अमावस्या के बाद शुरू हुए माघ महीने के गुप्त नवरात्र।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 10 फरवरी : मौनी अमावस्या के बाद माघ महीने के पहले गुप्त नवरात्र पर मां भगवती की श्रद्धालुओं ने विधिवत पूजा अर्चना प्रारम्भ कर दी है। कुछ श्रद्धालुओं ने गुप्त नवरात्र उपवास भी प्रारम्भ किए हैं। श्री जयराम विद्यापीठ में भी नवरात्र पूजन प्रारम्भ करते हुए संस्कृत महाविद्यालय प्राचार्य डा. रणबीर भारद्वाज ने कहा कि नवरात्र का अर्थ मां भगवती के नौ स्वरूपों व नौ शक्तियों की पूजा है। इस पूजा से मां भगवती श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी करती है। उन्होंने बताया कि वैसे तो हर साल चैत्र और शारदीय नवरात्र होते हैं जिनमें लोग पूरी श्रद्धा के साथ घट स्थापना करते हैं। परन्तु बहुत कम लोग जानते हैं कि साल में अलग से दो नवरात्रों को गुप्त नवरात्र कहा जाता है।

अमावस्या के बाद 10 फरवरी से गुप्त नवरात्र का शुभारम्भ हुआ है। यह नवरात्र 18 फरवरी तक चलेंगे। डा. भारद्वाज ने बताया कि इन नवरात्रों की भी मान्यता है कि इन नौ दिनों तक मां भगवती की पूजा आराधना करने से लोगों की सभी मनोकामना पूरी होती हैं। गुप्त नवरात्र में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। ये विधाएँ इस प्रकार हैं, जिन्हें काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी कहते हैं।

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