सवाल पर सदन मे चर्चा करने की बजाए मुझे जवाब ही नही दिया गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अध्यक्ष हरियाणा विधानसभा में इस सवाल को जवाब देने के लिए 3 माह समय ले लिया -विधायक नीरज शर्मा

बिना प्रमाण पत्रो के स्कूल चल रहे है लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस कार्यवाही अभी तक नही हुई। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार बच्चो की जान के साथ खिलवाड कर रही है -विधायक नीरज शर्मा

चंडीगढ़/फरीदाबाद, 22 फरवरी 2024 – आज 22 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि उनके द्धारा विधानसभा सत्र में ताराकिंत प्रश्न संख्या 4 के द्धारा सरकार से 4 भागो में सवाल पूछा था कि 01 जनवरी, 2020 से 31 जनवरी, 2024 तक विजिलेंस विभाग द्वारा रिश्वत के मामलो में पकडे गए अधिकारियों/कर्मचारियों (नियमित/अनुबंधित/एच.के.आर.एन) की संख्या कितनी है तथा उनका जिलेवार, नामवार तथा पद-वार ब्यौरा क्या है; ख) उन अधिकारियों/कर्मचारियों (नियमित/अनुबंधित/एच.के.आर.एन) की संख्या कितनी है जिन्हे रिश्वत के मामलों में पकड़े जाने के पश्चात उन्हें उनकी नौकरी से निलंबित तथा निकाला गया है तथा उनका जिलेवार, नाम-वार तथा पद-वार ब्यौरा क्या है; ग) उन अधिकारियों/कर्मचारियों (नियमित/अनुबंधित/एच.के.आर.एन) का जिलेवार, नाम-वार तथा पद-वार ब्यौरा क्या है जिन्हें रिश्वत के मामलों में निलंबित किया गया था तथा तत्पश्चात् बहाल किया गया तथा नौकरी पर वापिस ले लिया गया; तथा घ) उन अधिकारियों/कर्मचारियों (नियमित/अनुबंधित/एच.के.आर.एन) की संख्या कितनी है जिनको रिश्वत के मामलों में उनकी नौकरी से निलंबित किया गया परन्तु तत्पश्चात् नौकरी पर वापिस नहीं लिया गया तथा उनको नौकरियों पर वापिस न लेने के कारण क्या हैं।

विधायक नीरज शर्मा का कहना था कि मेरे इस सवाल पर सदन मे चर्चा करने की बजाए मुझे जवाब ही नही दिया गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अध्यक्ष हरियाणा विधानसभा में इस सवाल को जवाब देने के लिए 3 माह समय ले लिया। विधायक नीरज शर्मा का कहना था कि यह पहली बार नही हुआ है मेरे सवालो पर हर मुख्यमंत्री द्धारा जवाब देने लिए समय मांग लिया जाता है ताकि सदन में चर्चा ना हो। क्योकि अगर सदन में चर्चा हुई तो सरकार की बदनामी होगी।

अतारांकित प्रश्न संख्या 13 में शिक्ष मंत्री से पूछा था कि राज्य में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड तथा हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों की संख्या कितनी है जोकि 2 एकड़ से अधिक भूमि पर स्थित है तथा क्या ऐसे सभी विद्यालयों के पास व्यवसाय प्रमाण पत्र / स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट / नीट एण्ड क्लीन सर्टिफिकेट / फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र हैं तथा उक्त सर्टिफिकेट प्राप्त है और ऐसे विद्यालयों जोकि 2 एकड़ से अधिक भूमि पर स्थित है तथा जिनके पास उपरोक्त वर्णित अनुसार प्रमाण पत्र नहीं है, के विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई या की जा रही है। इस पर सदन में शिक्षा मंत्री ने जवाब में बताया कि सरकार से मान्यता प्राप्त 1322 विधालय केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के है और 1071 हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त है तथा इनमें से 382 स्कूल ऐसे है जिनके पास व्यवसाय प्रमाण पत्र / स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट / नीट एण्ड क्लीन सर्टिफिकेट / फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र हैं तथा उक्त सर्टिफिकेट नही है। विधायक नीरज शर्मा का कहना था कि बिना प्रमाण पत्रो के स्कूल चल रहे है लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस कार्यवाही अभी तक नही हुई। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार बच्चो की जान के साथ खिलवाड कर रही है।

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