चंडीगढ़, 4 मार्च। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा है कि हाल ही में हुई भारी ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को बहुत नुकसान हुआ है। पहले ही महंगाई की मार झेल रहे प्रदेश के किसानों पर अब मौसम की मार पड़ी है। इसलिए सरकार को चाहिए कि ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की तुरंत स्पेशल गिरदावरी कराकर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके।

आज मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने बारिश और भारी ओलावृष्टि के कारण प्रदेश के कई जिलों में किसानों की खराब हुई फसल पर गहरा दुख प्रकट करते हुए कहा कि किसान पहले से ही भारी आर्थिक तंगी से गुजर रहा है और अब इस प्राकृतिक आपदा की वजह से किसानों को भारी नुकसान हुआ है और उनकी महीनों की मेहनत पर पूरी तरह से पानी फिर गया है। गेहूं, सरसों, चना, जौ समेत अन्य कई फसलें भारी ओलावृष्टि के कारण तबाह हो गई हैं। उन्होंने कहा कि किसान हितैषी होने का दम भरने वाली सरकार के मुंह से ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों को लेकर एक शब्द भी नहीं निकला, जिससे ये स्पष्ट हो गया है कि यह सरकार केवल और केवल जुमलों की ही सरकार है। पहले तो बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए फसल बीमा योजना के नाम पर सरकार ने किसानों के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात किया। किसानों के खातों से बीमा राशि तो काट ली गई, लेकिन जब बात मुआवजा देने की आई तो बीमा कंपनियों ने हाथ खड़े कर दिए। और तो और सरकार ने किसानों के इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली।

उन्होंने कहा कि आज अन्नदाता की हालत बहुत चिंताजनक है और भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण खाद, बीज, कीड़े मार दवाईयां, डीजल, कृषि उपकरण और खेत मजदूरी महंगी हो जाने से खेती करना पूरी तरह से घाटे का सौदा बन गया है। आज हालात यह है कि देश और प्रदेश के ज्यादातर किसान कर्जे में डूबे हुए हैं। प्रदेश के किसानों की आमदनी के मुकाबले उनका खर्च कहीं अधिक है। किसानों की आय घाटे में चल रही है और किसानों के हालात बद से बदतर होती जा रहे हैं। अपने बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में ओलावृष्टि और भारी बारिश के कारण किसान भाईयों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। फसलों की क्षति के कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान भी हुआ है। किसानों के श्रम की हानि की भरपाई तो किसी भी माध्यम से नहीं की जा सकती, लेकिन मैं हरियाणा सरकार से मांग करती हूं कि अन्नदाताओं को खराब हुई फसलों का तुरंत मुआवजा दिया जाए ताकि उन्हें अपनी आजीविका चलाने में किसी प्रकार की परेशानी न आए।

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