चंडीगढ़, 16 मार्च। अखिल भारतीय कांग्रेस की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा है कि इलेक्टोरल बॉन्ड एक ऐसी व्यवस्था बन गया है जो हमारे लोकतंत्र की नींव को चुनौती दे रहा है। जिस बॉन्ड को एक स्वच्छ और पारदर्शी चंदा प्रणाली के रूप में पेश किया गया था, वह अब एक ऐसा अंधकारमय गलियारा बन गया है जहां भ्रष्टाचार और अन्याय अपने चरम पर हैं। मीडिया को जारी बयान में उन्होंने कहा है कि 1,300 से अधिक कंपनियों और व्यक्तियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में दान दिया है, जिसमें 2019 के बाद से भाजपा को 6,000 करोड़ से अधिक का दान शामिल है। यह आंकड़ा न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे चंदा देने वाली कंपनियों को सरकारी परियोजनाओं में लाभ मिल रहा है।

इस भ्रष्ट व्यवस्था के चार प्रमुख आयाम हैं

चंदा दो, धंधा लो। उन्होंने कहा की जहां कंपनियों ने चंदा दिया और बदले में सरकारी परियोजनाएं प्राप्त कीं। हफ्ता वसूली। उन्होंने कहा कि जहां जांच एजेंसियों के छापे के बाद कंपनियों को चंदा देने के लिए मजबूर किया गया।

रिश्वत लेने का नया तरीका।

उन्होंने कहा कि जहां सरकारी मदद मिलने के बाद कंपनियों ने चुनावी बांड के माध्यम से एहसान चुकाया। कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग। उन्होंने कहा कि जहां सेेल कंपनियों ने मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा चंदे के रूप में दिया। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था हमारे लोकतंत्र की आत्मा को चोट पहुंचाती है और हमारे नागरिकों के अधिकारों को कमजोर करती है। सैलजा ने कहा कि इस बार जनता कांग्रेस के पक्ष में मतदान करके कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं राहुल गांधी के हाथों को मजबूत करेगी ताकि एक ऐसे भारत का निर्माण हो जहां प्रत्येक नागरिक की आवाज महत्वपूर्ण हो, और जहां हमारे लोकतंत्र की नींव मजबूत और अडिग हो।

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