चंडीगढ़ मेयर चुनाव धांधली का जो वीडियो वायरल हुआ है, उसे मोदी-भाजपा-संघ व गोदीे मीडिया में बैठे संघी भक्तों को छोडकर पूरे देश के सभीे लोकतंत्र प्रेमी नागरिकों को झंजोड़कर रख दिया : विद्रोही सवाल उठता है कि जब चुनावों में जनादेश की पवित्रता ही खत्म हो रही है, तब देश में लोकतंत्र बचा कहा है? विद्रोही 06 फरवरी 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने चंडीगढ नगर निगम मेयर चुनाव में ऑन कैमरा हुई धांधली सुप्रीम कोर्ट में उजागर होने पर देशभर के मतदाताओं से आग्रह किया कि अब वे स्वयं अनुमान लगा ले कि देश में विभिन्न चुनावों में भाजपा कैसे जीत रही है। विद्रोही ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम मेयर चुनाव का वीडियो देखने के बाद यह टिप्पणी की कि यह लोकतंत्र की हत्या व चुनाव के नाम पर क्रूर मजाक है। इस टिप्पणी ने मोदी-भाजपा-संघ का फासिस्ट चेहरा बेनकाब कर दिया है। जो भाजपा चंडीगढ़ जैसे शहर के नगर निगम मेयर चुनाव को जीतने सत्ता बल पर इस तरह की खुली बेशर्मीे व धांधली कर सकती है, तब सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव जीतने के लिए मोदी-भाजपा-संघ किस कदर धांधली करते होंगे। सवाल उठता है कि जब चुनावों में जनादेश की पवित्रता ही खत्म हो रही है, तब देश में लोकतंत्र बचा कहा है? विद्रोही ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में खुली धांधली पर चुनाव आयोग को जो संज्ञान लेकर इस चुनाव को रद्द करना चाहिए था, वह संज्ञान न तो पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने लिया और न ही चंडीगढ़ चुनाव आयोग ने लिया। जब सुप्रीम कोर्ट पूरा वीडियो देखकर कैसे खुली धांधली हुई, यह देख सकता है तो हाईकोर्ट व चुनाव आयोग, चंडीगढ़ प्रशासक, केन्द्रीय मोदी-भाजपा सरकार व गृह मंत्रालय ने इस खुली धांधली पर आंखे क्यों मूंदी रखी? सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा उचित आदेश न देने पर चिंता जताई जो बताता है कि आज के जज कानून, संविधान की लाईन टो करके निष्पक्ष-स्वतंत्र निर्णय देने की बजाय भाजपा-संघ कीे लाईन टो करके संघीयों को लाभ पहुंचाने वाले निर्णय देकर अपने जज पद के प्रति अन्याय करके प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष लोकतंत्र, संविधान की हत्या के षडयंत्र में शमिल हो रहे है जो भी बड़ी चिंता का विषय है। विद्रोही ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव धांधली का जो वीडियो वायरल हुआ है, उसे मोदी-भाजपा-संघ व गोदीे मीडिया में बैठे संघी भक्तों को छोडकर पूरे देश के सभीे लोकतंत्र प्रेमी नागरिकों को झंजोड़कर रख दिया है। उससे विपक्ष द्वारा ईवीएम पर उठाये जा रहेेे सवालों का औचित्य भी सिद्ध होता है। जब एक शहर का चुनाव जीतने मोदी-भाजपा-संघ इस निम्नस्तर तक गिर सकते है तब यह बताना भी बेमानीे है कि देश व राज्यों की सत्ता पर अवैध कब्जा करने के लिए वे किस कदर तक गिरकर धांधली करके लोकतंत्र, चुनाव, जनादेश व संविधान की हत्या करते होंगे। विद्रोही ने कहा कि अब भी देश के 94 करोड़े मतदाताओं की आंखे नही खुली और उन्होंने मोदी-भाजपा-संघ के खिलाफ कड़ा स्टैंड नही लिया तो भारत में लोकतंत्र की हत्या होना व संघी फासीजम का आना तय है। Post navigation राज्यसभा में गूंजा हरियाणा की बेरोजगारी का मुद्दा ….. सरकारी स्कूलों को बंद करने का रचा जा रहा है षड्यंत्र:कुमारी सैलजा