बेरोजगारी की चक्की में पिस रहे युवा, सफाईकर्मी तक बनने को तैयार- नीरज शर्मा सरकारी विभागों में 2 लाख के करीब पद पड़े हैं खाली, कौशल रोजगार निगम के जरिए युवाओं का शोषण कर रही सरकार- नीरज शर्मा चपरासी के सिर्फ 12 पदों के लिए करीब 9000 अभ्यर्थी आवेदन की लाइन में, इस भीड़ में ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और एमएससी से लेकर एमटेक पास नौजवान भी फरीदाबाद, 2 मार्च:- कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि केंद्र की मोदी और हरियाणा की खट्टर-दुष्यंत सरकार के डबल इंजन ने पढ़े-लिखे युवाओं को बेरोजगारों की ऐसी कतार में बदल दिया है, जो हर जगह खड़ी मिलती है। चाहे पानीपत कोर्ट की चपरासी भर्ती हो, चाहे यमुनानगर चपरासी भर्ती या फिर युद्ध क्षेत्र इजराइल के लिए मजदूरों की मांग। हरियाणा के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं की कतार हर जगह देखने को मिल जाएगी। इस बार ये नजारा अंबाला कोर्ट में देखने को मिला, यहां चपरासी के सिर्फ 12 पदों के लिए करीब 9000 अभ्यर्थी आवेदन की लाइन में खड़े थे। हैरानी की बात ये है कि बेरोजगारों की इस भीड़ में ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और एमएससी से लेकर एमटेक पास नौजवान भी मौजूद थे। बेरोजगारी की चक्की में पिस रहे ये युवा सफाई कर्मी तक बनने को तैयार हैं। हरियाणा के सरकारी विभागों में 2 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हुए हैं। लेकिन उन पर पक्की भर्तियां करने की बजाय खट्टर-दुष्यंत सरकार हरियाणवी प्रतिभाओं को ऐसे कामों में झोंक रही है, जहां उनकी योग्यता और कौशल का पूरा इस्तेमाल ही संभव नहीं है। नीरज शर्मा ने कहा कि कौशल निगम के जरिए हो रही कच्ची भर्तियां भी ऐसा ही दलदल है। असल में कौशल निगम के तहत युवाओं को जो काम मिल रहा है, उसे ना भर्ती कहा जा सकता है और ना ही रोजगार। क्योंकि खुद सरकार द्वारा जारी कौशल निगम की पूरी पॉलिसी में रोजगार या नौकरी जैसे किसी भी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया। ना ही इसमें कहीं सैलरी का कोई जिक्र है। ये ठीक ऐसा ही है, जैसा हर शहर में एक लेबर चौक होता है। कौशल निगम भी एक डिजिटल लेबर चौक है, जिसमें पढ़े-लिखे योग्य युवाओं को दिहाड़ी पर रखा जाता है। इसमें ना उनको पूरी मजदूरी मिलेगी और ना काम की गारंटी। बिना किसी नोटिस या पूर्व सूचना के किसी भी पल कौशल निगम के मजदूर को काम से बाहर किया जा सकता है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि युवाओं का शोषण करने वाली ऐसी नीति पर शर्मिंदा होने की बजाय खट्टर-दुष्यंत अपनी पीठ थपथपाते हैं। जाहिर है कि चपड़ासी के इक्का-दुक्का पदों के लिए लगी हजारों युवाओं की कतार में सभी का चयन संभव नहीं है। चयन नहीं होने पर, सत्ताधारी लोग पढ़े-लिखे हरियाणवियों को अयोग्य करार देते हैं। जबकि अयोग्य हमारे युवा नहीं, इस सरकार की नीतियां हैं, जो बेरोजगारी को मिटाने में नाकाम है। अयोग्य खट्टर-दुष्यंत की नीति है जो हरियाणा से पलायन रोकने की बजाए, उसे बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी तैयार करती है। अयोग्य बीजेपी-जेजेपी गठबंधन की नीयत है, जो खाली पड़े 2 लाख पदों पर पक्की भर्तियां करने की बजाए हरियाणवियों को पोर्टल की दिहाड़ी और चपरासी के कामों तक सीमित करना चाहता है। हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनने पर युवाओं को इस शोषण व शर्मिंदगी से छुटकारा दिलाया जाएगा और योग्यता के अनुसार खाली पदों पर पक्का भर्तियां की जाएंगी । Post navigation घोटाले की जांच के बिना क्लीन चीट कैसे-विधायक नीरज शर्मा स्वच्छ हरियाणा-स्वच्छ भारत थीम को समर्पित हुई फरीदाबाद की हाफ मैराथन