सभी सिख गुरुओं की हरियाणा में जो भी निशानियां व स्मृतियां हैं, उन्हें स्मारक में किया जाएगा संरक्षित।

मुख्यमंत्री ने हरियाणा के सिखों की सेवा में खट्टर नामक पुस्तक का किया विमोचन।

बाबा बंदा सिंह बहादुर की राजधानी लोहगढ़ में बन रहा स्मारक।

गुरुओं के दिखाए हुए रास्तों पर चलकर समाज की भलाई के लिए करें कार्य।

हरियाणा के 2.80 करोड़ लोग मेरा परिवार, उनके लिए करता हूं कार्य : मनोहर लाल।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र 31 जनवरी : सिख गुरु परंपराओं व उनकी स्मृतियों को संजोने की दिशा में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि जिला कुरुक्षेत्र में पिपली के नजदीक एक भव्य स्मारक बनाया जाएगा, जिसमें सभी सभी सिख गुरुओं की हरियाणा में जो भी निशानियां व स्मृतियां हैं, उन्हें इस स्मारक में संरक्षित किया जाएगा, ताकि भावी पीढ़ी गुरुओं के जीवन में मानवता की सेवा का अमर संदेश की प्रेरणा ले सकें। यह संग्रहालय निश्चित ही एक पर्यटन का केन्द्र बनेगा।

मुख्यमंत्री बुधवार को जिला कुरुक्षेत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में हरियाणा के सिखों की सेवा में खट्टर नामक पुस्तक का विमोचन करने उपरांत उपस्थित जनों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लेखक और प्रकाशक को इस पुस्तक का टाइटल बदलने की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुस्तक में पिछले साढ़े 9 सालों में सिख गुरुओं के इतिहास को संजोने के लिए किए गए अनेक कार्यों जैसे गुरु नानक देव जी, गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व व गुरु तेग बहादुर जी, बाबा बंदा सिंह बहादुर जी से संबंधित जितने भी कार्यक्रम हुए हैं, उनका उल्लेख किया गया है। उन्होंने पुस्तक के लेखक डॉ प्रभलीन सिंह तथा पुस्तक के प्रकाशन हेतु सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक मनदीप सिंह बराड़ की सराहना की। यह पुस्तक अंग्रेजी, हिन्दी और पंजाबी तीनों भाषाओं में उपलब्ध है।

बाबा बंदा सिंह बहादुर की राजधानी लोहगढ़ में बन रहा है स्मारक
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख राज्य की स्थापना करने वाले बाबा बंदा सिंह बहादुर की राजधानी लोहगढ़, जिला यमुनानगर में देश और दुनिया के लिए बेहतरीन भव्य स्मारक बनाया जाएगा। इसके लिए लोहगढ़ ट्रस्ट को 20 एकड़ जमीन दे दी गई है। उन्होंने कहा कि जिला सोनीपत के बडख़ालसा गांव के सिख युवक भाई कुशाल सिंह दहिया ने गुरु तेग बहादुर जी के शीश के स्थान पर अपने शीश का दान दिया, ताकि गुरु जी का शीश आनंदपुर साहिब पहुंच जाये, उनकी ये कुर्बानी हम सभी को याद रहेगी। उनकी इस शहादत के सम्मान में हमने बडख़ालसा में एक स्मारक बनाया है।

गुरु घरों के प्रबंधन के लिए अलग से बनाई हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में गुरु घरों के प्रबंधनों को लेकर भी लंबे वर्षों से विवाद चलता रहा और हमने सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी करके हरियाणा के लिए अलग से गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनाई। यह राजनीतिक विषय नहीं था, लेकिन पंजाब की स्थिति को देखते हुए हरियाणा में गुरुद्वारों का प्रबंधन सही तरीके से हो सके, इसलिए अलग कमेटी बनाई गई। हमारा मानना है कि गुरु घरों से राजनीति अलग रहनी चाहिए। हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव के लिए अलग से चुनाव आयोग बनाया गया है और यह उम्मीद है कि चुनाव कार्यक्रम जल्द जारी हो जाए, ताकि चुनी हुई कमेटी सही तरीके से गुरु घरों की संभाल कर सके।

गुरुओं के दिखाए हुए रास्तों पर चलकर समाज की भलाई के लिए करें कार्य।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुओं की बाणी में कथाओं में शौर्य, बहादुरी और करुणा के भाव मिलते हैं। केवल इतिहास पढ़ने से कुछ नहीं होगा, बल्कि हम सभी को समाज की भलाई के लिए गुरुओं के दिखाए हुए रास्तों पर चलकर आगे बढ़ना है। धर्म, देश और समाज की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है और साथ ही मानवता की सेवा भी हमारा कर्म है।

हरियाणा के 2.80 करोड़ लोग मेरा परिवार, उनके लिए करता हूं कार्य
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विपक्ष के नेता कहते हैं कि मनोहर लाल का अपना परिवार नहीं है, लेकिन मैं हरियाणा के 2 करोड़ 80 लाख लोगों को अपना परिवार मानता हूं और उनके कल्याण के लिए कार्य करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गत दिवस ही उन्होंने गांव बनियानी में स्थित अपना पैतृक मकान समाज को दान कर दिया, ताकि वहां लाइब्रेरी बनाई जा सके। बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण कर शिक्षा व अपनी योग्यता से मेरिट पर सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकें।

