किसानों से वादा एमएसपी को, दे रहे लाठी-गोली: कुमारी सैलजा

अपने ही देश में किसानों के साथ सरकार का व्यवहार अशोभनीय

किसानों को राहत देने की बजाए चुनिंदा उद्योगपति मित्रों का किया कर्जा माफ

चंडीगढ़, 14 फरवरी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि किसानों से उनकी फसल के एमएसपी पर कानून बनाने का वादा करने वाली केंद्र की भाजपा सरकार अब लाठियां और गोलियां चलाने में लगी हुई है। अपने ही देश के अंदर किसानों को शांतिपूर्वक तरीके से राजधानी तक पहुंचने देने की बजाए रास्ते में रोकना और भी उनके साथ तानाशाह जैसा व्यवहार करना निंदनीय है। शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के 500 गोले दागे, सौ से अधिक किसान घायल हुए।  सरकार को तानाशाही छोड़कर और किसानों के आंदोलन को बलपूर्वक कुचलने के बजाए अपने वायदा पूरा करने के लिए बातचीत से हल करे।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि पंजाब के किसान लंबे अरसे से केंद्र सरकार के वादे याद दिला रहे थे। पूरा न करने की सूरत में दिल्ली कूच का ऐलान कर रहे थे, लेकिन दिल्ली में बैठी तानाशाह सरकार ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया और जब किसान दिल्ली के चल पड़े हैं तो केंद्र की कठपुतली बनकर प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार उन पर रबड़ की गोलियां चलवा रही है। आंसू गैस के गोले छुड़वा रही है, लाठीचार्ज करवा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसान कर्ज में दबकर आत्महत्या करने को उतारू हैं, लेकिन कितने शर्म की बात है कि केंद्र सरकार के पास देश के 62 करोड़ किसानों का कर्जा माफ करने के लिए धन ही नहीं है जबकि, प्रधानमंत्री अपने चंद उद्योगपति मित्रों को 10 लाख 50 हजार करोड़ रुपये का कर्जा एक ही झटके में माफ कर चुके हैं। इससे साफ पता चलता है कि भाजपा की केंद्र सरकार किसान व मजदूर विरोधी है। सिर्फ पूंजीपतियों की सरकार है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि किसान के कारण ही देश की छोटी-बड़ी आर्थिक गतिविधियां चलती हैं। किरयाने की छोटी सी दुकान भी तब चलती है, जब किसान की जेब में पैसा होता है। अच्छी फसल पैदा होने के बाद ही बाजार में नए-नए उत्पादों की बिक्री बढ़ती है। लेकिन, किसान को उनकी फसल का भाव तक भाजपा के राज में नहीं मिल रहा। केंद्र सरकार और भाजपा की अगुवाई वाली राज्य सरकारें लगातार किसानों को परेशान करती हैं, उनके साथ पक्षपात करती हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री और उनकी केंद्र सरकार का हठधर्मिता त्याग देनी चाहिए। तुरंत प्रभाव से किसानों नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित करना चाहिए। जब किसान दिल्ली जाना चाहते हैं तो उन्हें भी राजधानी में पहुंच कर अपनी बात रखने का हक है, उनका दिल्ली में स्वागत करना चाहिए न कि उन पर गोलियां बरसाई जाएं, लाठियां चलाई जाएं।

उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार जहां किसानों पर जुल्म कर रही है वहीं सरकार की हठधर्मिता से जनता भी परेशान है। 15 जिलों में धारा 144 लागू की गई है तो सात जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है जिसे बहाल करने के बाद उसे 15 फरवरी तक और बंद कर दिया गया है। बसों का परिचालन बंद होने से यात्रियों को परेशानी हो रही है, लोगों को 10-10 किमी पैदल चलना पड़ रहा है। इंटरनेट बंद होने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। व्यावसायिक वाहनों पर रोक लगाने से एक जिले से दूसरे जिले में सब्जी और अन्य खाद्य पदार्थों की सप्लाई तक नहीं हो रही हैै। बाजार में वस्तुओं के दामों में एकदम उछाल आ गया है। सरकार की तानाशाही के चलते जनता परेशान है।

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