वर्ष 1992 से लेकर आज तक बनी सहकारी समितियों में अनियमितताओं की करेगी जांच राज्य सरकार ने समितियों का ऑडिट करवाया और स्वतः संज्ञान लेकर मामला जांच के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो का सौंपा पैसे की रिकवरी के लिए विभिन्न अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रापॅर्टी की गई अटैच चंडीगढ़, 28 फरवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि सभी जिलों में बनी हुई सहकारी समितियों में अनियमितताओं की जांच के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के अंतर्गत स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। यह टास्क फोर्स वर्ष 1992 से लेकर आज तक बनी सहकारी समितियों में अनियमितताओं की जांच करेगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। श्री मनोहर लाल ने कहा कि इन समितियों को अभी तक 328 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जिसमें से 259 करोड़ रुपये का उपयोग दिखाया गया है, शेष पैसा बैंकों में ही पड़ा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने समितियों का ऑडिट करवाया था और ऑडिट में जब कमियां पाई गई तो सरकार ने स्वतः संज्ञान लेकर यह मामला जांच के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंपा। एसीबी ने इस मामले में 9 एफआईआर दर्ज की हैं और 4 जिलों में समितियों की जांच में 8.80 करोड़ रुपये की अनियमितता मिली है। संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पैसे की रिकवरी के लिए विभिन्न अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रापॅर्टी भी अटैच की गई है। अनु कौशिश, एआरसीएस, का मोहाली में एक घर, एक फ्लैट, 29 कनाल 5 मरला भूमि और बैंक अकाउंट को अटैच किया गया है। इसी प्रकार, राम कुमार पूर्व आरसीएस का कुरुक्षेत्र में आवासीय प्लॉट और बैंक अकाउंट, योगेंद्र अग्रवाल का मोहाली में फ्लैट और बैंक अकाउंट, सुमित अग्रवाल और उनकी पत्नी का बैंक अकाउंट व फ्लैट, नितिन शर्मा का जीरकपुर में फ्लैट व बैंक अकाउंट को अटैच किया गया है। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी अभी सस्पेंड किए गए हैं, यदि वे जांच में दोषी पाये गए तो उन्हें भी बर्खास्त करेंगे। Post navigation हास्यपद भाजपा के विधायक ही कह रहे है कि घोटाला हुआ, उसके बाद फाइल गुम हो जाती है : विधायक नीरज शर्मा मुख्यमंत्री की घोषणा, सड़कों का चौड़ाकरण करते समय बिजली के खंभों को अब ट्रांसमिशन कंपनियां स्वयं अपने खर्चे पर हटाएंगी