संतों के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए बनाई संत-महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रचार प्रसार योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में जितने भी महापुरुष हुए हैं, चाहे वह किसी भी जाति या संप्रदाय से हों, सभी का संदेश केवल मानवता की सेवा करना है। इसलिए हमने संत-महापुरुषों के विचारों व संदेश को जन- जन तक पहुंचाने के लिए संत-महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रचार प्रसार योजना चलाई है, जिसके तहत सभी महापुरुषों की जयंतियां व स्मृति दिवस सरकारी स्तर पर मनाई जा रही हैं, ताकि युवा पीढ़ी इन महापुरुषों के जीवन से समाज सेवा की प्रेरणा ले सकें। उन्होंने कहा कि हम भी संतों-महापुरुषों के दिखाए रास्ते पर चलते हुए अंत्योदय की भावना से पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति को मुख्यधारा में लाने के लिए कार्य कर रहे हैं।

सांसद संजय भाटिया ने लेखक डॉ. प्रभलीन और डीजीआईपीआर मंदीप सिंह के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सिख समाज के लिए कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम को ऐतिहासिक और यादगार बनाने का अनोखा प्रयास किया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वयं गुरुओं के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से पानीपत, सिरसा और यमुनानगर में ऐतिहासिक समागमों का आयोजन किया। पंजाब की बजाए हरियाणा में गुरुओं के प्रकाश पर्व बड़े अच्छे और भव्य तरीके से मनाए गए। इन प्रकाश पर्वो में लाखों की संख्या में संगत पंहुचे। इस देश के 75 सालों के इतिहास में युवा पीढ़ी को मुगलों का इतिहास पढ़ाने का काम किया लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवा पीढ़ी को देश का वास्तविक इतिहास पढ़ाने का काम किया।

हरियाणा के राज्यमंत्री संदीप सिंह ने मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच के कारण ही आज कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर एक नया इतिहास जुड़ा है। इस दिन हरियाणा में सिख समाज के लिए किए गए कार्यो को एक पुस्तक में तथ्यों सहित दर्शाने का अनोखा प्रयास किया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल गुरुओं के आदर्शों को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री समाज के अन्तिम और जरूरतमंद व्यक्ति की मदद कर रहे हैं। इस प्रकार के कार्यक्रमों से युवा पीढ़ी को गुरुओं के इतिहास को जानने का और जीवन में आदर्शों को अपनाने का अवसर मिलता है। पूर्व सांसद त्रिलोचन सिंह का स्वास्थ्य खराब होने के कारण पुस्तक के लेखक डॉ. प्रभलीन सिंह ने पुस्तक में उल्लेखित जानकारियों पर विस्तार से प्रकाश डाला और सिखों की सेवा के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा प्रदेश में किए गए कार्यो की प्रशंसा की है।

लेखक डॉ. प्रभलीन सिंह ने कहा कि पानीपत में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को उन्होंने जब गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाशोत्सव में सेवादार बनकर कार्य करते हुए देखा तब इस पुस्तक के लेखन का विचार उनके मन में आया और हरियाणा में सिख गुरुओं के इतिहास पर शोध कार्य किया। हरियाणा की पावन धरा पर अधिकतर सिख गुरुओं ने अपने चरण रखे और इस पावन धरा के साथ सिख गुरुओं का लम्बा इतिहास रहा। इन तमाम पहलुओं को उन्होंने हरियाणा में सिखों की सेवा में खट्टर पुस्तक में संकलित किया है।

एचएसजीपीसी के महासचिव एवं प्रवक्ता रमणीक सिंह मान ने अच्छे और सफल आयोजन के लिए डीजीआईपीआर मंदीप सिंह और पुस्तक लेखन के लिए डॉ. प्रभलीन सिंह की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच के कारण ही आज सिख समाज की तमाम मांगे पूरी की जा रही हैं और जितनी भी लम्बित समस्याएं थी उनका निदान किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में पर्यावरणविद सतेन्द्र सिंह बंगा, समाजसेवी कार्यकर्ता हरप्रीत कौर, प्रगतिशील किसान सुरेन्द्र सिंह बैदवाला ने भी अपने विचार रखे। मंच का संचालन डॉ. कुलदीप सिंह ने किया।

इस मौके पर सूचना जन सम्पर्क भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक मंदीप सिंह, उपायुक्त शांतनु शर्मा, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र भौरिया, पद्मश्री जगजीत सिंह दर्दी, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, एचएसजीपीसी के प्रवक्ता कंवलजीत सिंह अजराना, सदस्य रविन्द्र कौर, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य साहिल सुधा, समाजसेवी लेफ्टिनेंट विक्रमजीत सिंह, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच, भाजपा के जिलाध्यक्ष रवि बतान, पूर्व चेयरमैन हरपाल सिंह चीका, मोहनजीत सिंह, जगसीर सिंह मांगना, विनर सिंह, गुरबख्श सिंह, छत्रपाल सिंह, तेजेन्द्र सिंह, इकबाल सिंह सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।

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