अग्निपथ योजना को खत्म करके रेगुलर भर्ती करने की मांग को लेकर सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने संसद में दिया नोटिस

·        भर्ती सभी अग्निवीरों को नियमित सैनिक का दर्जा एवं नियमित सैनिक की तरह सारे लाभसुविधाएं दी जाएँ – दीपेन्द्र हुड्डा

·        अग्निपथ योजना लागू होने से पहले सेना में चयनित सभी 1.5 लाख युवाओं की तत्काल ज्वाइनिंग हो – दीपेन्द्र हुड्डा

·        कांग्रेस सरकार बनने पर अग्निवीरों को रेगुलर सैनिक के तौर पर बदल देंगे और पहले की तरह फौज में रेगुलर भर्ती शुरू करेंगे – दीपेन्द्र हुड्डा

·        अग्निपथ योजना से देश को और विशेषकर हरियाणा को बड़ा नुकसान हुआ क्योंकि इसके लागू होने से पहले हर 10वां सैनिक हरियाणा से था – दीपेन्द्र हुड्डा

चंडीगढ़, 2 फरवरी। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने अग्निपथ योजना को खत्म करके फौज में रेगुलर भर्ती शुरू करने की मांग को लेकर संसद में नोटिस दिया। उन्होंने कहा कि शहीद के बलिदान में फर्क करने वाली अग्निपथ योजना को तुरंत वापस लेकर नियमित भर्तियाँ की जाएँ और भर्ती सभी अग्निवीरों को नियमित सैनिक का दर्जा एवं नियमित सैनिक की तरह सारे लाभ, सुविधाएं देने की मांग उठाई। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि यह योजना न तो देश की सेना के हित में है, न देश के हित में है और न ही देश के युवाओं के हित में है। उन्होंने यह भी मांग करी कि अग्निपथ योजना लागू होने से पहले सेना में चयनित सभी 1.5 लाख युवाओं की तत्काल ज्वाइनिंग दी जाए। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि इस योजना से देश को और विशेषकर हरियाणा को बड़ा नुकसान हुआ है क्योंकि अग्निपथ योजना के लागू होने से पहले हर 10वां सैनिक हरियाणा से था। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि इस योजना के लागू होने से पहले फौज में हर साल हरियाणा से करीब 5500 की पक्की भर्ती होती थी जो अब घटकर सिर्फ करीब 900 रह गई है, इसमें भी 4 साल बाद सिर्फ 200 ही पक्के होंगे और 700 वापस घर लौट जाएंगे। ऐसा करने से दुनिया की सबसे ताकतवर फौज में से एक भारतीय फौज न सिर्फ कमजोर होगी बल्कि बेरोजगारी और ज्यादा बढ़ेगी। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने पर अग्निवीरों को रेगुलर सैनिक के तौर पर बदल देंगे और पहले की तरह फौज में रेगुलर भर्ती शुरू करेंगे।

दीपेन्द्र हुड्डा ने सवाल किया कि इस योजना को देश में लाने की मांग कहां से उठी? ये राजनीतिक फैसला क्यों लिया गया? दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि ये वही भारतीय सेना है जिसने अपने गौरवशाली इतिहास में 1971 में पाकिस्तान को दो टुकड़ों में तोड़ने का काम किया था, कारगिल के युद्ध में पाकिस्तान का सिर झुकाने काम इसी फौज ने किया था। उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना देश की फौज को खोखला करने की योजना है। रेवाड़ी की वीर भूमि से वन रैंक वन पेंशन का नारा लगाने वाली भाजपा दिल्ली की सत्ता पर बैठते ही नो रैंक, नो पेंशन ले आयी। अग्निवीर स्कीम के जरिए बीजेपी सरकार ने देश की सेना को 2 हिस्‍सों में बांटने का काम किया है – नियमित सैनिक और अग्निवीर सैनिक। सरकार शहीद और शहीद में फर्क कर रही है और साथ ही, देश की सेना को कमजोर बना रही है।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि मैने संसद में बार-बार अग्निपथ योजना की खामियों और अग्निवीरों की पीड़ा को उठाया, लेकिन सरकार ने इस पर चर्चा भी नहीं होने दी। अग्निपथ योजना में अग्निवीरों को दिये जाने वाली सुविधाओं और अर्हता में गंभीर विसंगतियाँ सामने आ रही हैं। इस योजना द्वारा शहीद के बलिदान में भी भेदभाव हो रहा है। चिंता का विषय है कि एक अग्निवीर सैनिक व एक नियमित सैनिक की शहादत होने पर शहीद के परिवार को मिलने वाली अनुग्रह राशि में भारी अंतर है और अग्निवीर शहीद को सरकार शहीद का दर्जा भी नहीं दे रही है। शहादत होने पर उनके परिवार को पेंशन या सैन्य सेवा से जुड़ी कोई और सुविधा भी नहीं मिल रही है। अग्निवीर सैनिक को ड्यूटी के दौरान ग्रेच्युटी व अन्य सैन्य सुविधाएं और पूर्व सैनिक का दर्जा व पूर्व सैनिक को मिलने वाली सुविधाएं मिलने का भी कोई प्रावधान नहीं है। यही कारण है कि भर्ती हुए अग्निवीरों में इतनी निराशा, हताशा और रोष है कि एक तिहाई अग्निवीर मायूस होकर ट्रेनिंग बीच में ही छोड़कर वापस घर लौट रहे हैं। देश भर के युवा अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं।

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