविट देकर बताई है। इसके अलावा स्कूलों में बेटियां भी सुरक्षित नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि एक मॉडल संस्कृति स्कूल की दीवार गिरने से 12 साल के बच्चे की मृत्यु हो जाती है। हरियाणा में ऐसे स्कूल भी है जहां चार चार कक्षाओं में पढ़ाने के लिए केवल एक टीचर ही उपलब्ध है। बच्चे जमीन पर पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। छोटे छोटे बच्चों को पढ़ने के लिए घर से तीन-तीन किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में बच्चों की किताबों में सैंकड़ों करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ। हरियाणा में 71000 से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं। यदि शिक्षक ही नहीं मिलेंगे तो पढ़ेंगे कैसे। बच्चे 70 से 80 साल पुरानी सरकारी स्कूल की इमारत में पढ़ने को मजबूर हैं।

उन्होंने कहा मैं कुरूक्षेत्र की जनता को कहना चाहता हूं कि आपके सांसद ने आपके बच्चों के लिए कुछ नहीं किया। कुरुक्षेत्र के बच्चों के लिए न नायब सिंह ने कुछ किया और न ही नवीन जिंदल ने कुछ किया। एक भी सरकारी स्कूल अच्छा नहीं किया। इन्हें आपके बच्चों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है। आम आदमी पार्टी और मुझे आपके बच्चों की बहुत चिंता है। मैं चाहता हूं कि कुरुक्षेत्र में दिल्ली दिल्ली की तर्ज पर जैसे सरकारी स्कूल बनें और बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले। यदि बच्चों की नींव मजबूत होगी तो बच्चो का अच्छे कॉलेज में दाखिला होगा। हम चाहते हैं कि हरियाणा के हर बच्चे का भविष्य सुनहरा बने। मैंने जीवन भर शिक्षा और स्वस्थ के लिए काम किया है। मैं चाहता हूं कि कुरूक्षेत्र का हर बच्चा बेहतरी की तरफ बढ़े।

उन्होंने कहा कि पूरे देश में एकमात्र आम आदमी पार्टी की सरकार ऐसी है जो शिक्षा पर 28% बजट खर्च करती है। हरियाणा सरकार की बदहाली का मुख्य कारण ये भी है कि भाजपा सरकार चिराग योजना लेकर आई है जिसके तहत यदि कोई बच्चा प्राइवेट स्कूल में दाखिला लेता है तो स्कूल को 1100 रुपए प्रति महीना सरकार देगी। इसका मतलब सरकार प्राइवेट स्कूल को बढ़ावा देना चाहती है। वहीं दूसरी तरफ जो स्कूल ऑफ एविलेंस सरकार ने बनाए हैं उसमें बच्चे को पढ़ने के लिए 500 रुपए महीना देना पड़ता है। 134ए के तहत पूरे हरियाणा में पहली से बारहवीं तक मुफ्त शिक्षा का अधिकार था, भाजपा ने इस योजना को बंद कर दिया। आरटीई एक्ट 2009 में आया जिसको हरियाणा सरकार ने पिछले साल लागू किया और इन्होंने कहा कि हम बच्चे को 1700 रुपए देंगे। परंतु इन्होंने आरटीआई के तहत एक भी बच्चे को पैसे नहीं दिए। जब सरकार पैसा नहीं देती तो बच्चे बहुत ही हीन भावना के साथ प्राइवेट स्कूल में जाते हैं। क्या बच्चों के साथ खिलवाड़ करना हरियाणा सरकार की आदत बन गई है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हरियाणा के बिल्कुल विपरीत है, वहां 2009 से ही आरटीई एक्ट लागू है। दिल्ली सरकार बच्चे का प्रति महीना 2225 रुपए प्राइवेट स्कूल को देती है और वर्दी व किताबों के पैसे अलग से देती है। हर बच्चा गर्व से पढ़ता है कि हम सरकार की ओर से आए हैं। हम चाहते हैं कि ऐसी व्यवस्था हरियाणा में भी बने। इसके अलावा दिल्ली सरकार एससी, एसटी और ओबीसी को अलग से लाभ देती है। जिसकी आय 2 लाख रुपए तक प्रतिवर्ष है उसकी पढ़ाई का 60% पैसा और जिसकी आए 60 हजार रुपए से कम है तो उसकी 100% फीस दिल्ली सरकार देती है। इसलिए मैं हरियाणा सरकार से निवेदन करना चाहूंगा कि क्योंकि अब हरियाणा में उनके थोड़े ही दिन बचे हैं इसलिए हरियाणा सरकार को अपने पड़ोसी राज्यों से सीख लेकर स्कूलों की हालत सुधारनी चाहिए नहीं तो इलेक्शन के बाद हम दिल्ली की तर्ज पर यहां के स्कूलों को बेहतर बनाएंगे।

उन्होंने कहा कि जब भाजपा को व्यक्ति चुनाव लड़ने के लिए नहीं मिल रहे थे तो भाजपा ने पैरासूट से दूसरी पार्टियों के उम्मीदवार लाकर चुनाव मैदान में उतारा। जिस व्यक्ति को देश के प्रधानमंत्री मोदी ने लुटेरा कहा और 1 लाख 86 हजार करोड़ रुपए का कोयला चोर बताया था। आज उसी व्यक्ति को भाजपा अपना सिपाही बता रही है। मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि वो कोयला चोर कोहिनूर कैसे कैसे हो गया? भाजपा देश की सबसे ड्रामेबाज पार्टी है, ये लोग सिर पर पगड़ी देखकर लोगों को आतंकवादी कह रहे हैं, किसान का खंडवा देखकर उपद्रवी और नौजवानों को आंदोलनजीवी कहते हैं। भाजपा धर्म और जाति के नाम पर भेदभाव फैलाती है।

उन्होंने कहा कि जजपा और इनेलो ने राज्यसभा, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार को वोट दी थी। जजपा ने भाजपा को जमना पार भेजने के नाम पर वोट मांगी थी और अब फिर वहीं ड्रामा शुरु कर दिया। भाजपा ने अरविंद केजरीवाल का चलते चुनाव में इसलिए गिरफ्तार करवाया क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी अरविंद केजरीवाल से डरते हैं। भाजपा ने आम आदमी पार्टी को तोड़ने के लिए अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया।

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