456 करोड़ बजट में से गोशालाओं को दिए सिर्फ 80 करोड़ रुपये गायों के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा की खुली पोल चंडीगढ़, 08 अप्रैल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी एवं कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार गायों के लिए तय राशि को भी हजम कर गई। साल 2023-24 के बजट में प्रदेश में गायों के लिए 456 करोड़ रुपये का प्रावधान करने के बावजूद गोशालाओं को सिर्फ 80 करोड़ रुपये ही दिए गए। बाकी, बचे 376 करोड़ रुपये का बजट कौन डकार गया, इसका जवाब प्रदेश सरकार के पास नहीं है। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा गायों के नाम पर सिर्फ राजनीति करती है। वोट के लिए उसे गाय आती हैं। जब गायों के कल्याण की बात आती है तो कोई भी कदम उठाने से सरकार खुद पीछे हट जाती है। गोशालाओं में कितनी बार चारे के संकट की खबरें मीडिया में सुर्खियां बनती रही, लेकिन प्रदेश सरकार की संवदेनहीनता पर कोई असर नहीं पड़ा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गोशालाओं से चारा ग्रांट के लिए डॉक्यूमेंट मंगाने के बावजूद उन्हें एक रुपया भी जारी नहीं किया गया, जबकि 31 मार्च तक ग्रांट जारी करनी थी। गोशालाओं का चारा ग्रांट मिल जाती तो अब गेहूं की कटाई के दौरान गोशाला संचालक चारा स्टॉक कर सकते थे। सालभर के दौरान गायों के लिए तय बजट से 376 करोड़ रुपये कहां गए, इस पर प्रदेश सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। बजट को पूरी तरह खर्च करने में विफल रहने वाले जिम्मेदारों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार ने शराब की बोतल पर एनवायरमेंट एंड एनिमल वेलफेयर सेस लगाकर प्रति माह 100 करोड़ रुपये जमा किए हैं। साल भर एकत्रित होती रही इस राशि में से एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया। सड़को पर आवारा घूम रहे पशुओं को गोशाला में रखने पर प्रति पशु के हिसाब से हर रोज का अमाउंट फिक्स करते हुए इसे दिए जाने का ऐलान किया गया, लेकिन भिवानी की एक गोशाला के अलावा प्रदेश की किसी भी गोशाला को किसी तरह की पेमंट नहीं की गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बात किसी से भी छिपी नहीं है कि पिछले वित्तीय वर्ष में भी गायों के लिए तय किए गए बजट 40 करोड़ में से सिर्फ 33 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए थे और बाकी 7 करोड़ रुपये ग्रांट लैप्स हो गई थी। इससे साफ पता चलता है कि गठबंधन सरकार गायों के नाम का प्रयोग सिर्फ अपने चुनावी फायदे के लिए करना जानती है। बाकी गौसेवा से उसका कोई भी लेना-देना नहीं है। Post navigation आदर्श आचार संहिता के प्रति आम नागरिक भी सजग – मुख्य निर्वाचन अधिकारी नेफिस सिस्टम से दो डेड बॉडीज की पहचान, अपराधियों के 16470 फिंगर प्रिंट नेफिस में हुए अपडेट