प्रदेश में सोशल इकनोमिक सर्वे के मामले को किरण चौधरी ने विधानसभा में उठाया

एमएसपी पर प्रस्ताव लाई कांग्रेसी विधायक प्रस्ताव सरकार ने किया खारिज

सरकार किसानों के साथ कर रही हैं दुश्मनों की तरह व्यवहार

गरीबों के लिए आवास, प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और बेरोजगारी के मुदुदे पर दिए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव

चण्डीगढ़, 21 फरवरी(: हरियाणा सरकार की पूर्व मंत्री तथा कांग्रेस की विधायक किरण चौधरी ने प्रदेश में सोशल इकनोमिक सर्वे करने का मामला उठाया। लेकिन सरकार ने इसका कोई जबाब नहीं दिया। किसानों को एमएसपी देने का प्रस्ताव उन्होंने विधानसभा में रखने के लिए स्पीकर को दिया। लेकिन सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस की विधायक किरण चौधरी ने कई महत्वपूर्ण मामले उठाए।

उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि उन्होंने हरियाणा में इकनोमिक सर्वे करवाने का मामला उठाया। लेकिन सरकार के पास कोई जबाब नहीं था। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने इकनोमिक सर्वे करवाने के लिए सरकारों को आदेश दिया। लेकिन सरकार इसे करना नहीं चाहती हैं। सरकार की नीयत साफ नहीं है। उन्होंने कहा कि वह विधानसभा में किसानों को एमएसपी देने के लिए प्रस्ताव लाना चाहती थी। इस प्रस्ताव को स्पीकर को दिया। लेकिन विधानसभा के स्पीकर ने यह कह कर खारिज कर दिया कि ऐसा हो नहीं  सकता हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में विधानसभा को केवल यही प्रस्ताव देना था कि हरियाण के विधायक किसानों के हितेषी हैं। वह एमएसपी के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में सक्षम नहीं हैं। उन्होंनें कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के साथ् देश के दुश्मनों की तीरह व्यवहार कर रही हैं। उन पर ड्रोन से आंसू गैस के गोले और छर्रें बरसाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि तीन साल पहले सरकार ने ही एमएसपी लाने का आश्वासन दिया था अब सरकार क्यों वायदे से भाग रही हैं। उन्होंने कहा कि किसान मजबूर हैं। किसान धरातल पर आ गया हैं। सरकार किसानों को खत्म करने पर तुली हुई हैं। उन्होंने सरकारी नौकरियों में बीसीए तथा बीसी बी के आरक्षण का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि राजपत्रित पदों के साथ ग्रुप ए की नौकरियों में सरकार ने दानों वगों का आरक्षण समाप्त कर दिया हैं। यह अन्याय है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बीसी बी का आरक्षण समाप्त कर दिया हैं। सरकार पिछड़ा बर्ग विरोधी हैं। उन्होंने बताया कि सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव तो नंबर गेम हैं। लेकिन इसके बहाने सभी को अपनी बात कहने का अवसर मिल जएगा।

उन्होंने बताया कि उन्होंने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भी ध्यानाकर्षण का प्रस्ताव दिया हैं। वह इसके माध्यम से प्रदेश में दिनों दिन बढ़ते अपवराध और बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर मामे उठाएंगी। इसे अलावा उन्होने प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में युवा मरने के लिए इजराइल तो जा रहे हैं। उनको प्रदेश में रोजगार नहीं मिल रहा हैं। हताश युवा विदेशों में पलायन कर रहा हैं। उन्होंने इस मामले को लेकर विधानसभा में प्रस्ताव दिया। और इस मामले में चर्चा करवाने की मांग की। उन्होंने प्रधान मंत्री अवास योजना के तहत गरीबों के लिए चार लाख आवास बनाने के प्रस्ताव का नामंजूर करने के मामले को भी विधानसभा में उठाया। इस पर भी सरकार के पास कोई जबाब नहीं था। उन्होंने पोर्टल से हो रही गड़बड़ी के मामले का भी उठाया।

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