कई राज्यों की टीम कर चुकी है इसका अध्ययन

पीपीपी से पात्र लोगों को सरकार की कल्याणकारी  योजनाओं का  घर बैठे ही मिल रहा लाभ

पीपीपी के प्रति लोगों का संतुष्टि स्तर और अधिक बढ़ाने की दिशा में कार्य करे सम्बंधित अधिकारी

चंडीगढ़, फरवरी 8 – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि परिवार पहचान पत्र (पीपीपी)  के माध्यम से प्रदेश  के 2  करोड़ 80  लाख लोगों  के डाटा का सफल विश्लेषण करने  के बाद हम एक बेहतरीन परियोजना दुनिया के सामने रख सकेंगे। दुनिया भर में परिवार पहचान पत्र जैसी व्यवस्था कहीं भी नहीं है।  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी हरियाणा की इस अनूठी  परियोजना का अध्ययन करने के लिए  कहा है जिसके बाद कई राज्यों ने अपनी टीम हरियाणा में भेजी हैं।  

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल आज पंचकूला में परिवार पहचान पत्र को लेकर आयोजित एक वर्कशॉप को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे।  

श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा  पात्र लोगों को सभी तरह की सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ देने की अवधारणा को साकार करने के लिए हरियाणा परिवार पहचान पत्र परियोजना शुरू की गई थी।  हालांकि पहले नागरिकता की पहचान के लिए आधार कार्ड की व्यवस्था थी, लेकिन  समाज में परिवार, जिसमे बच्चे से लेकर वृद्धजन  होते हैं, के डाटा की सटीक जानकारी के लिए समुचित व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने कहा कि 2011  की जनगणना के डाटा अनुसार ही प्रदेश में बहुत से कल्याणकारी योजनाएं लागू की जा रही थी। हमने अधिकारियों के सहयोग से परिवार पहचान पत्र को  शुरू किया है जिसके बेहतरीन  नतीजे सामने आ रहे हैं।  

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से परिवार पहचान पत्र के प्रति लोगों का संतुष्टि स्तर और अधिक बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि परिवार पहचान पत्र के आने से पहले अपात्र लोग भी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा लेते थे और  पात्र लोग वंचित रह जाते थे।  आज  सरकार के पास परिवार की सही जानकारी होने से पात्र लोगों को सभी योजनाओं का लाभ घर बैठे ही मिल रहा है जिसमे ओल्ड एज पेंशन, बीपील  कार्ड सहित अन्य कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं।  

श्री मनोहर लाल ने कहा कि परिवार पहचान पत्र को लेकर आय सम्बन्धी त्रुटियों को सही करते समय अधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि लोगों में किसी प्रकार की निराशा न  हो और परिवार पहचान पत्र  के प्रति जनता  में विश्वाश और मज़बूत हो।  साथ ही इस परियोजना की सफलता के लिए लोगों से मिलने वाले बेहतरीन सुझावों को भी शामिल करने की दिशा में भी कार्य करें।  उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक परिवार को खुशहाल बनाने में परिवार पहचान पत्र परियोजना मील का पत्थर साबित होगी।  

इस अवसर पर परिवार पहचान पत्र को लेकर आयोजित वर्कशॉप में उपस्थित मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी  उमाशंकर ने बताया कि आज 11  ज़िलों की यह वर्कशॉप आयोजित की गई है जिसमें विभिन्न सत्रों में अधिकारियों से अच्छे सुझाव आये हैं।  उन्होंने वर्कशॉप में आयोजित सत्रों को लेकर भी जानकारी दी।  

इस अवसर पर हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री विकास गुप्ता और नागरिक संसाधन सूचना विभाग की सचिव श्रीमती सोफ़िया दहिया भी उपस्थित थी।  

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