एक टीवी चैनल के साथ बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने कहा था कि मेरी भी आशा थी कि मैं सीएम बनूं

मनोहर के टिकने की नहीं थी उम्मीद

बेटी टिकट से वंचित,निर्दलीय भी चुनाव लड़ती तो जीत जाती

रेवाड़ी सीट पर सुनील मुसेपुर की हार को बताया था साजिश, ये सब किसी की शह पर हुआ

अशोक कुमार कौशिक 

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए हरियाणा में सभी दल तैयारियों में जुट गए हैं। सभी दलों के आलाकमान प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर जीतने वाले उम्मीदवार की तलाश शुरु कर दिए हैं। लोकसभा चुनाव के लिए हरियाणा में बीजेपी के नेता भी ताल ठोंकने का दावा करने लगे हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बड़ा ऐलान कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा कि वे लोकसभा चुनाव ही लड़ेंगे। उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने की सभी अटकलों को खारिज कर दिया। इंद्रजीत राव ने कहा कि ये गलत जानकारी है कि मैं विधानसभा का चुनाव लडूंगा। उन्होंने कहा कि पार्टी टिकट देगी तो मैं लोकसभा का चुनाव लड़ूंगा। याद रहे इसे पूरा उन्होंने कहा था कि पार्टी ने उन्हें लोकसभा या विधानसभा कहीं भी उतारा तो वह इसे स्वीकार करेंगे।

इससे पूर्व हरियाणा के गुरुग्राम से सांसद और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा था कि 2014 में जब हरियाणा में भाजपा की सरकार बनी तो उसमें हमारे इलाके का बड़ा योगदान था। उस समय इलाके के साथ-साथ मेरी भी आशा थी कि मैं सीएम बन जाऊं, लेकिन पार्टी ने मनोहर लाल को मुख्यमंत्री बना दिया। इससे हमारे इलाके में मायूसी भी हुई। पर ये पार्टी का फैसला था।

पार्टी ने नहीं दी बेटी को टिकट

एक टीवी चैनल के साथ बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने ये भी बताया था कि वर्ष 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में मैंने बेटी आरती राव के लिए रेवाड़ी सीट से टिकट मांगी थी, लेकिन पार्टी ने नहीं दी। पार्टी ने मुझसे किसी और का नाम पूछा तो मैंने 2014 में रणधीर सिंह कापड़ीवास को टिकट दिलाते हुए उनकी मदद की और 2019 में सुनील मुसेपुर को टिकट दिलाई। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि मेरा मानना है कि अगर 2014 में आरती निर्दलीय भी चुनाव लड़ती तो जीत जाती।

सुनील मुसेपुर की हार को बताया साजिश

केंद्रीय मंत्री ने 2019 में रेवाड़ी सीट पर उनके समर्थित सुनील मुसेपुर की हार पर कहा कि ये सब किसी की शह पर हुआ। मुझे भी ऐसा लगता है। क्योंकि एक नेता को 6 माह तक सस्पेंड किया। इसके बाद उसे किसकी शह पर दोबारा शामिल किया और दो-दो बार चेयरमैन भी बना दिया। जबकि होना ये चाहिए था कम से कम 6 साल के लिए सस्पेंड रखा जाए।

इससे साफ है कि इसमें किसी की शह थी। उनकी इशारा हरियाणा टूरिज्म के चेयरमैन डा. अरविंद यादव की तरफ था। बता दें कि आपसी गुटबाजी के चलते पिछले चुनाव में भाजपा की रेवाड़ी सीट पर हार हुई थी।

मनोहर के कुर्सी पर टिकने की नहीं थी उम्मीद

राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि जब 2019 में मनोहर लाल मुख्यमंत्री बने, उसी दिन से चर्चा शुरू हो गई थी कि ये ज्यादा दिन नहीं रहेंगे। मुख्यमंत्री की रेस में कई बड़े नेताओं के नाम शामिल किए जाने लगे। उनमें एक नाम उनका भी लिया जाने लगा, मेरा मानना है कि ये पार्टी की स्ट्रेटजी थी, ताकि कोई बगावत ना करें।

इंद्रजीत राव की बेटी लड़ सकती हैं विधानसभा का चुनाव

बता दें कि हरियाणा में ये साल काफी अहम हैं। लोकसभा चुनाव के ठीक बाद विधानसभा का चुनाव होना है। ऐसे में चर्चा चल रही है कि इस बार गुरुग्राम से मौजूदा सांसद और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री इंद्रजीत राव लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे और विधानसभा में ताल ठोकेंगे। लेकिन इंद्रजीत राव के इस बयान ने सभी अटकलों और चर्चा पर विराम लगा दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी बेटी आरती राव विधानसभा चुनाव लड़ सकती है।

सुधा यादव भी लड़ सकती हैं चुनाव

बता दें कि इंद्रजीत राव की गिनती हरियाणा के दिग्गज नेताओं में होती है। उनके इस बयान के बाद ये चर्चा शुरु हो गई है कि आखिर बीजेपी उन्हें किस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ाएगी, यह सस्पेंस बन गया है। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम सीट पर बीजेपी की टिकट के सबसे मजबूत दावेदार है। लेकिन मुश्किल ये है कि गुरुग्राम सीट पर ही बीजेपी संसदीय बोर्ड की सदस्य डा. सुधा यादव भी इस बार सक्रिय है। सुधा यादव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर सुधा यादव चुनाव लड़ेंगी तो इंद्रजीत राव को किसी दूसरी सीट से टिकट दिया जा सकता है।

राव इंद्रजीत को इस सीट से मिल सकता है मौका

बताते चलें कि राव इंद्रजीत सिंह इसी गुरुग्राम लोकसभा सीट से लगातार 3 बार से सांसद है। इनमें दो बार (2014-2019) में बीजेपी और 2009 में कांग्रेस की टिकट पर सांसद बने। गुरुग्राम लोकसभा सीट 2009 में ही अस्तित्व में आई थी और पहली बार इस सीट पर राव इंद्रजीत सिंह ने पहली बार जीत दर्ज की थी। इससे पहले गुरुग्राम जिला महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के अधीन आता था। राव इंद्रजीत सिंह महेंद्रगढ़ सीट से भी 2 बार सांसद रहे है। महेंद्रगढ़ सीट के अधीन आने वाले दो जिलों गुरुग्राम और रेवाड़ी को तोड़कर इसमें भिवानी-दादरी को मिलाने के बाद इसे भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र बनाया गया। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि इस बार राव इंद्रजीत सिंह को बीजेपी भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से भी लड़ा सकती है।

error: Content is protected !!