हरियाणा अंत्योदय परिवार परिवहन योजना (हैप्पी) का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

हैप्पी योजना के तहत अंत्योदय परिवारों के सदस्यों को हरियाणा रोडवेज की बसों में 1000 किलोमीटर तक मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी

पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में अंत्योदय परिवारों के सदस्यों को मोबिलिटी कार्ड किए वितरित

चंडीगढ़, 7 मार्च – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा अंत्योदय दर्शन के अनुरूप प्रदेश के अंत्योदय परिवारों के कल्याणार्थ निरंतर नई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसी कड़ी में आज अंत्योदय परिवारों  को हरियाणा रोडवेज की बसों में एक साल की अवधि में 1000 किलोमीटर तक मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए हरियाणा अंत्योदय परिवार परिवहन योजना (हैप्पी) का शुभारंभ किया।

आज जिला पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अंत्योदय परिवारों के 6 सदस्यों को सांकेतिक रूप से मोबिलिटी कार्ड वितरित करके हैप्पी योजना की शुरुआत की। इस मौके पर अंत्योदय परिवारों ने यह सुविधा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता, पंचकूला के महापौर श्री कुलभूषण गोयल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, मुख्य सूचना आयुक्त श्री विजय वर्धन, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव श्री नवदीप सिंह विर्क, पंचकूला के उपायुक्त श्री सुशील सारवान, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार श्री भारत भूषण भारती, मीडिया सचिव श्री प्रवीण आत्रेय सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने बतौर वित्त मंत्री 23 फरवरी, 2024 को हरियाणा विधानसभा में दिए गए बजट भाषण में घोषणा की थी कि गरीब परिवारों को हरियाणा रोडवेज की बसों में हर साल 1000 किलोमीटर तक मुफ्त यात्रा का लाभ देने के लिए हरियाणा अंत्योदय परिवार परिवहन योजना (हैप्पी) की घोषणा करने का सौभाग्य मिला है। इस योजना के तहत मुफ्त यात्रा का लाभ 22.89 लाख परिवारों को मिलेगा, जिनमें 1 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले लगभग 84 लाख लोग शामिल हैं। लाभार्थियों को हरियाणा रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा करने के लिए ई-टिकटिंग प्रणाली से जुड़ा एक स्मार्ट कार्ड जारी किया जाएगा। इस योजना के कार्यान्वयन पर लगभग 600 करोड़ रुपये की राशि खर्च होने की संभावना है।

हैप्पी योजना देश के किसी भी राज्य द्वारा शुरू की गई एक अनोखी योजना है, जहां आधुनिक तकनीक का उपयोग करके अति गरीब लोगों को मुफ्त यात्रा का लाभ दिया गया है। यह हरियाणा रोडवेज की बसों में ई-टिकटिंग प्रणाली के कारण संभव हुआ है जो ओपन लूप में नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) पर आधारित है। लाभार्थियों को एक वैयक्तिकृत हैप्पी कार्ड दिया जाएगा, जो एनसीएमसी कार्ड का एक विशेष संस्करण है ताकि वे मुफ्त में यात्रा कर सकें।

हैप्पी योजना के कार्यान्वयन की प्रारंभिक लागत लगभग 600 करोड़ रुपये है, जिसमें प्रथम वर्ष की लागत भी शामिल है। इसके अलावा योजना के तहत लाभार्थियों को हर साल लगभग 500 करोड़ रुपये की वार्षिक सब्सिडी दी जाएगी। लाभार्थियों को इस कार्ड को खरीदने के लिए केवल 50 रुपये की एकमुश्त लागत का भुगतान करना होगा और शेष कार्ड की लागत लगभग 109 रुपये सरकार द्वारा वहन की जाएगी। हैप्पी कार्ड का वार्षिक रखरखाव शुल्क 79 रुपये भी सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

योजना के लिए लाभार्थियों की पहचान परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) द्वारा संभव हुई है, जो हरियाणा की एक बहुप्रशंसित पहल है। हैप्पी कार्ड के लिए आवेदन प्रक्रिया पारदर्शी, सरल और ऑनलाइन है। लाभार्थियों की वास्तविकता का सत्यापन पीपीपी डेटाबेस से किया जाता है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि व्यक्तिगत हैप्पी कार्ड केवल वास्तविक लाभार्थियों को जारी किया जाए। आवेदन करने पर, लाभार्थियों को एक एसएमएस के माध्यम से उनके कार्ड के संग्रह की तारीख और स्थान के बारे में सूचित किया जाएगा, जिससे लाभार्थियों के लिए जीवनयापन में आसानी सुनिश्चित होगी।

हरियाणा अपने राज्य परिवहन उपक्रम, यानी हरियाणा रोडवेज द्वारा संचालित सार्वजनिक परिवहन बसों में शत-प्रतिशत ई-टिकटिंग लागू करने वाला पहला बड़ा राज्य है। नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा एक इंटर-ऑपरेबल ट्रांसपोर्ट कार्ड है। इसे 4 मार्च, 2019 को लॉन्च किया गया था। यह ट्रांसपोर्ट कार्ड उपयोगकर्ता को यात्रा के लिए भुगतान, खुदरा खरीदारी और पैसे की निकासी के लिए सक्षम बनाता है। इसे रू-पे कार्ड के माध्यम से सक्षम किया गया है। एनसीएमसी कार्ड भागीदार बैंकों द्वारा प्रीपेड, डेबिट या क्रेडिट रुपे कार्ड के रूप में जारी किया जा सकता है। हरियाणा राज्य द्वारा संचालित सार्वजनिक परिवहन अपने पूरे बेड़े में ओपन लूप में एनसीएमसी कार्ड लागू करने वाला देश का पहला राज्य भी है।

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