शिलान्यास के समय मोदी जी फिर जुमला उछालेंगे, पर उनसे पूछा जाये कि सितम्बर 2013 में प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने रेवाडी में पूर्व सैनिकों से जो वादे किये थे, उनका क्या हुआ? विद्रोही पूर्व सैनिकों से किये वादे पूरे करने तो दूर, बिनौला गुरूग्राम में कांग्रेस द्वारा स्वीकृत रक्षा विश्वविद्यालय को बनाने की बजाय इसे चोरी करके गुजरात ले गए : 16 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा माजरा एम्स का किया जाने वाला शिलान्यास अहीरवाल की जनता के संघर्ष का परिणाम है : विद्रोही 09 फरवरी 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने दावा किया कि 16 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा माजरा एम्स का किया जाने वाला शिलान्यास अहीरवाल की जनता के संघर्ष का परिणाम है, वरना जुलाई 2015 में बावल की एक जनसभा में की गई मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर द्वारा मनेठी में एम्स बनाने की घोषणा को मुख्यमंत्री से जबरदस्ती करवाई गई घोषणा बनाकर इसे जुमला बता चुके थे। लेकिन अहीरवाल की जनता के जबरदस्त संघर्ष के चलते मुख्यमंत्री खट्टर को एम्स बनाने की प्रक्रिया को मजबूर होकर आगे बढ़ाना पडा, पर यह एम्स न बने इसके लिए तिकडमे भी भिडाने का कोई मौका नही छोडा। अहीरवाल की वोट हडपने 28 फरवरी 2019 को लोकसभा चुनाव से पहले मनेठी एम्स बनाने की स्वीकृति केन्द्रीय केबिनेट के देने के बाद पांच साल तक एम्स शिलान्यास करने व निर्माण करने की बजाय भाजपा सरकार इसी तिकडम मेें लगी रही कि यह एम्स किसी न किसी बहाने रद्द हो जाये। विद्रोही ने कहा कि भाजपा सरकार ने एम्स के लिए दी गई मनेठी की जमीन को वन भूमि बताकर मनेठी में एम्स बनाने से इनकार कर दिया था लेकिन अहीरवाल की जनता व माजरा के किसानों के त्याग से जब माजरा के किसान कोडियो के भाव में अपनी जमीन भाजपा सरकार की शर्तो पर देने को तैयार हो तब कहीं जाकर आधे-अधूरे मन सेे सरकार एम्स बनाने को तैयार हुई, पर यह एम्स न बने इसके लिए भी प्रयास जारी रखे। लेकिन माजरा के किसानों ने सरकार ही तिकडम को नाकाम करके वह कर दिखाया जो सरकारी की नजरों में असंभव था। विद्रोही ने कहा कि अब फिर से 2024 के लोकसभा चुनाव में वोट हडपने प्रधानमंत्री मोदीजी 16 फरवरी को एम्स शिलान्यास कर रहे है। शिलान्यास के समय मोदी जी फिर जुमला उछालेंगे, पर उनसे पूछा जाये कि सितम्बर 2013 में प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने रेवाडी में पूर्व सैनिकों से जो वादे किये थे, उनका क्या हुआ? पूर्व सैनिकों से किये वादे पूरे करने तो दूर, बिनौला गुरूग्राम में कांग्रेस द्वारा स्वीकृत रक्षा विश्वविद्यालय को बनाने की बजाय इसे चोरी करके गुजरात ले गए। जो प्रधानमंत्री रेवाडी में सितम्बर 2013 को किये अपने वादे पर आज तक खरा नही उतरे, तब सहज अनुमान लगा ले कि 16 फरवरी 2024 को माजरा एम्स के शिलान्यास के समय किये जाने वाले उनके दावों व जुमलों का क्या हश्र होगा। विद्रोही ने अहीरवाल के लोगों से आग्रह किया कि वे मोदी-भाजपा-संघ के किसान, मजदूर, पिछडा, दलित विरोधी चेहरा पहचाने व मोदी-भाजपा की ठगी के जाले में फंसकर अपने पैरों पर खुद कुल्हाडी मारने से बचे। वहीं विद्रोही ने कहा कि 16 फरवरी को माजरा एम्स शिलान्यास के लिए रेवाडी-अहीरवाल क्षेत्र में आ रहे है। ऐसे में प्रधानमंत्री जी से यह सवाल तो बनता है कि अपने को सबसे बडा ओबीसी होने का ढिंढौरा पीटने वाले मोदी बताये जब केन्द्र में ओबीसी क्रीमीलेयर वार्षिक आय सीमा 8 लाख रूपये है तो हरियाणा मं यही सीमा 6 लाख रूपये वार्षिक क्यों? पिछडे वर्ग बाहुल्य क्षेत्र में आकर कथित सबसे बडा ओबीसी जब इस क्षेत्र के पिछडे के अधिकारों की रक्षा पीएम रहते हुए भी करने में अक्षम हो तो फिर क्या ना माना जाये मोदी जी नकली ओबीसी है? Post navigation 19813 बूथों पर 24 घंटे के लिए शुक्रवार उतरेंगे भाजपा कार्यकर्ता पूर्व पीएम स्व.लाल बहादुर शास्त्री के बेटे सुनील शास्त्री ने कुरुक्षेत्र से मांगा टिकट ……..