– भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की संपत्ति को अटैच करने का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा गया, कुछ मामलों में की गई कार्रवाई

– अंबाला व पंचकूला डिवीजन के 24 शिकायकर्ताओं को एसीबी महानिदेशक ने किया सम्मानित

चंडीगढ़, 24 जनवरी- सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सक्रिय अभियान में, हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के अनुरूप, पिछले वर्ष भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों की एक रिकॉर्ड संख्या दर्ज की है, जिसने राज्य सरकार को सरकारी कार्यालयों में भ्रष्ट आचरण पर अंकुश लगाने में सक्षम बनाया है। ब्यूरो ने वर्ष 2023 में 205 मामले (152 रेड सहित) दर्ज किए, जो पिछले 10 वर्षों में दूसरी सबसे अधिक संख्या है। ब्यूरो ने वर्ष-2023 में 152 छापेमारी की और मौके पर ही 86,12,300 रुपये बरामद किए और वर्ष 2023 के दौरान 30 राजपत्रित अधिकारी, 156 गैर-राजपत्रित अधिकारी और 40 निजी व्यक्तियों सहित 186 सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया।

यह जानकारी आज हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने ब्यूरो के कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी। इससे पूर्व महानिदेशक ने पंचकूला व अंबाला के 24 शिकायतकर्ताओं को प्रशस्ति पत्र भेंट करते हुए सम्मानित किया गया।  उन्होंने कहा कि गत वर्ष 205 केसो में से 152 केस छापेमारी के आधार पर दर्ज किए गए थे और 53 मामले शिकायतों व पूछताछ के आधार पर दर्ज किए गए थे। इस प्रकार, औसतन, हर महीने 16 सरकारी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

-शिकायकर्ताओं को प्रशंसा पत्र भेंट करते हुए किया गया सम्मानित

उन्होंने बताया कि किसी भी रेड को सफल बनाने में शिकायतकर्ता की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने शिकायकर्ताओं को रेड की सबसे मजबूत कड़ी बताते हुए उनसे फीडबैक भी लिया। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर भी एंटी करप्शन ब्यूरों के कार्यालय स्थापित किए गए हैं जो आप्रेशनल है। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में शिकायतकर्ताओं को अपने कर कमलों से सम्मान पत्र भेंट करते हुए उनका मनोबल बढ़ाया। उन्होंने बताया कि ब्यूरो द्वारा रेड के बाद भी संबंधित कार्यालयों में उनके लंबित मुद्दो के संबंध में शिकायतकर्ताओं को सुविधा प्रदान की जाती है।

– कई मामलों में भ्रष्ट लोक सेवकों की संपति को अटैच करने के लिए प्रस्ताव किया गया मंजूर

उन्होंने बताया कि ब्यूरो द्वारा कई भ्रष्ट लोक सेवकों की संपत्ति को अटैच करने के लिए सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया। सरकार की सहमति के बाद ऐसे भ्रष्टाचार के मामलों में न्यायालय में अपराध की आय से अर्जित संपत्ति को लेकर याचिका दायर की गई जोकि एडवांस स्टेज पर है। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत ब्यूरो ने 12 राजपत्रित अधिकारियों , 10 अराजपत्रित अधिकारियों तथा 7 निजी व्यक्तियों के खिलाफ 31 जांचे दर्ज की गई हैं। इसी प्रकार, वर्ष 2023 में 82 जांचे पूरी गई। ब्यूरो द्वारा  34 राजपत्रित अधिकारियों, 10 अराजपत्रित अधिकारियों और 47 निजी व्यक्तियों के खिलाफ 14 जांचों में आपराधिक मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई। 22 जांचो में 12 राजपत्रित अधिकारियों, 27 अराजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई तथा 9 अन्य जांचो में 19 राजपत्रित अधिकारियों , 32 अराजपत्रित अधिकारियों तथा 66 निजी व्यक्तियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई तथा आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए लिखा गया है। इसी प्रकार, 45 जांचों में 65 राजपत्रित अधिकारियों , 69 अरापत्रित अधिकारियों तथा 113 निजी लोगों कार्रवाई करने के लिए कहा गया है तथा शेष 37 जांचो में आरोप सिद्ध न होने के चलते इन्हे बंद कर दिया गया। इसके साथ ही, ब्यूरो द्वारा 10 तकनीकी रिपोर्टों को सरकार के पास भेजा गया है जिसमें 9 राजपत्रित अधिकारियों , 5 अराजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा गया है।

– कार्यशैली में बदलाव कर किस प्रकार ब्यूरों ने भ्रष्ट अधिकारियों पर कसा शिकंजा

उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अपना ध्यान निचले स्तर के कर्मचारियों जैसे क्लर्कों, पटवारियों, लाइनमैनों, पुलिस कर्मियों आदि से हटाकर वरिष्ठ रैंकों पर स्थानांतरित कर दिया है, जो अक्सर संगठित भ्रष्टाचार रैकेट चलाने वाले सरगना होते हैं। छापेमारियों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की गिरफ्तारियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि को मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के निर्देशों के तहत ब्यूरो द्वारा एक सफाई अभियान के रूप में देखा जा रहा है, जो सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए उनकी जीरो टॉलरेंस की नीति का एक हिस्सा है।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी दी है, जैसे सरकारी अधिकारियों द्वारा रिश्वत की मांग करने वाले पीड़ित लोगों को ‘ट्रैप मनी‘ प्रदान करने के लिए एक रिवॉल्विंग फंड की स्थापना। उन्होंने बताया कि इससे शिकायतकर्ताओं को अब अपनी जेब से ट्रैप मनी की व्यवस्था करने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। सरकार ने एसीबी को मजबूत बनाने के लिए 809 अतिरिक्त पदों को मंजूरी दी है, सूचना लीक न हो, इसमे जांच के लिए स्वतंत्र गवाहों की नियुक्ति की प्रणाली को बदल दिया है एवम छह मंडल भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो बनाए हैं। इसके अलावा, हरियाणा में वर्ष 2023-2024 के लिए भ्रष्टाचार विरोधी पहलों को मजबूत बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

उन्होंने आगे बताया कि 49 पुलिसकर्मी, राजस्व विभाग के 21 अधिकारी/कर्मचारी, बिजली विभाग के 10, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के 7, शहरी स्थानीय निकायों के 6, स्वास्थ्य सेवाओं के 5, सहकारिता के 4, शिक्षा विभाग के 4, आबकारी एवं कराधान विभाग के 4, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के 4, लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी के 4, विकास एवं पंचायत विभाग के 2, वन विभाग के 2, गृह रक्षकों के 2, सिंचाई विभाग के 2, न्याय प्रशासन विभाग के 2, भूमि अभिलेख एवं समेकन के 2, कारागारों के 2 और लेखा एवं कोषागार, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, हरियाणा कृषि कौशल रोजगार निगम, हरियाणा राज्य भंडारण निगम, गृह, एचएसआईआईडीसी, एचएसवीपी, श्रम एवं रोजगार, खनन एवं भूविज्ञान, पंचायती राज, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण, कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण एवं परिवहन आदि के 14 कर्मचारियों को अलग-अलग मामलों में ₹1,000 से ₹10 लाख तक की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था।

उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सहयोग करें और यदि कोई व्यक्ति सरकारी काम करने की एवज में रिश्वत की मांग करता है तो तुरंत उसकी सूचना हेल्पलाइन नंबर- 18001802022 तथा 1064 अथवा व्हाट्सएप नंबर- 9417891064 पर दें।

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