जब एम्स निर्माण के लिए पर्याप्त बजट नही तो इसका भवन निर्माण भी वैसे ही 10-12 सालों में होगा जैसा भवन निर्माण सैनिक स्कूल गोठडा-पाली का हुआ है : विद्रोही

बजट में भी मुख्यमंत्री ने लम्बे-चौडे दमगज्जे ठोके, लेकिन पिछडों को लाभ पहुंचाने क्रीमीलेयर सीमा छह लाख रूपये वार्षिक में एक भी रूपया नही बढ़ाया : विद्रोही

24 फरवरी 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने भाजपा सरकार से पूछा कि जब माजरा रेवाडी एम्स निर्माण के लिए वर्ष 2024-25 में पर्याप्त बजट है ही नही तब हरियाणा सरकार बताये कि नवम्बर 2025 में माजरा एम्स साईट पर ओपीडी कैसे शुरू हो जायेगी? विद्रोही ने कहा कि पहले भाजपा सरकार ने एम्स शिलान्यास पर तारीख पर तारीख देकर अहीरवाल की जनता को ठगा जबकि मैं एक साल से सार्वजनिक बयान देकर कहता आ रहा था कि यह शिलान्यास फरवरी 2024 में होगा और वही हुआ। अब जब अहीरवाल की जनता एम्स की ओपीडी व कक्षाएं कब शुरू होगी, यह जानना चाह रही है तो उन्हे ठगने भाजपा सरकार ने हरियाणा विधानसभा में जुमला उछाल दिया कि ओपीडी नवम्बर 2025 में शुरू हो जायेगी। ओपीडी नवम्बर 2025 में शुरू करने का जुमला लोकसभा चुनाव 2024 में वोट हडपने के लिए उछाला गया है। 

विद्रोही ने कहा कि मोदी राज में देश के अन्य भागों में बन रहे एम्स व अहीरवाल की विकास परियोजनाओं के प्रति भाजपा सरकार का रवैया बताता है कि नवम्बर 2025 में माजरा साईट पर ओपीडी शुरू करने का दावा वोट हडपने का जुमला है। जब एम्स निर्माण के लिए पर्याप्त बजट नही तो इसका भवन निर्माण भी वैसे ही 10-12 सालों में होगा जैसा भवन निर्माण सैनिक स्कूल गोठडा-पाली का हुआ है। भाजपा सरकार ईमानदारी से अहीरवाल के सरोकारों का सम्मान करने की बजाय विगत दस सालों से इस क्षेत्र को ठगती आ रहीे है। इस वर्ष बजट में भी मुख्यमंत्री ने लम्बे-चौडे दमगज्जे ठोके, लेकिन पिछडा वर्ग बाहुल्य अहीरवाल के पिछडों को लाभ पहुंचाने क्रीमीलेयर सीमा छह लाख रूपये वार्षिक में एक भी रूपया नही बढ़ाया जबकि क्रीमीलेयर सीमा आज की परिस्थितियों अनुसार दस लाख रूपये वार्षिक होनी चाहिए। 

विद्रोही ने कहा कि इसी तरह बजट में अहीरवाल क्षेत्र की प्यासी धरती और लोगों के पीने के पानी की प्यास बुझाने के लिए भी कुछ नही किया। भाजपा तीन लोकसभा क्षेत्रों में अहीरवाल के मतदाताओं को भावनात्मक रूप से ठगकर लोकसभा चुनाव में वोट हडपना चाहती है, पर अहीरवाल को ईमानदारी से कुछ भी नही देना चाहती। ऐसी स्थिति में अहीरवाल के मतदाताओं को भाजपा के झांसों व दावों के जाले में फंसने की बजाय अहीरवाल, किसान, मजदूर, कमेरे वर्ग विरोधी भाजपा को वोट की चोट से सबक सिखाकर खुद ही अपने हितों की रक्षा करनी होगी। 

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