विगत दस सालों में चाहे केन्द्र की मोदी सरकार हो या हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार, दोनो ने अहीरवाल के विकास व सामाजिक सरोकारों से बारे में भी कभी ईमानदारी से काम नही किया : विद्रोही

इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर से लेकर राव बिरेन्द्र सिंह इंजीनियरिंग कालेज, पोलीटैक्नीक संस्थान व कालेज, स्कूलों तक के विकास व विस्तार के लिए न तो पर्याप्त धन दिया और न ही छात्रों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त प्रिंसीपल, प्राध्यापक, शिक्षक नियुक्त किये : विद्रोही

08 फरवरी 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से मांग की कि वे कम से कम अपने अंतिम बजट में तो अहीरवाल क्षेत्र के आधे-अधूरे विकास परियोजनाआं के लिए पर्याप्त बजट राशी दे ताकि 9 सालों से आधे-अधूरे पडे विकास प्रोजेक्ट तो पूरे हो सके। विद्रोही ने आरोप लगाया कि विगत नौ सालों में भाजपा खट्टर सरकार ने विकास व सामाजिक सरोकारों के मामले में अहीरवाल के साथ भारी भेदभाव व सौतेला व्यवहार किया है। भाजपा खट्टर सरकार का इस कार्यकाल का यह अंतिम बजट है, यदि इस अंतिम बजट में भी भाजपा सरकार अहीरवाल के लोगों की भावना के अनुरूप यहां के विकास कार्यो के लिए पर्याप्त बजट नही देती है तो सहज अनुमान लगा ले कि सत्ता हाथ से छिटकने के समय भी जो सरकार अहीरवाल को न्याय नही देती, ऐसी सरकार कितनी अहीरवाल विरोधी सोच की है, यह बताना भी बेमानी है।  

विद्रोही ने कहा कि विगत दस सालों में चाहे केन्द्र की मोदी सरकार हो या हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार, दोनो ने अहीरवाल के विकास व सामाजिक सरोकारों से बारे में भी कभी ईमानदारी से काम नही किया। इसका जीता जागता प्रमाण बिनौला का रक्षा विश्वविद्यालय है जिसकी सभी औपचारिकता कांग्रेस राज में पूरी होने के बाद भी मोदी सरकार ने एक ईंट भी निर्माण के नाम पर नही लगाई है। वहीं माजरा एम्स निर्माण को विगत 9 सालों में जिस तरह से वोट बैंक की औच्छी राजनीति के लिए फुटबाल बना रखा है, वह सबके सामने है। जो सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र के सबसे बडे शिक्षण व ईलाज संस्थान एम्स को भी वोट बैंक की औच्छी व गंदी राजनीति के चलते शिलान्यास को भी भावनात्मक रूप से ठगकर वोट हडपने का हथियार बनाती है, वह सरकार किस मानसिकता की सरकार है बताना भी बेमानी है।  

विद्रोही ने आरोप लगाया कि अहीरवाल के लोगों को प्रगति की होड़ में पीछे धकेलने के लिए भाजपा खट्टर सरकार ने विगत 9 सालों में अहीरवाल के शिक्षण संस्थानों के प्रति उपेक्षापूर्ण व्यवहार किया है। इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर से लेकर राव बिरेन्द्र सिंह इंजीनियरिंग कालेज, पोलीटैक्नीक संस्थान व कालेज, स्कूलों तक के विकास व विस्तार के लिए न तो पर्याप्त धन दिया और न ही छात्रों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त प्रिंसीपल, प्राध्यापक, शिक्षक नियुक्त किये और न ही अहीरवाल की शिक्षण संस्थानों का आधारभूत ढांचा मजबूत किया। यहां तक पिछडे, दलित बाहुल्य क्षेत्र के लोगों के आरक्षण पर भी कैंची चलाने व उनकी पोस्टों पर उन्हे नियुक्तियां न देने के लिए सत्ता बल पर बार-बार षडयंत्र किये। पिछडे, दलित वर्ग के लोगों को आरक्षण से बाहर रखने क्रीमीलेयर सीमा जान-बूझकर कम करके छह लाख रूपये वार्षिक की ताकि इस क्षेत्र के प्रतिभाशाली पिछडे वर्ग के युवाओं को आरक्षण का लाभ न मिल सके। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने कहा कि अहीरवाल के लोग सहज अनुमान लगा ले कि केन्द्र की मोदी सरकार व हरियाणा की भाजपा खट्टर सरकार अहीरवाल की कितनी हितैषी है?  

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