पिछड़ा वर्ग को भ्रमित करके उनके वोट हथियाने का प्रपंच रच रही भाजपा : लाल बहादुर खोवाल
पिछड़ा वर्ग समझ चुका भाजपा की चाल, लोकसभा चुनाव में सिखाएगा सबक : लाल बहादुर खोवाल
भाजपा द्वारा ओबीसी कार्ड खेलने पर हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट ने की तीखी प्रतिक्रिया
हिसार : मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर द्वारा पूरे मंत्रीमंडल सहित इस्तीफा देना और नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के घटनाक्रम पर हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के अध्यक्ष एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि भाजपा इस उलटफेर से पिछड़ा वर्ग को ठगने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि यह तो भाजपा की पुरानी रणनीति है कि चुनावों से पहले पिछड़ा वर्ग को झूठ व फरेब के जाल में फंसाकर किसी तरह वोट हथिया लिए जाएं। उन्होंने कहा कि भाजपा की इस चाल को जनता समझ चुकी है और अब इसके झांसे में आने वाली नहीं है।
उन्होंने कहा कि यदि भाजपा इतनी ओबीसी की हितैषी है तो उसकी चिरपरिचित जनगणना की मांग को क्यों ठुकरा रही है।
एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि हरियाणा में पिछड़ा वर्ग के वोट हासिल करने के लिए भाजपा ने कुछ महीने पहले नायब सिंह सैनी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया। इससे बात नहीं बनी तो तुरंत उलटफेर करते हुए मुख्यमंत्री के पद पर आसीन कर दिया गया है। दरअसल यह पिछड़ा वर्ग को लुभाकर उनके वोट हासिल करने का भाजपा का खेल है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में सार्वजनिक रूप से कहा था कि वे ओबीसी हैं और चुनाव जीतने पर ओबीसी को उनके हक अवश्य मिलेंगे। इसी भांति वर्ष 2019 में भी नरेंद्र मोदी ने ओबीसी वर्ग को उसके हक दिलवाने के बड़े-बड़े वायदे किए लेकिन दो बार चुनाव जीतकर भी उन्होंने ओबीसी के लिए कुछ नहीं किया। नरेंद्र मोदी ने बड़े-बड़े वायदे करके केवल ओबीसी वर्ग को भ्रमित करके वोट बंटोरने का काम किया है। भाजपा द्वारा एक बार फिर ओबीसी कार्ड खेला जा रहा है। एडवोकेट खोवाल ने कहा कि वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने पिछले दिनों संसद में ओबीसी के हकों की खुलकर पैरवी भी की थी।
खोवाल ने कहा कि यदि भाजपा पिछड़ा वर्ग की इतनी हितैषी है तो पिछले दस वर्षों में उनके हितों के लिए कोई काम क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग कितने वर्षों से जातिगत जनगणना की मांग कर रहा है लेकिन भाजपा ने हमेशा इस मांग को ठुकराया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2012 में जातिगत जनगणना करवाई थी जिसे भाजपा ने दरकिनार कर दिया। भाजपा ने आंकड़े सही न होने का बहाना बनाकर इस जातिगण जनगणना को सार्वजनिक ही नहीं किया। यदि जातिगत जनगणना करवाई जाए तो ओबीसी को उनकी जनसंख्या के अनुसार आरक्षण व अन्य हक मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा वर्ग के साथ तो और भी अधिक नाइंसाफी की जा रही है।
एडवोकेट खोवाल ने कहा कि असलियत तो यह है कि भाजपा का जनाधार खिसक चुका है। जनविरोधी नीतियों के चलते जनता भाजपा से खफा है और अब लोकसभा चुनाव व कुछ महीनों बाद होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा को सबक सिखाने के मूड में है।